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Gairsain Budget Session: धामी भैजी थैं पूछनक कक ची हमर (गर्मक) ग्रीष्मकालीन राजधानी? कू ची उ वीआईपी? सीएम से ये सवाल पूछने गैरसैंण जा रहे हरदा

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Gairsain Budget Session from Monday: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र सोमवार यानी 13 मार्च से गैरसैंण (भराड़ीसैंण विधान भवन) में शुरू होने जा रहा है। बजट सत्र है लिहाजा अभिभाषण के लिए राज्यपाल गुरमीत सिंह भराड़ीसैंण पहुंच चुके हैं।स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण और सीएम पुष्कर सिंह धामी भी भराड़ीसैंण पहुंच चुके हैं।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी भराड़ीसैंण में हैं और विपक्षी कांग्रेस विधायक, मंत्री तथा बीजेपी विधायक भी कल से शुरू हो रहे सत्र में शिरकत करने को गैरसैंण पहुंचे हैं। स्पीकर ने सत्र से पहले हवन आज हवन कराया, तो सीएम धामी ने भी राज्यपाल से लेकर स्पीकर खंडूरी और नेता प्रतिपक्ष आर्य से शिष्टाचार मुलाकात की है।

उधर विपक्षी कांग्रेस आक्रामक अंदाज में धामी सरकार की घेराबंदी के लिए अपने तरकश में पेपर लीक स्कैम, अंकिता हत्याकांड से लेकर बेरोजगारों पर पुलिस लाठीचार्ज सहित बेरोजगारी, महंगाई और जोशीमठ भू धंसाव जैसे मुद्दों पर सोमवार को पहले सदन के बाहर सुबह 11 बजे गैरसैंण में भारी विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर चुकी है और उसके बाद बजट सत्र के दौरान सदन के भीतर सत्तापक्ष पर हमले का एक भी मौका नहीं छोड़ना चाहेगी।

कांग्रेस ने “चलो गैरसैंण” नारा देते हुए राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार के खिलाफ सदन के बाहर शक्ति प्रदर्शन के लिए अपने तरकश में UKSSSC के पेपर लीक और भर्ती घोटाले, बेरोजगारों पर पुलिस लाठीचार्ज, नौकरियां बेचने, भ्रष्टाचार, बिगड़ी कानून व्यवस्था, अंकिता भंडारी हत्याकांड और वीआईपी पर चुप्पी तथा जोशीमठ आपदा जैसे धारदार तीर रख लिए हैं।

हमलावर कांग्रेस के तरकश के तीरों को अपने खास अंदाज में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी धार देने के कोशिश में गैरसैंण हिटो, भराड़ीसैंण हिटो का आह्वान किया है। हरदा ने सीधे सीएम धामी से पूछा है कि जनता जानना चाहती है कि आज हमारी ग्रीष्मकालीन राजधानी कहां और किस हालत में पहुंची है। हरदा में अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में पूछा है कि आखिर वह वीआईपी कौन था जिसको एक्स्ट्रा सर्विस देने के दबाव में पहाड़ की बेटी अंकिता भंडारी की जान चली जाती है। रावत ने गन्ना मूल्य, गैरसैंण, किसान,बेरोजगार युवाओं पर लाठियां बरसाने से लेकर नौकरियों का हाल पूछा है।

यहां पढ़िए हुबहू हरदा ने सीएम पुष्कर सिंह धामी,कांग्रेस,बीजेपी को टैग करते हुए किस खास अंदाज में बजट सत्र के मौके पर धामी सरकार पर हमला बोला है

गैरसैंण_चलो

प्रभात गैरसैंण चलो, भराड़ीसैंण चलो, कांग्रेसक आवाहन! पुष्कर सिंह धामी भैजी थैं पूछनक कक ची हमर (गर्मक) ग्रीष्मकालीन राजधानी? कू ची उ वीआईपी? अंकिता क हत्या करण वालों ते तुम किलेक बचाना छा! बेरोजगार नौजवानों पर अत्याचार किलेक करना छा? यह मंहगाई कक जानी ची, ये ते रोको? प्रदेश और देश क सड़कों मा गड्ढा ही गड्ढा किलेक हुआं छीन? गन्ना खरीद मूल्य किलेक नही बढ़ाना छा? जब चीनी क दाम आसमान छूना छीन। इकबालपुरैक चीनी मिल मा जू बकाया छ किसानोंक वे ते कब भुगतान करला? ढेर सारा सवाल छीन भैजी तुमर सरकार से और तुम मान !
गैरसैंण चलो, भराड़ीसैंण चलो

भोल गैरसैंण हिटो, भराड़ीसैंण हिटो, कांग्रेसक आवाहन! पुष्कर सिंह धामी ज्यू थैं पुछड़ों कां छू हो हमरि ग्रीष्मकालीन राजधानी? कोछू उ वीआईपी? अंकिता क हत्यारा, जकैं बचौनक लिजी तुम्हर सरकारल जान लगा रै। बेरोजगार नौजवानों पर अत्याचार किलै? यह मंहगाई कथा लीबेर जहां रैं ? प्रदेश और देश क सड़कों में गड्ढें-गड्ढें किलैं? गन्ना खरीद मूल्य किलैं न बढ़ायी? जब कैं चीनी क दाम आसमान में छैं। इकबालपुरैक चीनी पर जो बकाई छ किसानोंक विक कब भुगतान हौल? ढेर सार सवाल छन!गैरसैंण हिटो-भराड़ीसैंण हिटो।।
#uttarakhand #BJP4UK #Congress
Pushkar Singh Dhami Indian National Congress Uttarakhand

जाहिर है यह पहला मौका नहीं जब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोकल टच के साथ सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले भी वे कभी गढ़वाली तो कभी कुमाऊंनी में लिखकर सोशल मीडिया में सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।

आइए जानते हैं आखिर विपक्षी तरकश के इन धारदार तीरों पर धामी सरकार का क्या होगा बचाव और पलटवार ?

भर्ती भ्रष्टाचार: बीते दिनों में विभिन्न भर्ती आयोगों की परीक्षा के पेपर लीक होने से लेकर भर्ती में हुई गड़बड़ियों पर विपक्ष खासा आक्रामक होगा। पहले उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक कांड और भर्ती परीक्षा घोटाले फिर उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग (UKPSC) में भी पेपर लीक कांड और गड़बड़ी के बाद बेरोजगार युवाओं द्वारा की जा रही सीबीआई जांच की मांग पर सरकार की घेराबंदी को कांग्रेस पूरा दमखम दिखाना चाहेगी।

पुलिस लाठीचार्ज : आठ और नौ फरवरी को सीबीआई जांच की मांग लेकर सत्याग्रह कर रहे बेरोजगारों पर देहरादून के राजपुर रोड क्षेत्र में हुआ पुलिस लाठीचार्ज का मुद्दा भी सरकार के गले की फांस बना हुआ है। कहने को गढ़वाल कमिश्नर की जांच के आधार पर एकाध पुलिस के छोटे अफसर पर एक्शन की बात कही जा रही लेकिन इस मुद्दे पर कांग्रेस धामी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए हमला बोलने से नहीं चुकेगी।

अंकिता हत्याकांड और लॉ एंड ऑर्डर हालात : कानून व्यवस्था के मोर्चे पर पिछले कुछ महीनों के दौरान उधमसिंहनगर जिले से लेकर राज्य में हुई आपराधिक घटनाओं और सबसे अहम अंकिता हत्याकांड के मुद्दे पर कांग्रेस धामी सरकार पर धावा बोलेगी। कांग्रेस तत्कालीन बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के वनंतरा रिजॉर्ट में “वीआईपी कौन था?” का सवाल नए सिरे खड़ा कर सरकार को असहज करेगी।


जोशीमठ भू धंसाव आपदा : जोशीमठ भू धंसाव आपदा के प्रभावितों के मुआवजा, पुनर्वास और पुनर्निर्माण जैसे मुद्दों पर भी कांग्रेस धामी सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।
गैरसैंण : जैसे तेवर हरीश रावत ने सोशल मीडिया में लिखी अपनी पोस्ट के जरिए दिखाए हैं कुछ उसी अंदाज में सदन के भीतर भी कांग्रेस विधायक ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विकास से पीठ फेरने का आरोप लगाते हुए धामी सरकार पर हल्लाबोल करेगी।

अब सवाल कि हमलावर कांग्रेस के तीरों से बचाव और पलटवार की धामी सरकार की रणनीति क्या होगी?

