New Governor of Uttarakhand Lt Gen (R) Gurmeet Singh takes oath today, Wednesday
देहरादून: लेफ़्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) गुरमीत सिंह ने बुधवार को उत्तराखंड के आठवें राज्यपाल के रूप में शपथ ली है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरएस चौहान ने जनरल सिंह को राजभवन में शपथ दिलाई। समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा रिटायर्ड सैन्य ऑफ़िसर्स रहे। चीफ सेक्रेटरी डॉ एसएस संधु ने कार्यक्रम का संचालन किया। नए राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह मंगलवार के देहरादून पहुँचे थे।
उत्तराखंड राजभवन में पहली बार पूर्व सैन्य अधिकारी
जनरल सिंह के उत्तराखंड राजभवन में होने के सियासी निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। यह पहली बार है जब किसी रिटायर्ड सैन्य अफसर को राजभवन भेजा गया है, वह भी तब जब चार माह बाद राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं और यहाँ फौजी वोटर ख़ासा अहमियत रखना है। खासकर तब जब पहाड़ पॉलिटिक्स में पूरी ताकत से जोर आजमाइश करने उतरी आम आदमी पार्टी फौजी वोटों को लुभाने को कर्नल अजय कोठियाल को अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुकी है। जाहिर है जनरल सिंह की राजभवन में उपस्थिति उसकी काट समझी जा सकती है। इतना ही नहीं किसान आंदोलन के चलते तराई और मैदान के नाराज सिख वोटर को लुभाने का दांव भी इसे माना जा रहा है।
जानिए कौन हैं उत्तराखंड के नए गवर्नर
- लेफ़्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह सेना से 2016 में सेवानिवृत्त हो गए थे।
- सेना में करीब 40 वर्ष की सेवा रही।
- जनरल सिंह ने चार राष्ट्रपति पुरस्कार और दो चीफ आफ आर्मी स्टाफ कमंडेशन अवार्ड भी प्राप्त किए।
- जनरल सिंह डिप्टी चीफ आफ आर्मी स्टाफ भी रहे।
- जनरल सिंह सेना एडजुटेंट जनरल और 15 कार्प्स के कमांडर भी रहे।
- जनरल सिंह चीन मामलों से जुड़े मिलिट्री आपरेशन के निदेशक भी रहे हैं।
- नेशनल डिफेंस कालेज और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ से स्नातक रहे जनरल सिंह ने सैनिक स्कूल कपूरथला, पंजाब से स्कूलिंग की।
- जनरल सिंह जाने-माने रक्षा विशेषज्ञ हैं और उन्होंने चेन्नई और इंदौर के विश्वविद्यालयों से दो एमफिल डिग्री ली हैं। जनरल सिंह चेन्नई विश्वविद्यालय से ‘स्मार्ट पावर फार नेशनल सिक्योरिटी डायनेमिक्स’ विषय पर पीएचडी भी कर रहे हैं।
चीन मामलों के रक्षा एक्सपर्ट
जनरल गुरमीत सिंह सात बार चीन का दौरा कर कूटनीतिक व बॉर्डर या वास्तविक नियंत्रण रखा संबंधी बैठकों में शिरकत कर चुके हैं। जनरल सिंह सेना में रहने के दौरान, एक दशक से अधिक समय तक कई विशेषज्ञ समूहों, संयुक्त कार्य समूहों, वार्षिक संवादों और चीन अध्ययन समूह की बैठकों का हिस्सा रहे।