कर्णप्रयाग
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बख्तावर सिंह बिष्ट का एक मई की सुबह गौचर में देहांत हो गया. अलकनंदा नदी किनारे आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके भतीजे आरएस बिष्ट तथा नाती दिगम्बर व योगेम्बर सिंह ने मुखाग्नि दी. 105 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बख्तावर सिंह बिष्ट का जन्म 18 जनवरी 1916 को चमोली जिले के श्रीकोट गांव के किसान परिवार में हुआ था.
बचपन से ही मन में देश की आजादी का सपना पाले बख्तावर सिंह बिष्ट सन् 1940 में गढ़वाल राइफल में भर्ती होकर सेना का हिस्सा बने, आजादी से पूर्व सेना में भर्ती होने के 5 साल बाद उन्होंने 1945 में ब्रिटिश सेना से बगावत कर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिंद फ़ौज ज्वाइन कर ली. उन्होेंने देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत से बगावत कर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और देश की आजादी में अपना अहम योगदान दिया. उनके निधन पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. प्रशासन के अलावा स्थानीय लोगों ने भी उनको श्रद्धांजलि अर्पित की.
रिपोर्ट: जितेन्द्र पंवार, कर्णप्रयाग