- धामी कैबिनेट में कम नहीं होगा कांग्रेसी गोत्र के नेताओं का दबदबा
- हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य की एग्जिट से खुलेगा काऊ और सौरभ के लिए रास्ता
- 23 मार्च को धामी सरकार 2.0 का मेगा शपथग्रहण समारोह
- प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री शाह, भाजपा अध्यक्ष नड्डा,यूपी सीएम योगी होंगे शामिल
- धामी के साथ ये 11 विधायक ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ
- धामी कैबिनेट के संभावित चेहरे
- पुष्कर सिंह धामी लेंगे मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी शपथ
- सतपाल महाराज को फिर बनाया जाएगा कैबिनेट मंत्री
- बिशन सिंह चुफाल को फिर बनाया जा सकता है कैबिनेट मंत्री
- पिछली सरकार में स्पीकर रहे प्रेमचंद अग्रवाल मंत्रीपद की रेस में
- मदन कौशिक का नाम मंत्री या स्पीकर को लेकर चल रहा
- सुबोध उनियाल को फिर बनाया जा सकता है कैबिनेट मंत्री
- डॉ धन सिंह रावत का नाम भी संभावित मंत्रियों की सूची में
- गणेश जोशी भी फिर कैबिनेट मंत्री बनने की रेस में
- अरविंद पांडे को मंत्रिमंडल में जगह को लेकर संशय
- महिला कोटे से रेखा आर्य हुई ड्रॉप तो ऋतु खंडूरी को मंत्रीपद
- महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ा तो केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत बनेंगी मंत्री
- कई वरिष्ठ विधायकों का कैबिनेट से किनारा कर युवा चेहरों को मिलेगी जगह
- पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा बनेंगे मंत्री
- उमेश शर्मा काऊ भी इस बार बनेंगे धामी कैबिनेट में मंत्री
- आरक्षित वर्ग से रेखा का पत्ता कटा तो चंदनराम दास या खजानदास में से किसी को मंत्रीपद
- प्रीतम सिंह पंवार को भी बनाया जा सकता है कैबिनेट मंत्री
- धामी कैबिनेट में सीएम सहित अधिकतम 12 सदस्य ही हो सकते हैं शामिल
- पिछली सरकार में मंत्री रहे हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य जा चुके कांग्रेस में
- पिछली सरकार में मंत्री रहे स्वामी यतीश्वरानंद हार गए चुनाव
- इस तरह तीन मंत्री होंगे नए और कई वरिष्ठों का पत्ता कटना तय
- धामी कैबिनेट में इस पर दिखेगा युवाओं का दबदबा
देहरादून: 23 मार्च यानी मंगलवार को धामी सरकार 2.0 (Pushkar Singh Dhami Government 2.0) का मेगा शपथग्रहण समारोह होगा। शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, यूपी सीएम योगी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह सहित कई दिग्गज नेता शामिल होंगे। परेड मैदान में हो रहे इस मेगा इवेंट में मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी कैबिनेट के मंत्री पद व गोपनीयता की शपथ लेंगे। माना जा रहा है कि धामी कैबिनेट 2.0 में कई वरिष्ठ विधायकों का पत्ता कट सकता है और नए चेहरों को जगह मिल सकती है। जबकि कई मंत्रियों को अहम विभाग देकर उनका वज़न बढ़ाया जा सकता है। भले चुनाव से पहले हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य भाजपा छोड़कर कांग्रेस में घर वापसी कर गए हों लेकिन उनकी गैर मौजूदगी के बावजूद सरकार में कांग्रेस बैकग्राउंड के नेताओं का दबदबा कम नहीं होने जा रहा है।
समीकरण: कौन-कौन हो सकता है धामी कैबिनेट में ?
