- हाईकोर्ट में रोडवेज कर्मचारियों के पांच माह से अटके वेतन
- सितंबर 2020 से नहीं जमा हो रहे पीएफ, ईएसआई पर सरकार को फटकार
- अफसरों को अधूरे प्रस्ताव पर झाड़
- 15 जुलाई तक रोडवेज रिवाइवल प्लान पर कैबिनेट में चर्चा, 19 जुलाई को सुनवाई
नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट में रोडवेज कर्मचारियों के फरवरी से अटके वेतन को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव ओम प्रकाश, वित्त सचिव अमित नेगी, रोडवेज सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा और रोडवेज एमडी अभिषेक रोहिला वर्चुअली उपस्थित हुए। अदालत ने एक बार फिर अधिकारियों को कैबिनेट के सामने रोडवेज के संकट की वास्तविक तस्वीर नहीं रखने को लेकर फटकार लगाई। अधिकारियों ने कहा कि रोडवेज की कुछ प्रॉपर्टी बेचकर घाटे को पाटना चाह रही है।
अधिकारियों ने हाईकोर्ट को बताया कि 23 करोड़ देने के बाद करीब 60 करोड़ सेलरी, 19 करोड़ सितंबर 2020 से नहीं जमा कराए जा रहे पीएफ और ईएसआई फंड के साथ 37 करोड़ रु रिटायर्ड लोगों की ग्रेचुएटी की अदायगी के लिए चाहिए। यानी 100 करोड़ से अधिक राशि रोडवेज को चाहिए ताकि कर्मचारियों की पेंडेंसी खत्म तीन जा सके। हाईकोर्ट ने जुलाई से दिसंबर तक की 102 करोड़ से अधिक की सेलरी के बजट की क्या व्यवस्था रहेगी इसे लेकर भी सवाल पूछा। कोर्ट ने यूपी की तरफ से लिए जाने वाले 700 करोड़ रु को लेकर भी अधिकारियों से अपडेट पूछा।
सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री के स्तर पर आपात कैबिनेट बैठक के प्रस्ताव को अस्वीकार किया गया और रोडवेज रिवाइवल का प्रस्ताव बनाने को कहा गया।