लखनऊ/दिल्ली: G 23 leader Kapil Sibal quits from Congress files for Rajya Sabha with Samajwadi Party support as independent candidate कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के असंतुष्ट धड़े ग्रुप 23 के अहम सदस्य कपिल सिब्बल ने बुधवार को सपा के समर्थन से राज्यसभा के लिए इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। इसी के साथ सिब्बल ने यह भी खुलासा कर दिया कि वे तो 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं।
दरअसल कपिल सिब्बल ने हाल में आज़म खान के वकील के तौर पर सपा नेता को करीब 28 महीने बाद जेल से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई है और आजम खान सिब्बल को राज्यसभा भेजने की खुली पैरवी कर चुके हैं। ज़ाहिर है अखिलेश यादव ने सिब्बल का समर्थन कर जहां खफा दिख रहे आज़म को साध लेने का दांव चला है वहीं संसद में विपक्षी आवाज़ के एक बड़े चेहरे को अपने पाले में कर लिया है।
भले कांग्रेस में रहकर ग्रुप 23 बनाकर सिब्बल कांग्रेस आलाकमान यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधने के कारण पार्टी के लिए सिरदर्द बन चुके थे लेकिन सपा से लेकर राजद और झामुमो सिब्बल को राज्यसभा भेजने को लेकर तैयार थे।
दरअसल कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में चोटी के वकीलों में शुमार करते हैं। सोनिया-राहुल के नेशनल हेराल्ड केस से लेकर चारा घोटाले में लालू प्रसाद, मंत्री रहते माइंस लीज़ मामले में फंसे झारखंड सीएम हेमन्त सोरेन का केस और अब आज़म को सुप्रीम कोर्ट से जमानत दिलाने जैसे कई हाई प्रोफाइल केस सिब्बल ही संभाल रहे हैं।
ज़ाहिर है कानूनी मोर्चे पर जूझते विपक्षी दलों के लिए कपिल सिब्बल जैसे तगड़े वकील की अहमियत समझी जा सकती है। वह भी तब जब आये दिन कभी लालू के ठिकानों पर सीबीआई रेड तो कभी किसी विपक्षी नेता के ठिकानों पर ED के छापे आम हो चला है।
सवाल है कि सत्ताधारी दल पर हमलावर रहने वाले सिब्बल जैसे मजबूत पैरोकार को खोकर कांग्रेस आलाकमान इस बात पर खुश होना चाहेगा कि चलो इसी बहाने ग्रुप 23 बिखर गया या फिर चिन्तन करेंगे कि पार्टी से नेताओं के जाने का सिलसिला थम क्यों नहीं रहा!