
जोशीमठ भू-धंसाव पर धामी सरकार गंभीर नहीं: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य
हजारों लोगों को उजड़ने से बचाने की फरियाद लेकर आए प्रतिनिधिमंडल के साथ सीएम का रूखा बर्ताव: आर्य
Uttarakhand News: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि उत्तराखंड के धार्मिक-सांस्कृतिक और पर्यटन के साथ साथ सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जोशीमठ शहर में हो रहे भू-धंसाव से मकानों, होटलों तथा सरकारी प्रतिष्ठानों में आ रही दरारों ने स्थानीय जनता ही नही पूरे राज्य की चिंता को बढ़ा दिया है।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से नही ले रही है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि, इतने महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर स्थानीय विधायक राजेन्द्र भंडारी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री से वार्ता करने गए प्रतिनिधिमंडल से राज्य के मुख्यमंत्री का बेरुखा व्यवहार समझ से परे है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले एक साल से जोशीमठ और उसके आस-पास के इलाकों में भूस्खलन और भू- धंसाव होने से सैकड़ों घरों में दरारें आ गयी हैं और हजारों लोग इन घटनाओं से प्रभावित हैं। स्थानीय लोगों, राजनीतिक दलों और दुनिया भर के मीडिया ने इस सवाल को समय-समय पर उठाया है। परन्तु राज्य सरकार ने जोशीमठ को बचाने के लिए किसी सार्थक प्रयास की शुरुआत नही की है।
मकान और खेतों में दरारें आने के बाद अब हाईटेंशन लाइन के खंभे भी तिरछे हो गए हैं। विश्व प्रसिद्ध औली रोप-वे के विशाल पोल भी तिरछे हो रहे हैं। इससे आसपास के घरों को खतरा पैदा हो गया है। अपने उद्यानों के लिए प्रसिद्ध जोशीमठ के बगीचों में लगाए माल्टे व सेब के पेड़ दरार गहरी होने के कारण गिरने शुरू हो गए हैं। अपने आशियानों को टुकड़े-टुकड़े होता देखते हुए जोशीमठ निवासी ढहते मकानों को छोड़ कर सड़कों के किनारे अलाव के सहारे ठिठुरन भरी सर्द रातें काटने को मजबूर हैं।
यशपाल आर्य ने बताया कि जोशीमठ नगर में करीब दो हजार मकान हैं। सरकार द्वारा करवाये गए प्रारंभिक सर्वे के अनुसार भू-धंसाव से 581 मकानों में दरारें आ चुकी हैं। उसके बावजूद सरकार और स्थानीय प्रशासन का यह उपेक्षापूर्ण बर्ताव आश्चर्यजनक है।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि स्थानीय लोग 20 से 25 हजार की आबादी वाले जोशीमठ की बरबादी के लिए अनियंत्रित, अदूरदर्शी विकास को जिम्मेदार मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तपोवन विष्णुगाड परियोजना की एनटीपीसी की सुरंग ने जमीन को भीतर से खोखला कर दिया है दूसरी तरफ बायपास सड़क निर्माण शुरू कर जोशीमठ की जड़ पर खुदाई करके पूरे शहर को नीचे से हिलाया जा रहा है ।
यशपाल आर्य ने बताया कि जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने सरकार द्वारा क्षेत्र के लोगों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। समिति के पदाधिकारियों के अनुसार जब वे लोग देहरादून में सीएम से मिले थे तो क्षेत्रीय विधायक राजेंद्र भंडारी भी उनके साथ थे। सीएम ने एक मिनट से भी कम समय में उनकी आधी-अधूरी बात सुनकर मुख्य सचिव से बात करने को कहा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रचंड बहुमत के अहंकार में सरकार अपने लोकतांत्रिक दायित्व भूल गयी है।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को चेतावनी दी कि वह राजधर्म का निर्वहन कर जोशीमठ को उजड़ने से बचाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर जनता के सामने रखे और पीड़ितों का तुरंत विस्थापन करे।
A MUST WATCH VIDEO TO UNDERSTAND WHAT IS HAPPENING IN JOSHIMATH AND WHY ?