Monkeypox in India, SOP in Uttarakhand: WHO द्वारा मंकीपॉक्स को महामारी घोषित किया जा चुका है और अब यह महामारी भारत के लिए गम्भीर चिन्ता के संकेत देने लगी है। आज (मंगलवार को) देश में मंकीपॉक्स के दो नए मामले पाए गए हैं और इसी के साथ देश में अब तक कुल आठ मंकीपॉक्स के मरीज मिल चुके हैं। मंगलवार को 35 वर्षीय नाइजीरियाई शख़्स की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। चिन्ताजनक यह है कि मंकीपॉक्स के पॉजीटिव मिले नाइजीरियाई शख़्स की हाल-फिलहाल में कोई ट्रैवल हिस्ट्री का पता नहीं लग सका है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग इसी पड़ताल में जुटा है कि नो ट्रैवल हिस्ट्री के बावजूद इस शख़्स में मंकीपॉक्स का वायरस कहां से और कैसे आया।
दो दिन पहले ही भारत में मंकीपॉक्स महामारी से पहली मौत हुई थी। केरल में UAE से लौटे एक 22 साल के एक युवा की मंकीपॉक्स से मौत हुई। जाहिर है अब खतरा बढ़ता जा रहा है और लोगों को बेहद गंभीरता से मंकीपॉक्स महामारी को लेना पड़ेगा।
अलर्ट, SOP: उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग ने जिलों को का अलर्ट, SOP जारी
केरल के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जिस तरह से मंकीपॉक्स महामारी के मरीजों का आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा उसने बाकी राज्यों को भी संतर्क होने का मैसेज दे दिया है। दिल्ली से बेहद पास होने के चलते उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स महामारी को लेकर सभी 13 जिलों को अलर्ट मोड में रहने को कहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (Natioanal Health Mission) ने मंगलवार को मंकीपॉक्स को लेकर SOP जारी कर दी है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी ज़िलाधिकारियों और CMOs को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। खासकर विदेश यात्रा से लौटने वालों में मंकीपॉक्स के लक्षणों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है।
अब तक राहत की बात यह है कि पिछले दिनों हरिद्वार में संदेह के आधार पर एक मरीज का सैंपल लेकर जांच को भेजा गया था, जिसका रिजल्ट निगेटिव आया। स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिए हैं कि अगर किसी में भी मंकीरॉपॉक्स के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत जांच कराई जाए और उस व्यक्ति को आइसोलेट कर दिया जाए।
जानिए मंकीपॉक्स के लक्षण
-बुखार
-शरीर में दर्द
-ठंड लगना
-मांसपेशियों में दर्द
-थकान और सुस्ती
-बुखार के वक्त बहुत ज्यादा खुजली वाले दाने उभर आना
-चेहरे, हाथ और शरीर के बाकी हिस्सों पर चकत्ते व दाने।
मंकीपॉक्स को बिलकुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। अब तक इस महामारी के दुनियाभर में 20 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। अफ्रीका में इसका कहर सबसे अधिक दिख रहा जहां 75 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
WHO लगातार चेता रहा है कि समलैंगिक पुरुषों में मंकापॉक्स वायरस के संक्रमण का अधिक रिस्क है। या फिर जिस पुरुष का संबंध दूसरे पुरुष से रहता है उनको मंकीपॉक्स होने का खतरा अधिक है। इसके चलते LGBTQ कम्यूनिटी में खासी चिन्ता और हलचल दिख रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी नई हेल्थ एडवाइज़री में कहा है कि मंकीपॉक्स का खतरा सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं है बल्कि कोई भी जो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आएगा उसमें मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक रहेगा।