Woman Reservation Bill returned from the Governor House: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बड़ी उम्मीदों के साथ राज्य की सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने का बिल विधानसभा से पास कराकर राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा था लेकिन अब राजभवन ने बिल लौटा दिया है। दरअसल इस बिल की ड्राफ्टिंग में कुछ तकनीकी और व्याकारणिक लिहाज से शब्दावलियों में पाई गई त्रुटियों के बाद दोबारा ड्राफ्ट बनाने को बोल लौटाया गया है।
अब राजभवन द्वारा जिन तकनीकी खामियों की तरफ ध्यान दिलाया गया है उनको संशोधित कर बिल दोबारा राजभवन राज्यपाल की मंजूरी को भेजा जाएगा। ज्ञात हो कि हाई कोर्ट द्वारा एक याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सेवाओं में उत्तराखंड मूल की महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद जहां खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगे आकर कहां कि हर हाल में सुप्रीम कोर्ट या विधानसभा के रास्ते महिलाओं के आरक्षण के अधिकार को सुरक्षित रखा जायेगा। इसके बाद राज्य सरकार ने तेजी दिखाकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां हाई कोर्ट आदेश पर रोक लगने से राहत मिल गई थी और उसके बाद महिला आरक्षण को मजबूत कानूनी आधार देने के लिए विधानसभा में उत्तराखंड लोक सेवा ( महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 पारित किया गया था।
ज्ञात हो कि 2006 से राज्य मूल की महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण मिला हुआ है लेकिन यह वाया विधानसभा कानून बनाकर नहीं दिया गया था जिससे अदालती अड़चन का रास्ता भी खुला रहा। धामी सरकार इन्हीं तमाम अदालती अड़चनों से पार पाने और हर हाल में महिलाओं को राज्य सरकार की सेवाओं में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित करने को बिल लेकर आई थी।