
देहरादून: आजकल बच्चों में Tomato Flu यानी टमाटर बुखार फैल रहा है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों में फैल रही हैंड फुट माऊथ डिजीज (Hand, Foot and Mouth Diease – HFMD) यानी टोमैटो फ्लू से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को टोमैटो फ्लू को लेकर अलर्ट कर दिया है।
क्या होता है ये टोमैटो फ्लू (Tomato Flu)
कोरोना वायरस और उसके बाद मैंकीपॉक्स से घबराई दुनिया को अब एक नई बीमारी का डर सता रहा है। टोमैटो फ्लू यानी टमाटर बुखार नाम की ये नई बीमारी अब लोगों की नींद उड़ा रही है। कहा जा रहा है कि टोमैटो फ्लू बीमारी की शुरुआत भारत में ही हुई है। दरअसल, 17 अगस्त को लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक लेख में कहा गया कि भारत में एक नई बीमारी सामने आई है- टोमैटो फ्लू। इसके अभी तक 80 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। तो क्या वाकई भारत से ही इस नई महामारी का जन्म हो रहा है और क्या कोरोना वायरस और मंकीपॉक्स के बाद एक और नई बीमारी का हमें सामना करना होगा। पहले समझें कि ये टोमैटो फ्लू क्या है और कहां से आया है?
ज्ञात हो कि टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) वायरस के संक्रमण का सबसे पहला केस केरल में इसी साल 6 मई को मिला था। इसके शुरूआती लक्षण कोरोना से काफी मेल खाते हैं, लेकिन यह वायरस SARS-CoV-2 से रिलेटेड नहीं है बल्कि ये एक वायरल इन्फेक्शन है। Tomato Flu बच्चों में चिकनगुनिया और डेंगू जैसे फीवर के बाद डेवेलप हो सकता है। इस बीमारी में शरीर पर लाल रंग के चकत्ते बन जाते हैं, जो कि काफी दर्दनाक भी होते हैं। ये बड़े हो कर टमाटर के आकार तक पहुंच सकते हैं। इसलिए इनको टोमैटो फ्लू का नाम दिया गया है। इस बीमारी में बुखार के साथ थकान, लाल दाने, जोड़ो में दर्द हो सकता है।
कहां कहां मिले टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) के मामले
अभी तक देश में केरल के अतिरिक्त तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा में टोमैटो फ्लू के मामले पाए गए हैं। यूपी और राजस्थान में भी इस तरह के लक्षण वाले मामले रिपोर्ट हुए हैं। यही वजह हैं कि कोरोना के कहर से सहमी तमाम राज्य सरकारें अलर्ट हो गई हैं और उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने जिलों को अलर्ट कर दिया है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि टोमैटो फ्लू का संक्रमण खांसने, छींकने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के करीबी संपर्क बनाने, थूक या लार के संपर्क से भी यह फैलता है। संक्रमित होने के बाद पीड़ित बच्चे को बुखार के साथ साथ शरीर में दर्द, जी मिचलाना, भूख न लगना, गले में सूजन व दर्द, दस्त लगना, जोड़ों में सूजन के साथ ही एक से दो दिन के भीतर मसूड़ों, चेहरे, जीभ, हाथ व पंजों में चकत्ते आ जाते हैं।
लिहाजा टोमैटो फ्लू से बचाव के लिए संक्रमित बच्चे या व्यक्ति को बीमारी की अवधि के दौरान आईसोलेट करना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं कि बच्चे टोमैटो फ्लू होने परचकत्तों को न रगड़ें और मास्क का प्रयोग जरूर करें।
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार ने सभी DMs व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMOs) को निर्देश दिए हैं कि वह टोमैटो फ्लू की कड़ी निगरानी करें। साथ ही सभी राजकीय व निजी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को इसके बारे में जागरूक भी करें । उन्होंने आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से भी जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए।
टोमैटो फ्लू हो जाए तो घबराएं न और करें
यह उपचार
डॉ. आर राजेश कुमार के अनुसार टोमैटो फ्लू मामूली रोग के रूप में दिखाई देता है और यह सामान्य लक्षणों के साथ खुद ही ठीक होने वाला रोग है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार थोड़ी सी सावधानी से इस रोग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है। अगर बच्चे में इसके लक्षण दिखते हैं तो उसकी बॉडी हाईड्रेट रहे यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके लिए खूब मात्रा में पानी व लिक्विड पदार्थ लेने चाहिए। साथ ही संतुलित आहार जैसे हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन, विटामिन सेवन करें। बुखार व दर्द के लिए पैरासिटामाल का इस्तेमाल करें।