UKSSSC VPDO RECRUITMENT SCAM, STF WILL FILE CHARGESHEET: मुख्यमंत्री रहते तीरथ सिंह रावत के प्रधान सलाहकार रहे पूर्व UKSSSC अध्यक्ष डॉ आरबीएस रावत की मुश्किलें अब और बढ़ेंगी। उसके साथ ही लपेटे में आए हुए मनोहर कन्याल से आरएस पोखरिया का संकट भी बढ़ेगा। तीनों 2016 में हरीश रावत सरकार में हुई VPDO भर्ती परीक्षा के नीति नियंता थे और इस परीक्षा में जमकर धांधली के आरोप लगे लेकिन आंच धामी सरकार में फाइल खुलने पर आई तो सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।
VPDO भर्ती परीक्षा घोटाले की जांच धामी सरकार उत्तराखंड एसटीएफ से करा रही है जिसमें अब शासन की मंजूरी के बाद UKSSSC के 2016 में अध्यक्ष रहे डॉ आरबीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल और परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाएगी। ज्ञात हो कि एसटीएफ ने आरबीएस रावत, मनोहर कन्याल और आरएस पोखरिया को इसी साल बीते 8 अक्टूबर को गिरफ्तार कर VPDO भर्ती भ्रष्टाचार कांड में सबसे बड़ा एक्शन लिया था। UKSSSC पेपर लीक कांड में एक्शन के बाद VPDO भर्ती परीक्षा में हुई धांधली पर धामी सरकार की यह सबसे बड़ी कार्रवाई थी।
दरअसल, हरीश रावत सरकार द्वारा 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी यानी VPDO के 236 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित कराई थी। यह परीक्षा UKSSSC के पहले अध्यक्ष बनाए गए डॉ आरबीएस रावत की सरपरस्ती में इस उम्मीद से कराई गई थी कि फॉरेस्ट विभाग में पीसीसीएफ यानी सबसे बड़े ओहदे पर काबिज रहे आरबीएस रावत करप्शन फ्री एग्जाम कराकर आयोग की साख बढ़ाएंगे लेकिन इस परीक्षा पर जिस तरह की धांधली के आरोप लगे शायद ही किसी और परीक्षा पर लगे हों।
आरोप लगा कि भ्रष्टाचार के खातिर ओएमआर शीट को झोले में लेकर कुछ ताकतवर लोग कई दिनों तक घूमते रहे। और भी न जाने क्या क्या कांड किए गए! कहीं एक ही घर से टॉपर निकले तो कहीं उधमसिंहनगर के एक ही गांव से करीब बीस प्रतियोगी परीक्षा पास कर गए। हल्ला मचा तो मामला कोर्ट तक पहुंचा और आखिरकार परीक्षा रद करनी पड़ी। लेकिन फिर आरबीएस रावत का इस्तीफा करा दिया गया जिसे मंजूर करने में छह माह से अधिक लगे और इस तरह मामले को दबा दिया गया।
2020 में मुकदमा दर्ज किया गया तो विजिलेंस जांच करके दो साल बैठी रही लेकिन फाइल नहीं खुली। इसी साल UKSSSC पेपर लीक कांड पर बवाल मचा तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसटीएफ को 2016 के VPDO भर्ती भ्रष्टाचार की जांच भी सौंप दी।
खैर अब आरबीएस रावत एंड टीम जेल में है और एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल के मुताबिक तीनों हाई प्रोफाइल आरोपियों के खिलाफ जांच में एसटीएफ के पास पर्याप्त सबूत हैं जिनके आधार पर चार्जशीट तैयार हो गई है। अब शासन ने चार्जशीट फाइल करने की अनुमति दे दी है लिहाजा उम्मीद की जानी चाहिए कि 2016 की वीपीडीओ भर्ती परीक्षा के भ्रष्टाचारियों को उनके अपराध की सजा अदालत से मिले।
सवाल है कि जब हरियाणा में जूनियर बेसिक टीचर्स भर्ती में घोटाले पर पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से लेकर कई अफसर और नेता जेल की सजा भुगत सकते हैं तब उत्तराखंड में कब एक के बाद एक भर्ती भ्रष्टाचार की पटकथा लिखने वाले सफेदपोश और नौकरशाह कब किए की सजा भुगतेंगे? उम्मीद की जानी चाहिए कि एक शुरुआत हो।