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अलविदा 2023!यूसीसी, बुलडोजर एक्शन और इन्वेस्टर्स का जमावड़ा सहित इन फैसलों से सीएम धामी ने बनाई उत्तराखंड की ‘धाकड़ इमेज’ 

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वर्ष 2023: ‘चुनौतियों’ के बीच ‘नायक’ की तरह उभरे सीएम धामी

  • उत्तराखंड के लिए उपलब्धियों भरा रहा वर्ष 2023
  • विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के अग्रणी रहने का पूर्ण श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को

Uttarakhand News: अलविदा 2023! यह गुजरता साल जहां कई चुनौतियां लेकर आया था तो वहीं नए अवसरों की दहलीज भी देकर विदा  हो रहा है। 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले उत्तराखंड की बागडोर संभालने वाले युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अपनी दूसरी पारी में इस साल लिए गए कई फैसले उत्तराखंड के विकास में आगे चलकर मील का पत्थर साबित होंगे।

दरअसल, साल 2023 उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार के लिए कई मायनों में बेहद ख़ास रहा। धामी सरकार के ताबड़तोड़ फ़ैसले सालभर चर्चा में रहे जिससे सीएम धामी की राज्य ही नहीं पूरे देश में ‘धाकड़ धामी’ वाली इमेज बन गई। या यूं कहें कि युवा मुख्यमंत्री ने अपने बोल्ड फैसलों के बूते देश में उत्तराखंड की धाकड़ छवि गढ़ने का काम किया। 

वर्ष 2023 उत्तराखण्ड के लिए उपलब्धियों से भरा रहा। हां, कुछ बड़ी चुनौतियों का सामना भी इस वर्ष में मुख्यमंत्री धामी को करना पड़ा लेकिन एक नायक की भांति धामी हर चुनौती से निपट राज्य हित में निरंतर आगे बढ़ते रहे।

इस एक वर्ष के दौरान राज्य ने न सिर्फ निरन्तर प्रगति की बल्कि कई क्षेत्रों में कीर्तिमान भी स्थापित किए। विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के अग्रणी रहने का पूर्ण श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जाता है। इसके पीछे उनका कठोर परिश्रम, स्वअनुशासन, संवेदनशीलता, परोपकार का भाव और राग द्वेष के बिना हर तबके की भलाई के लिए तेजी से कार्य करने की विशिष्ट शैली प्रमुख है। 

23 मार्च 2022 को प्रदेश की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ध्येय वाक्य ‘विकल्प रहित संकल्प’ को आत्मसात करने का कार्य किया है। 

यूसीसी, धर्मांतरण कानून, महिला आरक्षण, राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण, नकल विरोधी कानून, अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई, विधानसभा में बैकडोर भर्ती की जांच कराकर सीएम धामी ने इस वर्ष सख्त कदम उठाए। 

वहीं, मुख्यमंत्री धामी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में इस बार चारधाम यात्रा ने श्रद्धालुओं की संख्या के लिहाज से नए आयाम स्थापित किए तो मई-जून माह में राज्य के तीन अलग-अलग नगरों में हुई जी-20 की सफल बैठकों से सीएम धामी ने दुनिया को दिखा दिया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों के लिए भी देवभूमि उत्तराखंड पूरी तरह सक्षम है। 

साल का अंत होते-होते ऐन ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले धामी सरकार ने एक ऐसी चुनौती का सामना किया जिसके बारे में देश-दुनिया के एक्सपर्ट्स के पास भी जवाब नहीं था। उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में निर्माणाधीन टनल में 41 मजदूर फंस गए लेकिन मजबूत इरादों के धनी धामी ने इस चुनौती को भी पार पाने में कामयाबी पाई। और वो कहते हैं न कि जब नियत साफ हो तो हर काम बन जाता है और हुआ भी यही। साल के आखिरी माह यानि दिसंबर में एक ऐसी ऐतिहासिक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का दून में आयोजन हुआ जिसने राज्य में नए उद्योगों के साथ पर्वतीय राज्य के युवाओं के लिए रोजगार की भी बड़ी राह खोल दी है। 

