- रायपुर समेत नगर निगम क्षेत्र के मांस व्यापारी अवैध रूप से रायपुर चौक पर कर रहे हैं बेकार मांस व जानवरों के अवशेषों की डंपिंग
- मालदेवता, मसूरी, सहस्रधारा, धनौल्टी जाने वाले पर्यटकों समेत स्थानीय लोगों को नाक बंद कर करनी पड़ती है आवाजाही
देहरादून (पंकज कुशवाल): राजधानी देहरादून के रायपुर चौक से मालदेवता को जाने वाली सड़क अपनी बनावट और खूबसूरत नजारों के लिए लांग ड्राइव पर जाने वाले लोगों के लिए हमेशा से खास आकर्षण का केंद्र रही है, तो अब देहरादून शहर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए मसूरी, सहस्रधारा, धनौल्टी जाने वाले पर्यटक वाहनों को भी इस मोटर मार्ग पर डायवर्ट कर दिया जाता है। खूबसूरत प्राकृतिक नजारों और अंग्रेजों के दौर के बने प्राकृतिक पेयजल स्रोतों के कारण रायपुर की बड़ी आबादी भी रोज शाम को रायपुर मालदेवता सड़क पर खूब चहलकदमी करती है। लेकिन, अब अवैध रूप से विकसित हो रहे मांस कारोबार के डंपिंग जोन के चलते इस सड़क से आवाजाही करने से पहले सांस रोकने की खूब प्रेक्टिस करने की जरूरत पड़ने लगी है। बिना सांस रोके रायपुर से मालदेवता की तरफ जाने पर अवैध डंपिंग जोन से सड़े मांस की उठती बदबू आपको मिचली ला सकती है।
देहरादून के रायपुर कस्बे के महाराणा प्रताप चौक से महज सौ मीटर की दूरी पर ही रायपुर क्षेत्र के मीट की दुकान संचालित करने वाले व्यवसायियों के लिए मांस के बेकार हिस्से को डंप करने का पसंदीदा स्थल बन गया है। नगर निगम की लापरवाही और प्रशासन की खामोशी से मीट विक्रेताओं के हौसले बुलंद हैं। आलम यह है कि रोजाना ही इस क्षेत्र में दर्जनों थैलों में मांस के बेकार अवशेष, जानवरों की चमड़ी, अवशेषों को खुले में ही डंप कर दिया जाता है। इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से बेकार मांस व मांस के लिए काटे गये जानवरों के अवशेषों के सड़ने से उठती गंध से इस तरफ आवाजाही करना असहनीय हो जाता है।
महाराणा प्रताप चौक से मालदेवता की तरफ जाने वाला यह मोटर मार्ग सहस्रधारा, मसूरी, धनौल्टी समेत कई प्रमुख पर्यटन केंद्रों तक भी जाता है। लिहाजा यहां हर दिन ही राज्य व राज्य के बाहरी इलाकों से आने वाले पर्यटकों के वाहनों का तांता लगा रहता है। साथ ही रायपुर का निकटवर्ती क्षेत्र होने और प्राकृतिक जल स्रोत से ताजा पानी जुटाने के लिए स्थानीय लोग भी रोज शाम इस मोटर मार्ग पर आवाजाही करते हैं। ऐसे में खुलेआम मांस के अवशेष डंप करने से लोगों को नाक बंद कर मोटर मार्ग के इस हिस्से को पार करना होता है। डंप किए गए मांस के बेकार हिस्सों से उठने वाली सड़ांध को आप सौ मीटर दूर महाराणा प्रताप चौक, राजकीय स्पोर्टस कॉलेज समेत बड़ी आवासीय बस्ती तक में महसूस कर सकते हैं। जबकि, जहां अवैध रूप से मांस व जानवरों के अवशेष अंगों की डंपिंग की जाती है वहां से कुछ सौ मीटर की दूरी पर भारतीय सेना की फायरिंग रेंज भी स्थित है। वहीं दो सौ मीटर की दूरी पर रायपुर मालदेवता का प्रसिद्ध पेयजल स्रोत भी है।
मांस के बेकार हिस्सों व मारे गये जानवरों के अवशेष अंगों को डंप करने वाले मांस विक्रेताओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि रोज यहां डंपिंग वाहनों के जरिए रायपुर, लाडपुर, छह नंबर पुलिया क्षेत्र के मांस की दुकानों का कचरा, जानवरों के अवशेष बड़े पैमाने पर डंप किए जाते हैं। इस अवैध डंपिंग जोन से सौ मीटर की दूरी पर पिछले महीने ही देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा ने एक सार्वजनिक शौचालय का उद्घाटन किया था। उद्घाटन समारोह स्थल तक में इस अवैध डंप मांस की सड़ांध महसूस की जाती रही थी लेकिन इसके बावजूद मेयर ने इस ओर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी।
सवाल है कि जब स्थानीय लोगों को रही असहनीय तकलीफ का संज्ञान नगर निगम नहीं ले पा रहा तो क्या देहरादून DM भी इस क्षेत्र से गुजरते वक्त नाक पर रूमाल रख निकलते रहेंगे? शहरी क्षेत्र के सक्रिय मंत्री गणेश जोशी भी स्थानीय लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए किसका और कब तक इंतजार करते रहेंगे?
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं और हिमालय, पर्यावरण और राजनीतिक विषयों पर निरंतर लिख रहे हैं।)