What’s up about WhatsApp: जानिए क्यों मोदी सरकार की नई नीति के खिलाफ व्हाट्सअप पहुँचा दिल्ली हाईकोर्ट!

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  • फ़ेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सअप के देश में 55 करोड़ यूज़र्स

दिल्ली: मैसेजिंग एप WhatsApp केन्द्र सरकार की नई IT गाइडलाइंस के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट की शरण में चला गया है। व्हाट्सअप ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि भारत सरकार की 26 मई से लागू होने वाली नई पॉलिसी पर रोक लगा दी जाए। मैसेंजिंग एप कंपनी का आरोप है कि नई नीति के लागू होने से प्राइवेसी खत्म हो जाएगी। व्हाट्सअप का आरोप है कि सरकार की नए नियम संविधान के अनुसार सोशल मीडिया यूज़र्स की निजता के अधिकार में दखल डालने वाले हैं और इसके तहत कंपनियों के लिए यूज़र्स की पहचान बताना जरूरी हो जाएगा कि सबसे पहल किसी मैसेज को पोस्ट या शेयर किसने किया है।


दरअसल व्हाट्सअप प्लेटफ़ॉर्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड यानी मैसेज भेजने वाले से रिसीव करने वाले तक सीमित है लेकिन नई नीति के तहत व्हाट्सअप को इस एन्क्रिप्शन को ब्रेक करना पड़ेगा।
ग़ौरतलब है कि इसी साल 25 फ़रवरी को केन्द्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नए नियम बनाए थे और इन्हें लागू करने के लिए तीन महीने की मियाद दी थी जो 26 मई को खत्म हो रही है। अब सरकार अपनी नई गाइडलाइंस के ज़रिए सोशल मीडिया और OTT प्लेटफ़ॉर्म के दुरुपयोग को रोकने का दावा कर रही तो कंपनियाँ इसे दखलंदाजी करार दे रही। नए नियमों के तहत आपत्तिजनक कंटेट 24 घंटे में हटाना होगा और देश मे ज़िम्मेदार अधिकारी जैसे नोडल ऑफ़िसर, रेज़िडेंट ग्रीवांस अफसर की तैनाती करनी होगी। इसके अलावा हर महीने अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।
अब 90 दिन की मियाद पूरी होने पर व्हाट्सअप, ट्विटर और इंस्टाग्राम ने नई गाइडलाइंस को लागू किया नहीं इस पर चुप्पी साध रखी है। हालाँकि व्हाट्सअप आज अदालत पहुंच गया है। जबकि फेसबुक ने जरूर कहा है कि वह नियमों का पालन करेगी और इसके लिए सरकार से वार्ता भी करेगी।


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