सख्त नकल कानून के लिए अध्यादेश : जब कांग्रेस भर्ती भ्रष्टाचार पर हल्लाबोल करेगी तो सत्तापक्ष धामी सरकार के सख्त नकल विरोधी कानून को ढाल बनाकर पलटवार करेगा। धामी सरकार नकल माफिया हाकम सिंह रावत और सादिक मूसा से लेकर पूर्व पीसीसीएफ और UKSSSC के पहले चीफ रहे डॉ आरबीएस रावत एंड कंपनी को सलाखों के पीछे भेजने का अपना दमखम गिनाना नहीं भूलेगी। हालांकि सीबीआई जांच ना कराने के पीछे उसका रुख क्या होगा वह देखना होगा।

बेरोजगारों पर पुलिस लाठीचार्ज : आठ और नौ फरवरी को सीबीआई जांच की मांग के साथ सत्याग्रह कर रहे बेरोजगार युवाओं पर पुलिस लाठीचार्ज के मुद्दे की काट खोजने को ही सरकार दो दिन पहले ही कुछ पुलिस के अफसरों पर एक्शन और नए सिरे से पुलिस जांच का एलान कर अपना बचाव करना चाहा है।

भर्ती कैलेंडर का कवच: धामी सरकार पेपर लीक कांड और धांधली के तमाम आरोपों के बीच भर्तियों में तेजी का मैसेज देकर अपनी सक्रियता दिखाना चाह रही है। साथ ही जहां धांधली वहां भर्ती परीक्षा रद्द करने का कदम भी वह युवाओं को मैसेज देने के मकसद से ही उठा रही है। हाल में जेई भर्ती परीक्षा रद्द कर भी यही संदेश दिया गया है।
भर्ती कैलेंडर को लेकर चली आ रही सालों की गफलत के मुकाबले धामी सरकार तमाम विभागों से लगातार रिक्त पदों का डेटा मांग रही है ताकि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग के माध्यम से भर्ती अभियान चलाने के लिए भर्ती कैलेंडर जारी कर सके।

जोशीमठ भू धंसाव: जोशीमठ भू धंसाव आपदा प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने को धामी सरकार ने अभी केंद्र से 2000 करोड़ का पैकेज मांगा है। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों के भवनों के लिए मुआवजा बांटना शुरू हो चुका है और भूमि का मुआवजा भी तय करने का दावा है।

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण: त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला था और इस क्षेत्र के डेवलपमेंट के विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपए का एलान भी किया था। TSR को इसके जल्द बाद कुर्सी गंवानी पड़ी और तीरथ सिंह रावत से होकर सत्ता पुष्कर सिंह धामी के हाथों में है। लेकिन आज गैरसैंण में विकास तो दिखा नहीं उल्टे पिछले साल सत्र ना कर पाने को लेकर सरकार को हमले अलग झेलने पड़े। इसीलिए कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पूछ रहे, “पुष्कर सिंह धामी भैजी थैं पूछनक कक ची हमर (गर्मक) ग्रीष्मकालीन राजधानी?”

जाहिर है बजट घोषणाओं के जरिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मुद्दे पर विपक्षी कांग्रेस के हमले की काट में कुछ दांव चल सकते हैं।

अंकिता भंडारी हत्याकांड और वीआईपी कौन था का राज? अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे उत्तराखंड को उद्वेलित करने का काम किया था और आज भी लोग दम साधे बैठे हैं कि इस जघन्य कृत्य के दोषियों को सजा और पीड़ित परिवार को न्याय मिले।

हाल में अंकिता की मां ने पौड़ी गढ़वाल डीएम से मिलकर न्याय की गुहार दोहराई थी और उनका के बयान मीडिया में भी वायरल हुआ था। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार पर तीखा निशाना साध सकती है जबकि कांग्रेसी हमले के काउंटर में धामी सरकार आरोपियों को जेल भेजने से लेकर हाई कोर्ट की तरफ से जांच पर संतोष व्यक्त करने जैसे तीर चला सकती है।

बहरहाल,मुद्दा तो विधानसभा में बैकडोर भर्तियों का भी उठ सकता है। हालांकि इस मामले में कांग्रेस हो या भाजपा एक ही पाले ने खड़े नजर आते हैं लिहाजा कम ही संभावना है कि इस मुद्दे पर ज्यादा हल्ला हो। यह अलग बात है कि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह जरूर इस मुद्दे को जोर शोर से उठाते रहे हैं और राज्य बनने के बाद से लेकर तमाम बैकडोर भर्तियों की जांच की मांग कर चुके हैं।

जबकि स्पीकर भी 228 बैकडोर से भर्ती कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर पूर्व बीजेपी राज्यसभा सांसद और वकील सुब्रमण्यम स्वामी के एक्टिव होने पर अपना सख्त संदेश दे चुकी हैं। देखना होगा यह मुद्दा सदन में कोई उठाता भी कि नहीं।

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