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NFDD बैठक में कैबिनेट मंत्री बहुगुणा ने केंद्रीय मंत्री रुपाला से की मांग: लंपी से निपटने को केंद्र दे मदद, 2000 मत्स्य पालकों को ट्रेनिंग, 35 मोबाइल वेटनरी वैन और 500 मारिनो भेड़ आयात की मांगी मंजूरी

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दिल्ली: नई दिल्ली में केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री पुरुषोतम रुपाला की अध्यक्षता में आयोजित एन0एफ0डी0डी0 की प्रबन्धन कमेटी की 9वीं वार्षिक बैठक में उत्तराखण्ड के पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन मंत्री सौरव बहुगुणा ने हिस्सा लिया।

बैठक में प्रदेश में फैल रहे “लम्पी स्किन डिजीज” पर नियंत्रण पाने हेतु भारत सरकार से आवश्यक सहयोग एवं राज्य के पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों के संबंध में भी विचार विमर्श किया गया। कैबिनेट मंत्री बहुगुणा ने केन्द्र सरकार द्वारा मात्स्यिकी क्षेत्र के समग्र विकास हेतु संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य के लिए पिछले दो वर्षो में स्वीकृत प्रोजेक्ट 114.22 करोड़ रुपए के लिए भारत सरकार एवं एन0एफ0डी0डी0 का धन्यवाद दिया।

उन्होंने बैठक में बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में मात्स्यिकी विकास को लेकर बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज सहित पंचवर्षीय योजना तैयार की गयी है। इसके लिए भारत सरकार एवं एन0एफ0डी0डी0 से मात्स्यिकी क्षेत्र में निर्मित अवरंचनाओं एवं फसल के बीमा, पर्वतीय क्षेत्रों में निर्बल वर्ग के सहायता हेतु रनिंग वाटर तालाब निर्माण, ग्राम समाज के तालाबों का सुधार जैसी गतिविधियों को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में सम्मिलित करते हुए राज्य हेतु योजना में अधिक से अधिक धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया गया। उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत अनुदान धनराशि को भी बढ़ाये जाने का अनुरोध किया गया, साथ ही उत्तराखण्ड में पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्र होने के दृष्टिगत दोनों क्षेत्रों में 01-01 राज्य स्तरीय इण्टीग्रेटेड एक्वापार्क स्थापित कराये जाने की भी मांग की।

सौरव बहुगुणा द्वारा मत्स्य विभाग, भारत सरकार से उत्तराखण्ड राज्य में अवस्थित शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय, भीमताल जो भारत सरकार का उपक्रम है, से राज्य को लाभ प्राप्त किये जाने के उद्देश्य से अनुरोध किया गया कि अनुसंधान निदेशालय में प्रतिवर्ष राज्य के 2000 मत्स्य पालकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करायी जाये जिससे कि राज्य के मत्स्य पालकों का कौशल विकास होते हुए नवीन तकनीकी से लाभान्वित हो सके। इसके अलावा राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय के माध्यम से एंग्लिंग पर्यटन के विकास हेतु अभिनव तकनीकियां का सम्मिलित करते हुए एक विशिष्ट राज्य स्तरीय एंग्लिंग पोर्टल तैयार किये जाने का अनुरोध किया गया।

नेशनल डिजीटल लाईवस्टाक मिशन योजना जो राज्य के 02 जनपदों में संचालित है, को राज्य के समस्त (13) जनपदों में संचालित करने की स्वीकृति तथा योजना के संचालन हेतु आवश्यक धनराशि अवमुक्त करने का भी अनुरोध किया गया। इसके साथ ही पशुपालकों को उनके द्वार पर मोबाईल वेटरिनरी वैन के माध्यम से आधुनिक तकनीकी से परीक्षण व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राज्य को 35 अतिरिक्त मोबाईल वेटरिनरी वैन उपलब्ध कराने, मोबाईल वेटरिनरी वैन के संचालन हेतु धनराशि अवमुक्त करने का भी अनुरोध किया गया।

राज्य में भेड़ों के नस्ल सुधार तथा ऊन की गुणवत्ता में सुधार हेतु नेशनल लाईवस्टाक मिशन के अन्तर्गत 500 मेरिनो भेड़ों के आयात की स्वीकृति प्रदान करने, पशु रोगों पर नियंत्रण हेतु राज्यों को सहायता तथा पी.पी.आर. रोग उन्मूलन योजनान्तर्गत प्रेषित प्रोजक्टों के अनुसार धनराशि यथाशीघ्र अवमुक्त करने का भी अनुरोध किया गया। नेशनल डेरी प्लान-2 में उत्तराखण्ड राज्य को सम्मिलित करने तथा जीका-बी समर्थित डेरी विकास के अन्तर्गत भी आवश्यक सहयोग प्रदान करने की भी अपेक्षा की गयी।

केन्द्रीय मंत्री द्वारा भारत सरकार स्तर से उत्तराखण्ड राज्य को आवश्यक सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया गया।

बैठक में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, उत्तराखण्ड के सचिव पशुपालन, मत्स्य डॉ0 बी0वी0आर0सी0 पुरूषोत्तम भी उपस्थित रहे।

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