देहरादून/ हल्द्वानी: धामी सरकार में मंत्री रहे यशपाल आर्य की घर वापसी को कांग्रेस ग्रैंड अवसर में तब्दील करने जा रही है। 18 अक्तूबर को कांग्रेस उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की जयंती और पुण्यतिथि पर स्मृति यात्रा निकलेगी और फिर हल्द्वानी के रामलीला मैदान में बड़े सम्मान समारोह में यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य का ग्रैंड वेलकम होगा। कांग्रेस एनडी तिवारी को विकास पुरुष करार देते हुए उनके विकास कार्यों को याद करते हुए स्मृति यात्रा निकालेगी।
दरअसल, उत्तराखंड के सबसे बड़े दलित चेहरे यशपाल आर्य न केवल धामी सरकार में कद्दावर मंत्री थे बल्कि उससे बहुगुणा और हरदा सरकार में भी मंत्री रहे। एनडी तिवारी के क़रीबियों में रहे आर्य उनकी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे और सात साल यानी राज्य बनने के बाद सबसे लंबे समय तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे हैं। आर्य के अध्यक्ष काल में न केवल कांग्रेस ने 2009 में पाँचों की पाँचों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी बल्कि 2012 में कांग्रेस की राज्य में सरकार भी बनी। जाहिर है आर्य का प्रदेश में न केवल दलित वर्ग में तगड़ा जनाधार है बल्कि कुमाऊं से तराई, हरिद्वार, देहरादून और गढ़वाल में भी प्रभाव है, कार्यकर्ताओं की टीम है जो अब कांग्रेस में आते ही एक्टिव नजर आएगी। यही वजह है कि अब कांग्रेस आर्य के बहाने कुमाऊं, तराई और मैदान में माहौल बनाने की कोशिश कर रही है।
यशपाल आर्य का कांग्रेस में स्वागत-सम्मान का सिलसिला 18 अक्तूबर को हल्द्वानी के रामलीला मैदान से विजय शंखनाद कार्यक्रम के रूप में शुरू हो रहा है। फिर ऊधमसिंहनगर जिले में इसी तर्ज पर कार्यक्रम रखा जाएगा। देहरादून में भी यशपाल आर्य की घर वापसी को लेकर ऐसा ही भव्य सम्मान कार्यक्रम आयोजन किया जाएगा। इतना ही नहीं पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत आदि जिलों में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में भी यशपाल आर्य की अगुआई में माहौल बनाया जाएगा। यशपाल आर्य कुमाऊं में कांग्रेस के परम्परागत वोटबैंक को साधने की रणनीति पर काम करेंगे। हरीश रावत के साथ मिलकर कुमाऊं से तराई और हरिद्वार तक दलित वोटर्स को नए सिरे से कांग्रेस से जोड़ने की चुनौती आर्य के सामने होगी।