देहरादून: धामी सरकार पर लगातार आरोप लग रहे हैं कि यह सरकार कमेटी बनाकर हर मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने का दांव बार बार खेल रही है। अब उत्तराखंड सचिवालय संघ ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन के लिए कमर कसने का ऐलान करते हुए 10 सितंबर को महत्वपूर्ण बैठक बुला ली है। इस बैठक में सचिवालय संघ रणनीति बनाएगा कि कैसे चरणबद्ध तरीके से आंदोलन के रास्ते धामी सरकार को मजबूर किया जाए कि वह कर्मचारियों की जायज माँगे मान लें।
दरअसल सचिवालय संघ अपनी लम्बित मांगों को लेकर सरकार का हर दरवाजा खटखटा चुका है। यहां तक कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात कर जायज माँगों पर अमल करने की अर्ज़ी लगा चुका जिस पर सीएम की सहमति भी मिल चुकी लेकिन ढाक के तीन पात जैसे हालात बने हुए हैं। एक माह पूर्व सचिवालय के सभी संवर्गीय संघों की बैठक में सर्वसम्मति से लिये गये निर्णय तथा संघ की मांगों पर 9 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हुई वार्ता बैठक के बाद भी रिजल्ट सिफर रहने से कर्मचारी आक्रोशित हैं। संघ का कहना है कि एक माह की निर्धारित अवधि में कोई अपेक्षित कार्यवाही न होने और सक्षम अधिकारियों द्वारा संघ के मांग पत्र पर कोई गम्भीरता न दिखाये जाने तथा मात्र समितियां बनाकर औपचारिकता पूरी करने के रूख को देखते हुए अब सचिवालय संघ ने चरणबद्ध आन्दोलन की कमर कस ली है।
सचिवालय संघ की ओर से अब अपने सेवा संवर्ग के सदस्यों के हितों के संरक्षण हेतु आन्दोलनात्मक कार्यक्रम की रूप रेखा तय की जाएगी। इसके लिये 10 सितंबर (शुक्रवार) को 2.30 बजे संघ भवन में अहम बैठक बुलायी गयी है। इस बैठक में सभी पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने की अपेक्षा संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी व महासचिव विमल जोशी द्वारा की गयी है।
इस सम्बन्ध में संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया है कि सचिवालय संघ द्वारा सरकार और सक्षम अधिकारियों को मांगों के निस्तारण हेतु दी गयी एक माह की समयावधि में भी मांगों के प्रति कोई गम्भीरता व संवेदनशीलता नही दिखाई गई है। सचिवालय कार्मिकों के मुद्दों, हितों और गोल्डन कार्ड में आ रही दिक्कतों का समाधान न होने पर अब लोकतंत्रात्मक तरीके से चरणबद्ध आन्दोलन की रुपरेखा तय करने के लिए ही सचिवालय संघ की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में सभी की सहमति से आन्दोलन का कार्यक्रम तय किया जायेगा।