देहरादून: ऊर्जा के तीनों निगमों के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा अपनी जायज मांगों, विशेषकर उत्तर प्रदेश की भाांति 09 वर्ष, 14 वर्ष एवं 19 वर्ष पर ए0सी0पी0 की अनुमन्यता किये जाने के सम्बन्ध में लोकतांत्रिक तरीके से चलाये जा रहे चरणबद्ध आन्दोलन के बावजूद समाधान न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल को उत्तराखंड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ ने दिया समर्थन। अगर 05 अक्टूबर तक ऊर्जा निगम के अधिकारियों-कर्मचारियो की ज्वलन्त समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता है तो 06 अक्टूबर से होने वाली ऊर्जा निगम के आन्दोलनरत अधिकारियों व कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को उत्तराखंड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ ने शनिवार को अपना समर्थन पत्र दे दिया है।
ऊर्जा निगम के कार्मिकों की प्रमुख मांग का समर्थन करते हुए प्रदेश के राजकीय, निगम, निकाय के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शासकीय-अशासकीय शिक्षक व कार्मिक सेवा संघों द्वारा 19 सितंबर को गठित उत्तराखण्ड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ ने अपने घटक संघ एवं अभिन्न अंग के रूप में ऊर्जा निगम को इस आन्दोलन में अपना पूर्ण समर्थन दिया है। साथ ही महासंघ इस बात पर दृढ-संकल्पित है कि ऊर्जा निगम के कार्मिक सेवा संघों द्वारा संचालित किये जाने वाले आन्दोलन कार्यक्रमों में महासंघ तत्परता के साथ अपने घटक संघ के साथ खड़ा रहेगा।
महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा है कि वर्तमान परिवेश की जो स्थिति है उसमें
सरकार कर्मचारी संगठन की माँगों को अपेक्षाकृत रूप से स्वीकार कर निस्तारित करने हेतु गम्भीर है, परन्तु निर्णयकर्ता अधिकारियों की हीलाहवाली, मनमानी एवं कार्मिक वर्ग से उपेक्षित दृष्टिकोण अपनाने की प्रवृत्ति कार्मिक सेवा संघों को हड़ताल जैसे सख्त कदम उठाने हेतु बाध्य कर रही
है। महासंघ की ओर से कहा गया है कि यदि लोकतांत्रिक तरीके से संचालित किये गये चरणबद्ध कार्यक्रम की समय सीमा के भीतर शासन के सम्बन्धित विभाग से मांग पूरी नहीं की जाती है तो 6 अक्तूबर से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल में ऊर्जा निगमों के कार्मिक सेवा संघों को उत्तराखण्ड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ पूर्ण सहयोग करेगा। किसी भी परिस्थिति में ऊर्जा निगम के किसी भी अधिकारी-कमर्चारी का शोषण एवं उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। महासंघ ऊर्जा निगम के कार्मिक सेवा सघों के साथ हर परिस्थिति में खड़ा है।