देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही के लाइव प्रसारण को लेकर धामी सरकार पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने गंभीर आरोप लगाया है। प्रीतम सिंह ने कहा है कि मानसून सत्र के पहले दिन जब दिवंगत नेताओं को सदन के सदस्यों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई तब बिना रुकावट के उसका लाइव प्रसारण हुआ। लेकिन उसके बाद के दिनों में सदन की कार्यवाही का लाइव प्रसारण या तो किया ही नहीं गया या फिर बार-बार बाधित किया गया। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि सदन की कार्यवाही का लाइव प्रसारण जानबूझकर नहीं होने दिया गया क्योंकि धामी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाना चाहती है। धामी सरकार नहीं चाहती कि सदन के भीतर किस तरह से तथ्यों पर्व सरकार जनता के सामने बेनक़ाब होती है।
वैसे यह पहली बार नहीं जब विधानसभा कार्यवाही को सेलेक्टिव तरीके से लाइव प्रसारण के आरोप लग रहे हों। भराड़ीसैंण विधान भवन से मार्च में बजट सत्र के दौरान जब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन बनाने का ऐलान किया तो उसका भी लाइव प्रसारण किया गया था। इसे लेकर भी कांग्रेस विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन से सवाल उठाये थे और अब प्रीतम सिंह ने धामी सरकार पर आरोप लगाया है।
वैसे इस बारे में THE NEWS ADDA ने जब विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल से पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि विधासनभा अध्यक्ष की पहल पर एनआईसी, आईटीडीए और सूचना विभाग की मदद से गैरसैंण से वेब कास्टिंग का प्रयास किया गया था। इस बार मानसून सत्र के दौरान देहरादून विधानसभा से पहले दिन सीधा प्रसारण का प्रयास हुआ। लेकिन दुर्भाग्य से बाद में इसमें तकनीकी दिक़्क़त आ गई। विधानसभा सचिव कहा कि प्रयास है कि विधानसभा कार्यवाही का लाइव प्रसारण हो सके लेकिन फिलहाल हमारे पास न इस योग्य तकनीकी टीम है और न ही दक्षता।
अब अगर तकनीकी टीम और दक्षता का ही प्रश्न है तब यह बताता है कि डिजिटल दौर में हम कहां खड़े हैं! जब बिहार, यूपी, दिल्ली, छत्तीसगढ़, राजस्थान से लेकर अनेक राज्य विधानसभा सत्र की कार्यवाही का लाइव प्रसारण करते है ताकि राज्य की जनता जान सके कि उनके जनप्रतिनिधि और सरकार उनके मुद्दों पर कितना गंभीर प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अगर यह सिलेक्टिव होकर जब सरकार कोई बड़ी बात कहे तब सीधा प्रसारण और जब विप़क्ष जनहित के मुद्दों पर सरकार को आईना दिखाए तब टेक्निकल स्नैग का बहाना बन जाए तब और गंभीर सवाल खड़े करती है।