- मंत्री रहते अरविंद पाण्डे ने आठ रिश्तेदारों को दिलाई सरकारी नौकरी, भाई, भतीजा, भांजा, दामाद सब एडजेस्ट
देहरादून: UKSSSC पेपर लीक कांड से भर्तियों पर छिड़ा बवाल विधानसभा में बैकडोर भर्तियों तक जा पहुंचा तो अब मंत्री रहते किसने अपने कितने सगे संबंधियों और रिश्तेदारों को नौकरी देकर एडजेस्ट कराया, अब उनकी लिस्ट उजागर होने लगीं हैं।
सोशल मीडिया में एक ऐसी ही नौकरियों की नई लिस्ट तेजी से वायरल हो रही जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद पाण्डे द्वारा अपने घरवालों और रिश्तेदारों पर नौकरियों की खैरात लुटाने की कहानी बयां हो रही है। सोशल मीडिया में वायरल इस लिस्ट में दावा किया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री रहते अरविंद पाण्डे ने 2017-2022 के बीच अपने पद प्रभाव और रसूख का इस्तेमाल कर फर्जी दस्तावेजों के सहारे अपने यूपी बिहार के कई रिश्तेदारों को विभिन्न विभागों में नौकरी लगवाया।
राहुल सैनी जो खुद को युवा कांग्रेस डोईवाला का विधानसभा अध्यक्ष बता रहे हैं, ने अपने फेसबुक पर यह लिस्ट साझा की है। राहुल सैनी द्वारा साझा लिस्ट में दावा किया गया है कि मंत्री रहते अरविंद पाण्डे ने अपने चचेरे भाई सुनील पाण्डे (बिहार निवासी) को रुड़की इंटर कॉलेज में नौकरी दिलाई। दूसरे चचेरे भाई सोनू पाण्डे (बिहार निवासी) को हरिद्वार इंटर कॉलेज में नौकरी दिलाई। जबकि बिहार निवासी अपने भांजे धर्मेंद्र पाण्डे को बालिका इंटर कॉलेज बहादराबाद में नौकरी दिलाई। भतीजे उज्ज्वल पाण्डे को डायरेक्टर पंचायती राज ऑफिस में नियुक्ति और दूसरे भतीजे रितिक पाण्डे को पौड़ी इंटर कॉलेल में नौकरी पर रखवाया। अरविंद पाण्डे ने दामाद संतोष पाण्डे को संस्कृत विद्यालय हरिद्वार में नौकरी दिलाई। अरविंद पाण्डे ने अपने एक और चचेरे भाई जय किशन पाण्डे को जसपुर के इंटर कॉलेज में नौकरी दिलाई। जबकि एक और भतीजे राजू पाण्डे को गुलरभोज इंटर कॉलेज उधमसिंहनगर में नियुक्ति दिला दी।
इतना ही नहीं इस वायरल लिस्ट में यह भी दावा किया गया है कि अरविंद पाण्डे ने कैबिनेट मंत्री रहते अपने रसूख के दम पर पंचायती राज विभाग और विद्युत विभाग में अपने कई करीबियों को ठेके दिलवाए। इस वायरल लिस्ट के अंत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की गई है कि इन सभी नियुक्तियों की सीबीआई से जांच कराई जाए।
सवाल है कि क्या सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही इस लिस्ट में लगाए गए आरोपों में सच्चाई है? अगर इन आरोपों में सच्चाई पाई जाती है तो यह न केवल अरविंद पाण्डे के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है बल्कि भाजपा के लिए भी संकट का सबब बनेगा। आखिर इससे विपक्ष को हमलावर होने का नया मौका मिलेगा।