माना जा रहा है कि धामी कैबिनेट अनुभव और युवा जोश का समावेश होगी। इस बार बंशीधर भगत जैसे वरिष्ठ चेहरे शायद कैबिनेट में नजर न आएं। बंशीधर भगत या मदन कौशिक को स्पीकर बनाने की चर्चा है लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कौशिक हरिद्वार जिले में भाजपा के बेहद कमजोर प्रदर्शन के बावजूद पाँचवी बार चुनाव जीतकर आए हैं। हरिद्वार जैसे बेहद अहम जिले को धामी सरकार में अहम ज़िम्मेदारी मिलना तय है लिहाजा मदन कौशिक जैसे विधायी और संसदीय कामकाज के जानकार को सरकार में तवज्जो मिल सकती है।
देहरादून जिले से इस बार गणेश जोशी के अलावा मंत्रीपद की रेस में उमेश शर्मा काऊ का नाम शामिल है। काऊ आर्य और हरक के साथ कांग्रेस में नहीं गए थे उन्हें इसका इनाम मिल सकता है। पिछली बार स्पीकर रहे प्रेमचंद अग्रवाल भी मंत्री बनने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
पौड़ी जिले का वज़न पिछली बार जितना भले न रहे लेकिन दबदबा बरक़रार रहेगा। चौथी बार चीफ मिनिस्टर रेस में चित हुए सतपाल महाराज को एक बार फिर सीएम के बाद शपथ लेकर मंत्रीपद से काम चलाना होगा। डॉ धन सिंह रावत भी भले मुख्यमंत्री की रेस में हार गए हों लेकिन मंत्रीपद पा जाएंगे। पौड़ी जिले को इस बार अगर तीसरा मंत्रीपद मिला तो वह महिला कोटे से ऋतु खंडूरी को दिया जाएगा। विपरीत हालात में कोटद्वार पहुँची भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष को जीत के बाद सरकार में जगह मिलने के पूरे आसार हैं।
टिहरी जिले से सुबोध उनियाल को अहम विभाग देकर उनका वज़न बढ़ाया जा सकता है। उनियाल पिछली सरकार में काबिना मंत्री रहते परफ़ॉर्मेंस के मोर्चे पर तमाम मंत्रियों पर भारी पड़े थे लिहाजा धामी कैबिनेट में उनकी ताकत और बढ़ाई जा सकती है। हालाँकि कुछ लोग टिहरी जिले से ही किशोर उपाध्याय और प्रीतम सिंह पंवार की जीत के बाद समीकरण बदलने का हवाला दे रहे। साथ ही युवा चेहरे के तौर पर विनोद कंडारी का नाम भी उछाला जा रहा लेकिन उनियाल की अहमियत कम होती नजर नहीं आ रही है।
चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले से शायद ही किसी विधायक को कैबिनेट में जगह मिल पाए। हालाँकि महिला कोटे से केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत के चांसेज बन भी सकते हैं और कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल को लेकर भी चर्चाएं ज़रूर हैं।
ऊधमसिंहनगर जिले से खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आते हैं लेकिन यह अलग बात है कि वे अपनी सीट हार गए और अब कहां से उपचुनाव लड़ेंगे यह देखना होगा। लेकिन ऐसे मे जब भाजपा जिले की नौ में से चार सीटों पर सिमट गई, तब हाथ से निकल गई खटीमा, नानकमत्ता, बाजपुर और किच्छा जैसी सीटों के बीच सितारगंज बचा ले गए सौरभ बहुगुणा को इस बार धामी कैबिनेट में मंत्रीपद मिलना तय माना जा रहा है। अब अरविंद पांडे कैबिनेट में कुर्सी बचा पाते हैं या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा।
नैनीताल जिले से बंशीधर भगत को ड्रॉप किया जाता है तो क्या रामनगर विधायक दिवान सिंह बिष्ट को तवज्जो मिलेगी?
अल्मोड़ा जिले से रेखा आर्य पिछली बार महिला और आरक्षित कोटे से मंत्री बन गई थी लेकिन क्या इस बार जगह बना पाएगी इसे लेकर अटकलें लग रही हैं। पिथौरागढ़ से डीडीहाट विधायक बिशन सिंह चुफाल को धामी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। चर्चा है कि तमाम सीटों के बीच धामी इस सीट से उपचुनाव लड़ना चाहेंगे। अगर ऐसा हुआ तो चुफाल का राज्यसभा का रास्ता बनेगा।
बागेश्वर और चंपावत जिले में इस बार बागेश्वर विधायक चंदनराम दास को मंत्री बनाया जा सकता है। हालाँकि आरक्षित कोटे से रेखा आर्य के अलावा खजानदास भी चंदनराम दास को मंत्रीपद को लेकर टक्कर देंगे। कहने को पिछली सरकार में यशपाल आर्य और रेखा आर्य दोनों मंत्री रहे लेकिन इस बार सम्भव है कि आरक्षित कोटे से एक ही मंत्री बनाया जाए। वैसे महिला भागीदारी बढ़ाने की मांग उठ रही तब क्या ऋतु या शैला के साथ रेखा फिर जगह बना पाएँगी यह देखना होगा।