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100 दिन तीरथ सरकार के: विकास के रास्ते पर डबल इंजन कितना दौड़ा ये बहस का मुद्दा पर आप भी मानेंगे मंच और पॉवर कॉरिडोर का सीन टोटल चेंज

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देहरादून: तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने गुरुवार को अपने सौ दिन पूरे कर लिए। सीएम तीरथ ने अपने सौ दिनों कि विकास पुस्तिका लॉंच करने से पहले कुंभ में कोविड जांच में फर्जीवाड़े का ठीकरा अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पर फोड़ा। फिर सौ दिन के विकास का हाल सुनाने को मंच सजाया जिस पर न पूर्व सीएम त्रिवेंद्र और न उनके दौर में सरकार की आवाज कहे जाने वाले प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक। वैसे टीएसआर एक तो खैर रक्तदान शिविरों में व्यस्त जान पड़ते हैं लेकिन कौशिक तो प्रदेश अध्यक्ष ठहरे, चाहते तो सीएम बुला सकते थे। हरिद्वार कुंभ में कोविड टेस्टिंग के फ़र्ज़ीवाड़े पर भी जांच सही दिशा में जा रही है या नहीं इस पर दो बातें हो जाती।
खैर जैसा कि आप जानते ही हैं अब सीएम के मंच और पॉवर कॉरिडोर का माहौल टोटल चेंज है। आज मंच पर सीएम के अग़ल-बगल कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और गणेश जोशी नज़र आए, वैसे सुबोध तो टीएसआर एक में भी राहत में थे लेकिन जोशीजी बड़ा परेशान रहे तब! इसीलिए अब मंत्री बने हैं तो सबसे ज्यादा भागमभाग मचाए हैं। वैसे टीएसआर एक भी अब तो घर बैठे सोचते होंगे कि मंत्री बना लेते तो कम से कम एक तो भाग-दौड़ वाले कैबिनेट कलीग मिल जाते। खैर!
आज विधायक विनोद चमोली और हरबंश कपूर भी विकास पुस्तिका पढ़ते-दिखाते मिले। हालाँकि नरेश बंसल ने कार्यकारी अध्यक्ष की पट्टिका उसी दौर में चिपकाई थी लेकिन अब संसद के ऊपरी सदन के सदस्य ठहरे लिहाजा सबके साथ मंच साझा करना पड़ता है। वैसे टीएसआर दो के मंच पर टीएसआर एक के बेहद खास रहे मुन्ना सिंह चौहान भी नजर आए लेकिन पीछे वाली क़तार में उमेश शर्मा काऊ के साथ। वैसे काऊ खड़े भले पीछे वाली क़तार में हों लेकिन हैं आजकल बिलकुल फ्रंट पर!
वैसे ये सियासत का दस्तूर पुराना है। सत्ता जिसके हाथ मंच पर चेहरे उनकी ही आँखों के सुकून के लिहाज से तय हो जाते हैं। वैसे सरकार के सौ दिन के मौके पर मंत्री महाराज कहां रह गए भला! वैसे चुनाव करीब है मन में सवाल उठना लाज़िमी है कि सीन जो सौ दिन पर दिखा आगे भी ऐसे ही मंच सजेगा कि कुछ चेहरे रिप्लेस होते रहेंगे!

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