- कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के लिए आठ जनवरी को अल्मोड़ा और श्रीनगर में
देहरादून/दिल्ली: उत्तराखंडियत के मुद्दे पर चुनावी जंग में उतरी कांग्रेस भाजपा की त्रिवेंद्र-तीरथ से लेकर पुष्कर सिंह धामी सरकार को ही निशाने पर रखकर 2022 की सत्ता का चक्रव्यूह भेदना चाहती है। भाजपा जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आगे रखकर अपने चुनाव अभियान को धार देने की कोशिशों में जुटी है, वहीं कांग्रेस मोदी बनाम राहुल या मोदी बनाम कांग्रेस की बजाय बेरोज़गारी-महंगाई जैसे मुद्दों को हथियार बनाकर डबल इंजन सरकार के तीन मुख्यमंत्रियों के कामकाज का हिसाब मांग रही है। साथ ही चुनाव अभियान को ऐसे धार दी जा रही कि जहां-जहां प्रधानमंत्री रैली करेंगे उन जगहों पर राष्ट्रीय नेताओं को उतारा जाएगा। इसी अंदाज में प्रधानमंत्री मोदी की देहरादून के परेड मैदान की रैली के जवाब में 16 दिसंबर की उत्तराखंड शहीद सम्मान रैली रखी जाती गई।
अब जब प्रधानमंत्री मोदी ने 30 दिसंबर को हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज में बड़ी रैली की है तो उसकी काट में उसी मैदान में प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली कराने पर विचार हो रहा है। यूपी चुनाव अभियान की ज़िम्मेदारी संभाल रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ‘मैं लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ कैंपेन के जरिए आधी आबादी में पहुंच बनाने के अभियान पर हैं और उत्तराखंड की मातृशक्ति को कांग्रेस के पक्ष में लामबंद करने को उन्हें देवभूति दौरे पर लाया जा रहा है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने आपके THE NEWS ADDA पर कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा की पहाड़ से मैदान तक उत्तराखंड में कई जगह प्रचार की डिमांड है लेकिन यूपी चुनाव में सक्रियता के चलते कम से कम दो-तीन मीटिंग कराने की कोशिश हो रही है। प्रियंका गांधी का पहला कार्यक्रम हल्द्वानी में रखकर प्रधानमंत्री मोदी की रैली का जवाब देने की रणनीति है तो हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए प्रियंका गांधी को कुमाऊं में अल्मोड़ा और गढ़वाल में श्रीनगर आने का न्यौता दे दिया है।
जाहिर है पहाड़ कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि यूपी में भले प्रियंका गांधी के नारे ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ से माहौल बन रहा हो लेकिन असल में मातृशक्ति के वोटों का सियासी फायदा उत्तराखंड की बाइस बैटल जीतकर उठाया जा सकता है।