न्यूज़ 360

WATCH कांग्रेस सांसद शशि थरूर के दावे में दम तो भारत के लिए बहुत बड़ी टेंशन, थरूर ने ट्विट वीडियो शेयर कर कहा- अफ़ग़ानिस्तान में आतंक मचा रहे तालिबानियों में दो भारतीय शामिल, इस राज्य से जाकर बने तालिबानी

Share now

दिल्ली: अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद वहाँ अब तालिबान का दमनकारी चेहरा उजागर हो रहा है। काबुल से लेकर तमाम शहरों की सड़कों पर अफरा-तफरी और खौफ का माहौल बना हुआ है। तालिबानी लड़ाके गाड़ियां रोककर लोगों की तलाशी ले रहे हैं, घरों में घुसकर छानबीन कर रहे हैं और लोगों के साथ बदसलूकी कर रहे हैं। अफ़ग़ानिस्तान से 120 भारतीय को वायुसेना लेकर आ चुकी है और कई भारतीय अभी भी फंसे हैं। उत्तराखंड के कई लोग भी अफ़ग़ानिस्तान में फंसे हैं जिनका एक वाडियो भी सामने आया है।

इसी बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बड़ा दावा कर सबको सकते में डाल दिया है। कांग्रेस सांसद ने एक वीडियो ट्विट शेयर करते दावा किया है कि अफगानिस्तान में आतंक मचाने वाले तालिबानियों में दो भारतीय युवा भी शामिल हैं। शशि थरूर ने दावा किया है कि ये दोनों शख्स केरल के रहने वाले हैं और दोनों मलयाली भाषा में बात कर रहे हैं।

दरअसल तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें दो तालिबानी लड़ाकों के हाथों में बंदूकें हैं और वे मलयाली भाषा( दावा किया गया है) बोल रहे हैं। वीडियो शेयर करते हुए शशि थरूर ने लिखा, ‘इन्हें सुनकर ऐसा लगता है कि वहां दो मलयाली तालिबान भी मौजूद हैं। इनमें से एक ने 8 सेकेंड तक मलयाली बोला और दूसरा उसे सुन रहा है।’
जाहिर है यह दावा सच है तो भारत सरकार और ख़ुफ़िया एजेंसियों के लिए बेहद चौकन्ना रहने की दरकार है। अगर तालिबानी अपने समर्थन में भारतीय युवाओं को बरगलाने और आकर्षित करने में कामयाब होते हैं तो यह आतंकवाद की नई पौध तैयार करने जैसा होगा। पहले ही कंधार विमान हाईजैक कांड के ज़रिए तालिबान का भारत विरोधी चेहरा उजागर हो चुका है और अब जब तालिबान अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर बैठा है और पाकिस्तान इस पर खुशी जाहिर कर रहा तब भारतीय ख़ुफ़िया तंत्र के लिए नई तस्वीर खतरे का संकेतक है।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!