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चारधाम यात्रा पर HC में आज सुनवाई: HC की चार हफ्ते की रोक खुलवाने SLP लेकर SC पहुँची धामी सरकार आठ हफ्ते बर्बाद कर बिना सुनवाई वापस लौटी, अब कांग्रेस भी पहुँची हाईकोर्ट

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नैनीताल/देहरादून: नैनीताल हाईकोर्ट 16 सितंबर यानी आज चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर सुनवाई करेगा। जून में कोरोना के हालात और हेल्थ इंफ़्रास्ट्रक्चर की दयनीय स्थिति देखकर हाईकोर्ट ने लोगों के जीवन को खतरा न हो इसलिए चारधाम यात्रा पर चार हफ्ते के लिए रोक लगाते हुए सरकार से जवाब माँगा था। लेकिन धामी सरकार ने दोबारा हाईकोर्ट फैसले की समीक्षा करने की गुहार लगाकर या स्वास्थ्य इंफ़्रा व कोरोना जंग की पुख़्ता तैयारी कर पहुँचने की बजाय सुप्रीम कोर्ट का रास्ता पकड़ा। धामी सरकार जुलाई में सुप्रीम कोर्ट पहुँची लेकिन चार हफ्ते की HC रोक हटवाने के मामले की लिस्टिंग कराने में ही उसे आठ हफ्ते लग गए।


चौतरफा तीर्थ-पुरोहितों से लेकर स्थानीय कारोबारियों और विपक्ष हमलावर तेवरों से बैकफ़ुट पर आई सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से SLP वापस लेकर दोबारा हाईकोर्ट पहुँचने में ही भलाई समझी। अब धामी सरकार ने चारधाम यात्रा शुरू कराने के लेकर हाईकोर्ट में एफिडेविट पेश किया है जिसकी सुनवाई चीफ जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की बेंच कर रही है।


हालाँकि सरकार की लेटलतीफ़ी और चारधाम यात्रा को लेकर लचर तैयारी पर हमलावर कांग्रेस धामी सरकार को असहज करने को हाईकोर्ट भी पहुंच गई है। बुधवार को कांग्रेस ने ऐलान किया था कि वह चारधाम यात्रा शुरू कराने को लेकर हाईकोर्ट में पैरवी करेगी।

कांग्रेस ने हाईकोर्ट में इस मामले पर पक्ष रखने के लिए पूर्व महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह नेगी को अधिकृत भी कर दिया है। बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इसे लेकर वकालतनामे पर हस्ताक्षर किए। इस पर गोदियाल ने कहा है कि चारधाम यात्रा जहां देश-दुनिया के करोड़ों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ी है, वहीं लाखों लोगों की रोजी-रोटी का एकमात्र जरिया भी है। कोरोना संक्रमण कम होने पर जब सभी गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं तो फिर चारधाम यात्रा पर रोक उचित नहीं है।


जाहिर है कांग्रेस का कदम सियासी है और मक़सद सरकार को असहज कराने के साथ अगर हाईकोर्ट से चारधाम यात्रा को शुरू करने की अनुमति मिल जाती है तो इसे अपनी जीत के तौर पर पेश करना भी है।

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