Martyr Lance NaIk Chanderashekhar Harbola body reaches Haldwani: सियाचिन में माँ भारती की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद लांस नायक चन्द्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर 38 साल बाद बुधवार को उनके घर हल्द्वानी पहुँचा। 19 कुमाऊं रेजीमेंट के लांस नायक हरबोला 29 मई 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान देश सेवा की अपनी ड्यूटी निभाते हुए बर्फ़ीले तूफान में फंस कर शहीद हो गए थे। लेकिन उनके शव की तलाश अब तक जारी थी और 14 अगस्त को उनके परिवार को सेना की तरफ से सूचना मिलती है कि सियाचिन ग्लेशियर में बर्फ़ीले तूफान में फंस गए शहीद लांस नायक चंद्रशेखर का शव मिल गया है।
अपने शहीद पति का शव मिलने की सूचना पाकर उनकी पत्नी और दोनों बेटियों का 38 साल पुराना जख्म हरा हो गया और तब से शहीद के पार्थिव शरीर के इंतजार में परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बुधवार को शहीद जवान का पार्थिव शरीर हल्द्वानी उनके घर लाया गया, जहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला को अंतिम विदाई देने पहुँचे। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने शहीद के परिजनों के सांत्वना भी दी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी शहीद जवान चन्द्रशेखर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला मूलत: अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट के हाथीगुर बिंता के रहने वाले थे और 15 दिसंबर 1971 को कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर रानीखेत में सेना में भर्ती हुए थे। ऑपरेशन मेघदूत के दौरान सियाचिन में बर्फ़ीले तूफान में जब उनकी शहादत हुई तब वे मात्र 28 साल के थे। उस समय उनकी बड़ी बेटी आठ साल और छोटी बेटी चार साल की थी। उनकी पत्नी की उम्र अब 65 साल है जिनको हमेशा इंतजार था कि वे एक दिन घर जरूर आएंगे।
ज्ञात हो कि लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला के शव की पहचान उनके डिस्क नंबर से हुई है। दरअसल अब जब सियाचिन ग्लेशियर की बर्फ पिघलनी शुरू हुई है तो खोए सैनिकों की तलाश शुरू की गई है। इसी दौरान 13 अगस्त को एक सैनिक का शव ग्लेशियर पर बने एक पुराने बंकर में मिला। शव की पहचान सैनिक को सेना की तरफ से मिले डिस्क नंबर- 4164584 से की गई। इसके बाद पता चल गया कि यह शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का शव है।
ऑपरेशन मेघदूत
दरअसल, 13 अप्रैल 1984 को पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया था। लांस नायक हरबोला ऑपरेशन मेघदूत टीम का हिस्सा थे और पॉइंट 5965 पर क़ब्ज़ा करने निकली टीम का हिस्सा थे। लेकिन हिमस्खलन की चपेट में आने से यह 19 सदस्यीय गश्ती दल लापता हो गया और सर्च अभियान में सिर्फ 14 शव मिल पाए जबकि पांच का पता नहीं चल सका था। अब 38 साल बाद लांस नायक हरबोला का शव मिल सका।