देहरादून: धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत ने रविवार को हुई अपनी बर्ख़ास्तगी के पांच दिन बाद शुक्रवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस के चुनाव वॉर रूम में स्क्रीनिंग कमेटी नेताओं की मौजूदगी में हरक सिंह रावत और उनकी बहू अनुकृति गुंसाई रावत ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। हालाँकि हरक सिंह रावत की ज्वाइनिंग के समय पूर्व सीएम हरीश रावत के अलावा प्रभारी देवेन्द्र यादव, स्क्रीनिंग कमेटी अध्यक्ष अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित कई कई नेता मौजूद रहे। लेकिन ऐसा लग रहा है कि हरीश रावत हरक की कांग्रेस में घर वापसी से खुश नहीं हैं।
ऐसा इसलिए लग रहा क्योंकि हरक की कांग्रेस में ज्वाइनिंग के तुरंत बाद उत्तराखंड काग्रेस के तमाम सोशल मीडिया हैंडल्स से लेकर प्रभारी देवेन्द्र यादव, नेता प्रतिपक्ष गणेश गोदियाल और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने ट्विटर और फेसबुक पर हरक सिंह रावत का ज़ोरदार वेलकम किया है।
लेकिन ट्विटर, फेसबुक जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर हर मुद्दे को लेकर मुखर रहने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत ने हरक को लेकर खामोश दिख रहे हैं। कांग्रेस ज्वाइनिंग के दौरान भले ‘बड़े भाई’ हरदा ने अपने ‘छोटे भाई’ हरक का वेलकम किया हो लेकिन सोशल मीडिया के दौर में यहाँ उनकी चुप्पी और बाकी नेताओं की मुखरता असल कहानी बयां कर रही है।
वैसे अगर हरक सिंह रावत चुनाव लड़ते हैं तो कहां से सीट तय होती है इसे देखकर भी हरदा-हरक के भाई-चारे की कहानी समझी जा सकेगी। वैसे हरक ने कांग्रेस में शामिल होते भाजपा और डबल इंजन सरकार पर हमला बोला है और 2016 में कांग्रेस छोड़कर जाने को अपनी बड़ी भूल करार देते हुए क्षमायाचना की है।