
Uttarakhand News: देश की सर्वोच्च अदालत ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को बड़ी राहत दे दी है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा दो साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई जांच करने को लेकर दिए आदेश को रद्द कर दिया है। जबकि अब सुप्रीम कोर्ट में खानपुर विधायक उमेश कुमार के खिलाफ राज्य सरकार की एसएलपी पर सुनवाई जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिलने पर पूर्व सीएम TSR ने देश की शीर्ष अदालत के फैसले को अपने खिलाफ षड्यंत्र रचने वालों के मुंह पर करारा तमाचा बताया है। जाहिर है TSR का इशारा खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की तरफ है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला पक्ष में आने के बाद अब TSR ने कहा है कि उनको ब्लैकमेल करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने पर वे कानूनी रायशुमारी लेंगे।
शीर्ष अदालत के फैसले से खुश नजर आए TSR ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें न्याय मिला है जिसके लिए वे कोर्ट के आभारी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जस्टिस मैठाणी की बेंच के फैसले को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ भी ठहराया है। उन्होंने कहा कि HC ने न उनको नोटिस दिया और न ही सुना लेकिन जाने किन्हीं कारणों के चलते सीबीआई जांच का फैसला सुना डाला। अब हाई कोर्ट के उक्त फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है।
TSR बिना नाम लिए खानपुर विधायक उमेश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि कथित पत्रकार की हरकतों से पूरा प्रदेश वाकिफ है और उसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर वे विधिक राय लेकर फैसला करेंगे। पूर्व सीएम ने कहा कि उक्त कथित पत्रकार ने उन पर करप्शन के आरोप लगाए थे वह ब्लैकमेलिंग के बूते उनकी सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र रच रहा था।
त्रिवेंद्र ने कहा कि उनके बेदाग और शीर्ष कोर्ट द्वारा पक्ष में फैसला सुनाने से ईमानदार और साहसी नेताओं का हौसला बढ़ेगा जिनको षड्यंत्रकारी लोग कोई भी आरोप लगाकर कानूनी उलझन में फंसाने की कोशिश करते हैं। ज्ञात हो कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते उमेश कुमार पर राज द्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था जिसकी एसएलपी पर सुनवाई आगे भी सुप्रीम कोर्ट में जारी रहेगी।