सीएम धामी की अगुआई में उत्तराखंड देश का पहला राज्य रहा जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड की बहस को देश में नए सिरे से छेड़ा और यूसीसी की गूंज दूसरे राज्यों में भी सुनाई देने लगी। अकेले यूसीसी ही नहीं सीएम धामी ने सख्त धर्मांतरण कानून, महिला आरक्षण, राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण, नकल विरोधी कानून, अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर एक्शन, विधानसभा में बैकडोर भर्ती की जांच कराने सहित कई कड़े कदम उठाए।

इतना ही नहीं बारिश से पैदा हुए बाढ़ और आपदा के हालात में ग्राउंड जीरो से मोर्चा संभालने से लेकर मिशन सिल्क्यारा और साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश एमओयू वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने सीएम धामी को देश-प्रदेश ही नहीं दुनियाभर में सुर्ख़ियों में रखा।

  • साल 2023 में इन ख़ास वजहों से चर्चा में रहे सीएम धामी

सिल्क्यारा सफल रेस्क्यू अभियान

उत्तरकाशी जनपद के सिल्क्यारा सुरंग में फँसे 41 श्रमिकों का मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सफल रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिस सूझबूझ का परिचय दिया, उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। खासकर देश ही नहीं दुनिया में अलग तरह की इस आपदा में मुसीबत में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की सफलता ने मुख्यमंत्री धामी की कार्य कुशलता पर फिर से मुहर लगा दी है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मंच से जिस तरह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम धामी की पीठ थपथपाई उसने साफ संदेश दिया कि आपदा के हालात में युवा सीएम जिस जीवटता से डटे दिखाई देते हैं उससे बीजेपी नेतृत्व और केंद्र सरकार उनसे गदगद हैं।

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का सफल आयोजन

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 राज्य में भारी निवेश जुटाने में कामयाब रहा। धामी सरकार की नीतियों और लुभावने प्रस्तावों से निवेशकों में उत्साह देखा गया और उन्होंने लगे हाथ 3.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश करार सरकार के साथ किए। उत्तराखण्ड के लिए बड़ी उपलब्धि यह रही कि 3.5 लाख करोड़ रुपए के करार में से 44 हजार करोड़ के करार की ग्राउण्डिंग भी शुरू हो चुकी है।

यह आंकड़ा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तराखण्ड का सालाना बजट 60 हजार करोड़ का है। इस लिहाज से एक साथ 44 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने की शुरूआत होना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। जाहिर है अगर जिस तरह से इन्वेस्टर्स ने रिस्पॉन्स दिखाया है वह तेजी से धरातल पर उतर आया तो सीएम धामी की यह पहल उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। दरअसल, प्रदेश में नए निवेश को गंगा बहाकर सीएम धामी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा’ संकल्प को साकार करने की ओर बढ़ रहे हैं। 

समान नागरिक संहिता (UCC) 

समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए धामी सरकार पहले ही दिन से लगातार प्रयास में जुटी है जिसको लेकर लगातार निर्णय भी लिए जा रहे हैं। सीएम धामी ने सत्ता में आते ही सबसे पहले चुनाव से पहले किए वादे समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की जिसका ड्राफ्ट जल्द सरकार को सौंपा जाएगा। यूसीसी पर कदम बढ़ाकर सीएम धामी ने उत्तराखंड की देश में धाकड़ छवि गढ़ने की बड़ी पहल की जिसकी चर्चा देशभर में भी हुई।

नकल विरोधी कानून उत्तराखंड

प्रदेश में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू हो गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत) ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश, 2023 पर मुहर लगा दी है। उत्तराखंड ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर दिया है। यह सीएम धामी के बेरोजगार युवाओं के लिए भर्ती परीक्षा का पारदर्शी माहौल निर्मित करने को लेकर किए गए कमिटमेंट का ही परिणाम था कि उत्तराखंड में नकल माफियाओं को सलाखों के पीछे धकेल दिया गया और नकल विहीन परीक्षाएं हो रही हैं। 

महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण 

प्रदेश की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानूनी अधिकार एक ऐसा मुद्दा था जिसका समाधान भी सीएम पुष्कर सिंह धामी के कमिटमेंट के चलते 2023 में संभव होता दिखा।

उत्तराखंड में धामी सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानूनी अधिकार दे दिया है। प्रदेश सरकार ने 30 नवंबर 2022 को विधानसभा में बिल को सर्वसम्मति से पारित कराकर राजभवन भेजा था। राजभवन ने उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी।

राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10% क्षैतिज आरक्षण 

उत्तराखंड सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10% क्षैतिज आरक्षण को मंजूरी दी है। भराड़ीसैंण में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई

बैकडोर भर्ती पर सख्त

बैकडोर भर्ती की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण से इसकी जांच कराने की मांग की जिसके बाद ऋतु खंडूरी भूषण ने इसकी जांच समिति से जांच कराई और विधानसभा में बैकडोर से हुईं 250 भर्तियां रद्द कर दी हैं। इनमें 228 तदर्थ और 22 उपनल के माध्यम से हुईं नियुक्तियां शामिल हैं। वहीं, विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ जांच बैठा दी गई है। बैकडोर भर्ती पर एक्शन धामी सरकार के सबसे कठोर कदम में शुमार है। 

लैंड जिहाद पर धाकड़ धामी का बुलडोजर एक्शन 

वर्ष 2023 में धामी सरकार ने लगभग 5000 एकड़ सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया है। इसकी वजह से सीएम धामी की लोकप्रियता न सिर्फ उत्तराखंड में बढ़ी है अपितु देश के अन्य राज्यों के लोग भी उनके प्रशंसक बन गए हैं। अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए सीएम धामी ने अवैध अतिक्रमण के लिए स्पेशल अभियान चलाकर अधिकारियों की जबावदेही तय की। जिसका असर भी देखने को मिला और प्रदेश में लगातार ऐसी धार्मिक संरचनाओं को भी हटाया गया। जो कि अवैध रुप से बनी हुई थी। इस दौरान बुलडोज़र कार्रवाई सबसे ज्यादा खबरों में रही।

गड्ढा मुक्त सड़कें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए भी खास अभियान चलाया है। इसके लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि टाइमलाइन तक अगर गड्डा मुक्त नहीं किया गया तो अधिकारियों की जबावदेही तय की जाएगी। सीएम के इस सख्त रवैये से अधिकारियों में हड़कंप है।

परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल समाप्त

सीएम धामी ने तकनीकी पदों समेत समूह ‘ग’ की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल समाप्त करने और पीसीएस या अन्य उच्च पदों पर साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा न रखने की घोषणा की। भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिये समूह ‘ग’ की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएगी। जाहिर है समूह ग में इंटरव्यू की व्यवस्था को समाप्त करना धामी सरकार द्वारा भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के बड़े कदम के तौर पर देखा जा सकता है। 

ड्रग्स फ्री देवभूमि 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन-2025 का लक्ष्य रखा है। इसके लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस वर्ष अभी तक एनडीपीएस एक्ट के तहत करीब 600 मुकदमे पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें करीब साढ़े सात सौ आरोपित सलाखों के पीछे भेजे जा चुके हैं।

सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून

धर्मांतरण विरोधी कानून उत्तराखंड में उत्तरप्रदेश से भी सख्त है। प्रदेश में जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने या करने पर अब 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। राज्यपाल ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी है। उत्तराखंड में 2018 में यह कानून बनाया गया था। उसमें जबरन या प्रलोभन से धर्मांतरण पर एक से पांच साल की सजा का प्रावधान था।

चारधाम यात्रा ने बनाया नया रिकॉर्ड

इस बार की चारधाम यात्रा कई मायनों में खास रही। इस सीजन में चारधाम के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने पूर्व के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। चारधाम यात्रा के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि एक सीजन में श्रद्धालुओं की संख्या ने 55 लाख का आंकड़ा पार किया है। 

