
देहरादून: एलिवेटेड रोड को लेकर शनिवार को कांवली गांव में हुई जनसुनवाई में सत्ता पक्ष के लोगों द्वारा अपना पक्ष रखने आये लोगों के साथ धक्का-मुक्की की गई। जनता का पक्ष रखने वालों को बोलने नहीं दिया गया और वीडियो बना रहे लोगों के कैमरे छीनने का प्रयास किया गया।
इस जनसुनवाई में अधिकारियों, बीजेपी के विधायकों, पार्षदों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के अलावा किसी भी प्रभावित ने एलिवेटेड रोड का समर्थन नहीं किया। कई घंटे तक भाजपा नेताओं की भाषणबाजी के बाद जब आम लोग बोलने लगे तो विधायक खजान दास के इशारे पर लोगों को बोलने से रोका गया। एक सामाजिक कार्यकर्ता जब जनता का पक्ष रख रहे थे और एलिवेटेड रोड के विरोध में अपनी बात रख रहे थे तो उनसे माइक छीन लिया गया। बीजेपी के लोगों की इस मनमानी के कारण ज्यादातर लोग सुनवाई का बहिष्कार कर बाहर चले गये।
वहां मौजूद कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जब लोगों को बोलने का मौका देने की मांग की तो उन्हें यह कहकर बाहर जाने के लिए कहा गया कि वे बस्ती के रहने वाले नहीं हैं। जब उन्होंने कहा कि वे इसी शहर के रहने वाले हैं तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके साथ धक्का-मुक्की की।
स्थानीय लोग जब महिला पार्षद के सामने अपनी मांग रख रहे थे तो पार्षद ने वीडियो बना रहे एक व्यक्ति का कैमरा छीनने का प्रयास किया। इससे साबित होता है कि बीजेपी वाले जनसुनवाई की सच्चाई बाहर नहीं आने देना चाहते।

उत्तराखंड इंसानियत मंच और दून समग्र विकास मंच की ओर से आज की जनसुनवाई में प्रो. राघवेंद्र, रमन्ना, चंद्रकला, दीपा कौशलम्, विमला कोली, हरिओम पाली और त्रिलोचन भट्ट शामिल थे।
दून समग्र विकास मंच और उत्तराखंड इंसानियत मंच का कहना है कि एलिवेटेड रोड से पूरा देहरादून प्रभावित हो रहा है, इसलिए हर शहरवासी को जनसुनवाई में अपना पक्ष रखने का अधिकार है। सत्ताधारी पार्टी किसी को अपना पक्ष रखने से नहीं रोक सकती। हालांकि भाजपा विधायक खजान दास से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया।