देहरादून: गोल्डन कार्ड की खामियों को दुरुस्त करने के लिए उत्तराखंड सचिवालय संघ ने शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के साथ विधान सभा स्थित उनके कार्यालय में बैठक की। सचिवालय संघ ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि गोल्डन कार्ड की कमियों को लेकर 20 फरवरी को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अध्यक्ष को अवगत कराया गया था। इसे लेकर सभी कार्मिक सेवा संघों की बैठक में दिए गए संशोधन का प्रस्ताव शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों द्वारा जानबूझकर लटकाया जा रहा है।
संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि गोल्डन कार्ड की खामियों का मुख्य कारण इसे अटल आयुष्मान से जोड़ा जाना तथा चिकित्सालयों को सम्पूर्ण रूप से सूचीबद्ध न कर मात्र रोगों के वर्गीकरण के आधार पर सूचीबद्ध किया जाना है। साथ ही बड़े व विशेषज्ञ चिकित्सालयों हेतु उपचार दरों का कम होना भी बड़ी ख़ामी है। इसके अलावा सचिवालय सहित प्रदेश के अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों, सेवानिवृत्त कार्मिकों के प्रतिमाह अंशदान की कटौती से संचालित योजना को CGHS से आच्छादित नहीं किए जाने से गोल्डन कार्ड सफ़ेद हाथी बनकर रह गया है। इन्हीं वजहों से प्रदेश के कार्मिकों, पेन्शनर्स व उनके आश्रितों के लिये यह महत्वपूर्ण योजना अब तक धरातल पर कारगर नही हो पायी है।
शनिवार को हुई बैठक में सचिवालय संघ के इस पत्र से मुख्य रूप से मांग की गयी है कि गोल्डन कार्ड से सम्बन्धित चार मई के शासनादेश मे अटल आयुष्मान योजना से इसे अलग किया जाए। इस शासनादेश के प्रस्तर 11 में OPD में उपचार कराये जाने पर चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति CGHS की दरों पर किये जाने का प्रावधान है। इसके अनुरूप ही IPD व OPD की कैशलेस व्यवस्था को SGHS के स्थान पर CGHS में परिवर्तित व संशोधित किया जाना है। सचिवालय संघ सहित प्रदेश के सभी प्रमुख कार्मिक सेवा संघों के साथ फरवरी की महत्वपूर्ण बैठक के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा शासन को संशोधन प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है। अब इसे स्वीकार कर प्रदेश के कार्मिकों, पेन्शनर्स और परिवार के आश्रितों की भावनाओं के अनुरूप गोल्डन कार्ड की योजना को दुरूस्त करने की दरकार है। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कार्मिकों की भावनाओं के अनुरूप इसे दुरुस्त करने का निर्णय लेने का भरोसा दिलाया गया है। योजना को कार्मिकों व पेंशनर्स की भावनाओं व सुविधाओं के विपरीत किसी भी दशा मे संचालित न किये जाने का आश्वासन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिया गया है।
साथ ही स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत द्वारा सम्बन्धित पत्रावली को मंगाकर कार्मिकों, पेन्शनर्स व आश्रितों की मांग के अनुरूप ही निर्णय लिए जाने की बात कही गई है। साथ ही सचिवालय संघ के इस पत्र के सन्दर्भ में 20 जुलाई से पूर्व सम्बन्धित अधिकारियों एवं स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ सचिवालय संघ के पदाधिकारियों की दोबारा बैठक किये जाने के निर्देश भी सचिव स्वास्थ्य को दे दिए है। सचिवालय संघ की ओर से स्वास्थ्य मंत्री का विशेष आभार प्रकट करते हुए आवश्यकतानुरूप सचिवालय संघ के साथ साथ प्रदेश के सभी प्रमुख कार्मिक सेवा संघ, परिसंघ व महासंघों के पदाधिकारियों को भी विचार विमर्श हेतु बैठक में आमंत्रित किये जाने का सुझाव दिया गया है।
आज की बैठक वार्ता में सचिवालय संघ की ओर से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सुनील लखेड़ा, महासचिव विमल जोशी, संयुक्त सचिव चन्दन बिष्ट, कोषाध्यक्ष बची सिंह, सदस्य अनिल प्रकाश उनियाल व सलाहकार रीता कौल की उपस्थिति रही।