देहरादून: गोल्डन कार्ड पर जनवरी से अपने वेतन से अंशदान देकर भी बेहतर चिकित्सा सुविधा से वंचित कार्मिक दर-दर भटकने के बाद अब आंदोलन के रास्ते पर हैं। कैबिनेट में प्रस्ताव न आने पर कार्मिकों ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सोमवार को सचिवालय परिसर से लेकर कई जगह गोल्डन कार्ड संबंधी शासनादेश की प्रतियों की होली जलाकर अपने कड़े रुख का सबूत दिया। चौतरफा कार्मिकों का बढ़ता गुस्सा और अपनी छिछालेदर होती देख अब सरकार और शासन ने गोल्डन कार्ड की ख़ामियों पर नए सिरे से चर्चा की तैयारी की है।
दरअसल, गोल्डन कार्ड की ख़ामियों को दूर करने की प्रमुख मांग सहित एसीपी की पूर्व व्यवस्था की बहाली, शिथिलीकरण नियमावली 2010 को पुनः प्रभावी किये जाने, पुरानी पेंशन बहाली जैसे कार्मिकों की काॅमन माँगों पर सचिवालय संघ की उपस्थिति में 31 जनवरी 2019 को स्व0 प्रकाश पन्त के साथ हुए समझौते को क्रियान्वित किये जाने तथा सचिवालय भत्ते में वृद्धि सहित सचिवालय सेवा संवर्ग की महत्वपूर्ण मांगों को लेकर संघ द्वारा सचिवालय में 20 सितम्बर से चरणबद्ध आन्दोलन चलाया जा रहा है।
सोमवार को सचिवालय परिसर में गोल्डन कार्ड से सम्बन्धित शासनादेश की होली दहन कार्यक्रम के बाद सचिवालय परिसर में किये गये धरना-प्रदर्शन व सचिवालय कार्मिकों के आन्दोलन के रूख को देखते हुये आज अपरान्ह 4.00 बजे अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा राधा रतूडी की अध्यक्षता में सभी सक्षम अधिकारियों के साथ सचिवालय संघ के पदाधिकारियों को बैठक हेतु आमंत्रित किया गया है। इसमें सचिवालय संघ अपनी माँगों के सम्बन्ध में प्रभावी पक्ष रखते हुए कार्मिकों से सम्बन्धित जायज माँगों को पूर्ण कराये जाने की पुरजोर पैरवी करेगा।
इसके साथ साथ स्व0 प्रकाश पन्त की अध्यक्षता में 31 जनवरी 2019 को हुई 01 दिन की हड़ताल के उपरान्त तत्समय सचिवालय संघ की प्रमुख भूमिका से गठित उत्तराखण्ड अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति के साथ हुए समझौते में सचिवालय संघ की भूमिका को देखते हुए कार्मिकों की अधिकांश कामन मांगों से सचिवालय संघ भी एक प्रमुख पक्ष होने के नाते दिनांक 29 सितंबर को बुलायी गयी बैठक में भी सचिवालय संघ को आमंत्रित किया गया, जो प्रभावी तरीके से कार्मिकों की जायज माँगों के समर्थन में सम्पूर्ण तथ्य व आधार प्रस्तुत करेगा।
इस सम्बन्ध में सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी का कहना है कि दोनों ही बैठकों मे संघ के एक जिम्मेदार पदाधिकारी के रूप में कार्मिक हित मे फैसले कराये जाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी जायेगी। इस सम्बन्ध में सभी तथ्य व आधार संघ के पास पूर्व से उपलब्ध हैं तथा इन दोनों बैठकों की तैयारी संघ द्वारा कर ली गयी है। सचिवालय संघ अपनी गरिमा व महत्ता के अनुरूप अपनी माँगों को मनवाने में सफल होगा।