आदि कैलाश की ओर बढ़ा लोगों का रुझान

सीएम पुष्कर सिंह धामी केदारखंड की भांति ही मानसखंड को भी एक नई पहचान दिलाना चाहते हैं। उनके विशेष अनुरोध पर पीएम मोदी ने इस बार अपनी आध्यात्मिक यात्रा के लिए केदारखंड की जगह मानसखंड को चुना। अक्टूबर 2023 में पीएम मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड में स्थित आदि कैलाश, पार्वती कुंड एवं जागेश्वर धाम की यात्रा की।

G-20 ने उत्तराखंड को दिलाई वैश्विक पहचान

रामनगर, ऋषिकेश एवं नरेन्द्रनगर में हुई G-20 समिट बैठकों ने उत्तराखंड को एक नई वैश्विक पहचान दिलाई है। G-20 बैठकों के सफल आयोजन से धामी सरकार ने यह भी साबित कर दिया कि उत्तराखंड किसी भी बड़े वैश्विक सम्मलेन के आयोजन में भी सक्षम है।

वर्ष 2023 में दिखा डबल इंजन का दम:उत्तराखंड की महत्वपूर्ण योजनाओं को मिली मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैमिस्ट्री ने उत्तराखंड को विकास की नई ऊंचाई दी है। सीएम धामी की पहल पर इस वर्ष केंद्र सरकार ने राज्य की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी है। दशकों से अटकी परियोजनाओं पर काम शुरू होने से राज्य में विकास का नया अध्याय लिखा जाएगा। 

अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड दौरा बेहद खास रहा है। प्रधानमंत्री ने आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन करने के साथ ही पिथौरागढ़ से 23 महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर ₹4200 करोड़ की सौगात उत्तराखंड को दी। 

नैनीताल जिले की बहुउद्देश्यीय जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत मिली मंजूरी। धनाभाव होने से चार दशक से अधर में लटकी थी यह परियोजना। इस बांध के बनने से पूरे तराई भाबर क्षेत्र की बुझेगी प्यास। यूपी के पड़ोसी जिलों को भी मिलेगा पानी।

उत्तराखंड जल विद्युत निगम की लखवाड़ परियोजना को मिली मंजूरी। दशकों से अधर में लटकी थी यह परियोजना। देहरादून जिले में यमुना नदी पर लाहौरी गांव में बनना है लखवाड़ बांध। परियोजना से उत्तराखंड के अलावा देश के पांच अन्य राज्यों की बुझेगी प्यास। 

चमोली जिले के आपदाग्रस्त नगर जोशीमठ के लिए पुनर्निर्माण योजना के अंतर्गत ₹1658 करोड़ की मंजूरी। भूस्खलन और भूधंसाव होने उत्तराखंड का यह पौराणिक और ऐतिहासिक शहर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 104 सड़कों के निर्माण के लिए ₹856.84 की धनराशि मंजूर।

देहरादून में झाझरा-आशारोड़ी लिंक मार्ग के निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने  दिए ₹715 करोड़। इस बाईपास मार्ग के बनने से देहरादून शहर में यातायात का दबाव होगा कम। जाम से भी मिलेगी राहत।  

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को दी पहली वंदे भारत ट्रेन की सौगात। देहरादून से दिल्ली का सफर 4.45 घण्टे में हो रहा पूरा।

अपने घर का सपना हो रहा साकार, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत उत्तराखंड के लिए 955 सस्ते आवासों की सौगात। 

लाभार्थियों को घर बनाने के लिए मिलेगी ₹2-2 लाख की धनराशि।

पूंजीगत निवेश के तहत ₹951 करोड़ की विशेष सहायता (ऋण) मंजूर। इससे राज्य के विभिन्न जिलों की 48 योजनाओं पर होगा कार्य।

केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में उत्तराखंड को मिले ₹815.71 करोड़।

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड को मिले ₹118.91 करोड़। यह आर्थिक मदद गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवार के बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की सहायता के लिए दी जाती है।

केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (सी आर आई एफ) से  “सेतुबंधन” योजना के अंतर्गत मिली ₹193.92 करोड़ की धनराशि।

केंद्रीय जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड के 10 लाख परिवारों को हर घर नल योजना का मिलेगा लाभ।

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