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सचिवालय सेवा संवर्ग की माँगों पर एक्शन के लिए एक माह की मोहलत वरना रियक्शन स्वरूप आंदोलन, सचिवालय संघ की दो टूक- किसी विभागीय संघ, परिसंघ से लेना-देना नहीं पर समन्वय समिति के साथ लिखित समझौते में रही भूमिका, हितों की रक्षा को बैठक होगी तो पक्ष रखेंगे

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देहरादून: गुरुवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार सचिवालय सेवा संवर्ग की जायज एवं महत्वपूर्ण मांगों के सम्बन्ध में सचिवालय संघ द्वारा अपने संवर्गीय संघों के पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की गयी। बैठक में सचिवालय के सभी कार्मिकों की मांगों के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा एवं विचार किया गया। इस बैठक में राजपत्रित अधिकारी संघ, निजी सचिव संघ, समीक्षा अधिकारी संघ, सीधी भर्ती संघ, रक्षक संघ, सचिवालय सहायक संघ एवं राज्य सम्पत्ति वाहन चालक संघ के अध्यक्ष/महासचिव द्वारा प्रतिभाग किया गया तथा अपने-अपने महत्वपूर्ण मुददें सचिवालय संघ के सम्मुख रखे गये। इस बैठक का संचालन महासचिव श्री विमल जोशी द्वारा किया गया ।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया है कि सभी संवर्गीय संघों के पदाधिकारियों की ओर से प्रस्तुत मांगों को समय-समय पर सक्षम स्तर पर पत्राचार के माध्यम से प्रेषित किया जा चुका है। अब इन सभी प्रमुख मांगों एवं सचिवालय की व्यवस्थाओं को दुरूस्त किये जाने के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर समेकित रूप से सरकार से कार्यवाही का अनुरोध संघ की तरफ से किया जायेगा। तथा इन मांगों के निस्तारण हेतु सरकार एवं सक्षम अधिकारियों को 1 माह का पर्याप्त समय दिया जायेगा।जोशी ने कहा कि इस बीच किसी तरह का कोई आन्दोलन नहीं किया जायेगा तथा कार्मिकों की जायज मांगों पर कार्यवाही किये जाने का प्रयास एवं इस सम्बन्ध में लिये जाने वाले सम्यक निर्णयों की प्रतीक्षा की जायेगी। 1 माह तक मांगों के निस्तारण आदि न होने की सूरत में पुनः सचिवालय संघ की कार्यकारिणी की बैठक कर अग्रेत्तर आन्दोलन अख्तियार करने हेतु रणनीति एवं चरणबद्ध आन्दोलन की पटकथा लिखी जायेगी।
आज सचिवालय संघ द्वारा लिये एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय पर बताया गया है कि प्रदेश के विभागीय संगठनों के मंच आदि द्वारा किसी समिति से सचिवालय संघ को बाहर करने न करने के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज की गयी। सचिवालय संघ का प्रदेश के किसी भी विभागीय संघ, परिसंघ आदि से कोई सरोकार नही है, उनके चुनाव हो, न हो, मान्यता निरस्त हो या बनी रहे, इससे सचिवालय संघ का कोई वास्ता नही है। इस बारे में कार्मिक विभाग को जो करना हो, वो नियमानुसार करें।

सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि सचिवालय संघ का किसी भी मोर्चे एवं मंच से कोई सरोकार नहीं है तथा न ही भविष्य में सचिवालय संघ ऐसे किसी मोर्चे एवं मंच में शामिल होगा एवं कोई सहयोगात्मक भूमिका में रहेगा। यह भी तय किया गया कि प्रदेश के कार्मिक वर्ग के हितों के साथ-साथ सचिवालय सेवा संवर्ग के हितों से जुड़े उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के 31 जनवरी 2019 को हुए लिखित समझौते, जिसमें सचिवालय संघ की प्रमुख भूमिका रही है, का क्रियान्वयन कराने के लिए इस समिति के साथ उल्लिखित मांगों का क्रियान्वयन किये जाने हेतु जब-जब कोई भी अधिकारिक बैठक सक्षम स्तर पर आहुत होगी, संघ इसमें सहभागिता की मांग का अनुरोध पत्र मुख्यमंत्री एवं अन्य सभी सक्षम स्तर को तत्काल भेजा जायेगा। ताकि इन कॉमन मुददों पर सचिवालय सेवा संवर्ग के हित भी आच्छादित हैं, जिसके लिये सचिवालय संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष श्री सुनील लखेडा, महासचिव विमल जोशी आदि अपना पक्ष प्रमुखता से रख सकें।
आज की बैठक में सचिवालय संघ के समस्त पदाधिकारी एवं सभी संवर्गीय संघ के अध्यक्ष, महासचिव के रूप मे कैलाश तिवारी, भुवन जोशी, रीता कौल, जीतमणि पैनयूली, प्रमोद कुमार, नृपेन त्रिपाठी, गौरव सेमवाल, शूरवीर रावत, दिनेश उनियाल, सुरेन्द्र रावत, अनुज कुमार, प्रमोद कुमार, बची सिंह, किशन असवाल, चन्दन बिष्ट, संदीप बिष्ट, देवेन्द्र रावत, अरविंद कुमार आदि उपस्थित रहे।

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