देहरादून: उत्तराखंड की सियासत के लिहाज से कल का दिन बेहद खास होने वाला है। राज्य को सोमवार को 12वां मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। पाँचवी विधानसभा का चुनाव जीतकर आए विधायक सदन शपथ लेकर सदन की सदस्यता ग्रहण करेंगे। तो उधर कांग्रेस भी लगातार दूसरे विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार पर मंथन कल ही करेगी।
- सुबह 10 बजे प्रोटेम स्पीकर को राज्यपाल दिलाएँगे शपथ
उत्तराखंड की पाँचवी विधानसभा के लिए सोमवार सुबह 10 बजे राजभवन में राजपाल लेफ़्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह भाजपा के वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाएँगे।
- 11 बजे चुनाव जीतकर आए विधायकों को विधानसभा में दिलाई जाएगी शपथ
सोमवार को 11 बजे विधानसभा भवन में प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएँगे। भाजपा के विधानमंडल दल की बैठक और मुख्यमंत्री चयन और सरकार गठन से पहले विधायकों को शपथ दिलाई जा रही है। इसकी संभावना पहले से थी लिहाजा विधानसभा सचिवालय तमाम तैयारियाँ कर चुका है।
- सुपर सियासी सोमवार
सोमवार यानी 21 मार्च सूबे में सियासी डेवलेपमेंट के लिहाज से बेहद अहम हो गया है। दोबारा सत्ता में लौटी भाजपा जहां नतीजों के 11 दिन बाद विधायक दल की बैठक में अगले मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान करेगी, वहीं चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार को लेकर विधायकों और पार्टी प्रत्याशियों के साथ ऑब्ज़र्वर अविनाश पांडे मंथन बैठक करेंगे।
सूत्रों की मानें तो आज भाजपा आलाकमान ने उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री को लेकर मुहर लगा दी है लेकिन राज्य के नेताओं को भनक तक नहीं है कि किसे नई सरकार का सूबेदार बनाया जा रहा है। माना जा रहा है कि यह सस्पेंस विधायक दल की बैठक में ही खत्म होगा। हालाँकि फैसले से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ मंथन किया और पार्टी आलाकमान ने राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व सीएम निशंक और त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा सतपाल महाराज का पक्ष भी सुना। अब इसका खुलासा कल ही होगा कि मौका हार के बावजूद धामी को मिलता है या सांसद अनिल बलूनी, मंत्री अजय भट्ट या विधायकों में धन सिंह रावत या सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, मदन कौशिक और विनोद चमोली जैसे किसी चेहरे को मौका दिया जाता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी केन्द्रीय ऑब्ज़र्वर के तौर पर पहुंच रहे हैं और विधायकों से रायशुमारी के बाद आलाकमान का फैसला सुनाएँगे।
बात अगर कांग्रेस की करें तो चुनावी हार के कारणों की पड़ताल का ज़िम्मा पार्टी आलाकमान ने स्क्रीनिंग कमेटी के चीफ और झारखंड प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे को सेंट्रल ऑब्ज़र्वर बनाकर दिया है। पांडे जिलावार प्रत्याशियों और सभी 19 विधायकों से चर्चा कर पार्टी को मिली करारी हार के कारणों की पड़ताल करेंगे। कांग्रेस भवन में होने वाली बैठक में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी शामिल होंगे।
- करारी हार के बाद कांग्रेस में कलह कुरुक्षेत्र तेज
2017 में 11 सीटों पर सिमटकर सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस का 2022 में वापसी का सपना महज 19 सीटों पर मिली जीत के साथ ही चूर-चूर हो गया है। हार के बाद अब हरदा, प्रीतम, रणजीत से लेकर नव प्रभात और कुंजवाल तक आरोप-प्रत्यारोप के दौर में उलझे हैं। साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी हरीश धामी तलवार भांज रहे हैं। जाहिर है कांग्रेस के लिये हार को पचाकर 2024 और 2027 का रास्ता पकड़ना आसान नहीं रहने वाला है।
उधर सोमवार को ही यह भी खुलासा हो जाएगा कि मोदी-शाह ने 2024 और 2027 के सत्ता संग्राम के लिए किसे अपना सबसे भरोसेमंद सिपहसालार माना है। इस बीच रविवार शाम दिल्ली से देहरादून पहुँचे कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी ने परेड मैदान पहुंचकर शपथग्रहण समारोह स्थल का निरीक्षण किया और तैयारियों का जायज़ा लिया। अब यह तो सोमवार शाम पांच बजे ही पता चल पाएगा कि 23 मार्च को सुबह 11 बजे राज्य के अगले मुख्यमंत्री की शपथ कौन लेगा और किस किस को नई कैबिनेट में जगह मिल पाएगी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी आ रहे हैं तो शपथग्रहण मेगा इवेंट होने वाला है। लिहाजा धामी ने मोर्चे पर उतरना ही बेहतर समझा है। कौन जाने किसके लिए ‘सरप्राइज़ पैकेज’ लेकर आ रहा है सोमवार!