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ये स्टोरी आपका दिन बना देगी! सानिया मिर्जा बनेंगी देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट, मिर्जापुर की बेटी की ‘उड़ान’ पर देश को है गर्व

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First Muslim woman fighter pilot, Sania Mirza: कहते हैं हौसले बुलंद हों तो मंजिल पाने को हर उड़ान छोटी हो जाती है। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की बेटी सानिया मिर्जा ने इसे सच कर दिखाया है। मिर्जापुर के जसोवर की रहने वाली सानिया मिर्जा एक टीवी मैकेनिक की बेटी हैं और अपनी मेहनत और लगन से उसने 149वीं रैंक के साथ NDA की परीक्षा कर ली है। अब सानिया का एडमिशन फ्लाइंग विंग में हुआ है और इसी के साथ फाइटर पायलट बनने का सपना देखती आई मिर्जापुर की बेटी का सपना पूरा होने जा रहा है।

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जल्द सानिया मिर्जा पुणे स्थित एनडीए एकेडमी से फाइटर पायलट बनकर देश सेवा के लिए आसमान में उड़ान भरने लगेंगी। इसी के साथ सानिया जैसे ही उड़ान भरेंगी वे देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बन जाएंगी। जाहिर है सानिया ने जिस तरह से अपने सपनों को हौसलों के पंख लगाकर ऊंची उड़ान भरी है,वह न सिर्फ मिर्जापुर और उत्तर प्रदेश बल्कि देश भर की अनगिनत बेटियों को प्रेरित करने का काम करेगा।

बचपन से देखा फाइटर पायलट बनने का सपना: पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी से मिली प्रेरणा

एक टीवी मैकेनिक की बेटी सानिया पढ़ने लिखने में शुरू से इंटेलीजेंट थी और शुरुआती पढ़ाई हिंदी माध्यम से ही की।पहले सानिया इंजीनियर बनना चाहती थी लेकिन देश की पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी को देखा तो इरादा बदल लिया और फैसला किया फाइटर पायलट बनने का।

मिर्जापुर जिले में ही स्थानीय स्कूल पंडित चिंतामणि दुबे इंटर कॉलेज से प्राइमरी से 10वीं तक की पढ़ाई करने वाली सानिया ने गुरुनानक इंटर कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई की और जिले की टॉपर बनी। फिर एनडीए परीक्षा की कोचिंग के साथ तैयारी शुरू की और दूसरी बार में NDA Exam पास कर दिखाया। सानिया को ज्वाइनिंग लेटर मिल चुका है और 27 दिसंबर को एनडीए खड़गवासला पुणे पहुंचकर ज्वाइन करना है।

मेरी मां और पिता मेरे सबसे बड़े प्रेरणास्रोत

अपनी इस कामयाबी के पीछे सानिया मिर्जा अपनी मां और पिता के योगदान का बड़ा हाथ मानती हैं। सानिया ने कहा कि मेरे प्रेरणास्रोत मेरे मां और पिता हैं जिन्होंने हर समय मेरा हौसला और हिम्मत बढ़ा सदा मेरा साथ दिया। सानिया मिर्जा ने बताया कि कैसे जब वह बाहर पढ़ाई करती थी तो समाज के लोग बातें बनाते थे लेकिन मेरे माता पिता मेरा साथ देते रहे और हिम्मत बढ़ाते रहे।

वह कहती हैं कि समाज बातें बनाता था लेकिन मेरे पढ़ने की फीस नहीं दे रहा था लिहाजा मेरे ऊपर उन बातों का असर भी नहीं होता था। सानिया ने कहा कि आज की बेटियों के लिए यही कहूंगी कि जो मां बाप बेटियों को शादी के लिए खूब साला पैसा इक्कट्ठा करने को सोचते रहते हैं, उससे अच्छा है कि वे उन पैसों से अपनी बिटिया की पढ़ाई और सपने पूरे करने में लगाएं।

बेटी के सपनों को पूरा करने को टीवी मैकेनिक पिता ने किया 14-14 घंटे काम

कहते हैं बच्चों की कामयाबी के पीछे मां बाप की भी मेहनत और खून पसीना लगा होता है। फाइटर पायलट बनने जा रही सानिया मिर्जा के पिता शाहिद अली ने भी बेटी के सपनों के लिए 8-10 घंटे नहीं 14-14 घंटे काम कर पैसा इकट्ठा किया। पिता का हरदम प्रयास एक ही रहा कि बेटी के सपनों को पूरा करने में पैसे की किल्लत आड़े ना आए। आज बेटी ने एनडीए परीक्षा अच्छी रैंक के साथ पास कर ली तो अब पिता की जिंदगी भर की मेहनत वसूल हो गई। सानिया की मां तबस्सुम मिर्जा कहती हैं कि बिटिया पढ़ने जाती थी तो रात होने पर कई बार टेंशन भी हो जाया करती थी, पड़ोसी बहुत कुछ कहा करते थे लेकिन आज सानिया ने सबको जवाब भी दे दिया और हमें गर्व करने का मौका भी।

NDA में महिलाओं के लिए आरक्षित थी 19 सीट

नेशनल डिफेंस एकेडमी 2022 की परीक्षा में महिला और पुरुष मिलाकर कुल 400 सीट थी जिनमें से 19 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित थी। जबकि इसमें दो सीट महिला फाइटर पायलट के लिए आरक्षित की गई थी जिसमें से एक पर सानिया मिर्जा का सिलेक्शन हुआ है।

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