गोल्डन कार्ड में व्याप्त खामियों और अव्यवहारिकता से कार्मिकों, पेंशनरों को हो रही कठिनाई को देखते हुये अंशदान की मासिक कटौती को तत्काल रोके जाने के सम्बन्ध में आज सचिवालय संघ की कार्यकारिणी ने सचिव वित्त अमित नेगी से मुलाकात की। संघ ने गोल्डन कार्ड की खामियों को अब तक दुरूस्त न किए जाने पर असंतोष व्यक्त किया गया। संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव विमल जोशी द्वारा अवगत कराया गया है कि बार-बार अनुरोध करने के बाद भी अत्यन्त दुर्भाग्य का विषय है कि कार्मिकों के अंशदान से संचालित गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर नहीं किया जा रहा है। संघ पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सक्षम अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली एवं उदासीन रवैये के कारण अब तक सफ़ेद हाथी साबित हो चुके गोल्डन कार्ड की ख़ामियों को दुरूस्त नहीं किया गया है, जबकि जनवरी 2021 से अनवरत मासिक अंशदान की कटौती जारी है।
सचिवालय संघ सहित प्रदेश के सभी संघ व संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा की जा रही मांग के उपरान्त भी स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं स्वास्थ्य विभाग के स्तर से गोल्डन कार्ड की खामियॉं दूर करने तथा कार्मिकों से लिये जा रहे अंशदान के सापेक्ष बेहतर चिकित्सा सुविधा देने में कोई कारगर कार्यवाही नहीं की गयी है। संघ ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है जैसे कोई भी सक्षम अधिकारी कार्मिकों, पेंशनरों एवं उनके आश्रितों के प्रति गम्भीर है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सक्षम अधिकारी सम्पूर्ण वस्तुस्थिति से अवगत होने के बाद भी जान बूझकर सरकार की छवि को खराब करने के उद्देश्य से गोल्डन कार्ड की खामियों को दुरूस्त नहीं करना चाहते हैं।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी द्वारा बताया गया है कि आज सचिव वित्त से की गयी मुलाकात में गोल्डन कार्ड की खामियों से कार्मिकों एवं उनके आश्रितों को रही कठिनाई एवं असुविधा से अवगत कराया गया है। जोशी ने कहा कि इस सम्बन्ध में अपने पूर्व पत्र दिनांक 30.04.2021, 10.05.2021 एवं 17.05.2021 का सन्दर्भ रखते हुए कार्मिकों के अंशदान से संचालित गोल्डन कार्ड में व्याप्त खामियों से हो रही असुविधा एवं उपचार न मिलने की स्थिति को दुरूस्त करते हुये गोल्डन कार्ड की कमियों को 15 दिवस के भीतर दूर करने, नियत समयावधि के भीतर अपेक्षित कार्यवाही न करने की स्थिति में सभी गोल्डन कार्ड जमा कर स्वास्थ्य प्राधिकरण को दिये जाने तथा मई के वेतन से सचिवालय सेवा के अधिकारियों/कर्मचारियों के अंशदान की कटौती न कराये जाने की मांग के सभी तथ्य पुनः रखते हुए संघ कार्यकारिणी द्वारा सर्वसम्मति से लिये गये निर्णय के क्रम में सभी सदस्यगणों एवं उनके आश्रितों के गोल्डन कार्ड जमा कराने की सूचना से भी अवगत कराया गया है। जिन्हें सूचीबद्ध कर समेकित रूप से मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्वास्थ्य प्राधिकरण को हस्तगत कराये जाने की स्थिति बताई गयी है।
इस सन्दर्भ में सचिवालय संघ द्वारा लिये गये निर्णय का सचिव वित्त को पुनः संज्ञान कराते हुए गोल्डन कार्ड की सभी खामियों को अपेक्षाकृत रूप से ठीक कराकर बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान कराये जाने तथा इन समस्त खामियों के निवारण एवं धरातल पर गोल्डन कार्ड के प्रभावी होने तक चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्व व्यवस्था को वैकल्पिक व्यवस्था पर तात्कालिक रूप से लागू करने की मांग सचिवालय संघ के स्तर से की गयी है।
इसके साथ-साथ संघ की तरफ से आज सचिव वित्त के साथ हुई बैठक में सचिवालय सेवा संवर्ग के समस्त सदस्यों की भावनाओं के अनुरूप सचिवालय संघ द्वारा गोल्डन कार्ड की खामियॉं अपेक्षित रूप से दुरूस्त होने तक माह मई, 2021 के वेतन से अंशदान की कटौती पर अपनी असहमति प्रदान की गयी है। यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया कि नियमतः किसी भी रूप में कार्मिकों के वेतन से उनकी सहमति के बिना किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं की जा सकती है। संघ की यह मांग प्रमुखता से रखी गयी है कि जब तक गोल्डन कार्ड की खामियॉं दुरूस्त नहीं हो जाती, तब तक कार्मिकों के माह मई, 2021 के वेतन से की जा रही अंशदान की कटौती को तत्काल रोके जाने हेतु निदेशक कोषागार व प्रभारी डाटा सेन्टर, साईबर ट्रेजरी तथा आहरण वितरण अधिकारी को तात्कालिक रूप से स्पष्ट निर्देश निर्गत किये जाएँ।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष द्वारा सचिव वित्त से दो टूक शब्दों मे कहा गया है कि संघ की मांग एवं कार्मिकों की असहमति के उपरान्त भी यदि अंशदान की कटौती की गयी तो निश्चित रूप से सचिवालय संघ इसके विरूद्ध सक्षम अधिकारियों के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलन्द करने पर विवश होगा। सचिव वित्त के स्तर से शीघ्र ही इसका संज्ञान लेते हुये कार्यवाही किये जाने की बात संघ से की गई। आज की महत्वपूर्ण बैठक मे। महासचिव विमल जोशी, अनिल प्रकाश उनियाल, सदस्य आदि की उपस्थिति रही।