प्रभावितों को दिए जा रहे डेढ़ लाख अंतरिम राहत अंतिम मुआवजा राशि नहीं
CM धामी के सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने स्थिति की स्पष्ट
सचिव ने प्रेस कान्फ्रेंस कर आपदा राहत कार्यो की जानकारी दी
हितधारकों का सरकार रखेगी पूरा ध्यान
आपदा राहत के तक प्रत्येक परिवार को तत्कालिक रूप से 1.50 लाख की अंतरिम सहायता दी जाएगी
Joshimath Sinking: भू धंसाव के चलते जोशीमठ अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। भू धंसाव के खतरे की जद में 723 से अधिक मकान आ चुके हैं जिसके चलते प्रभावितों को विस्थापित किया जा रहा है। लेकिन मुआवजे को लेकर प्रशासन और प्रभावित परिवारों में सहमति नहीं बन पा रही है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून स्थित गांधी पार्क में बिना किसी पुनर्वास पॉलिसी के भू धंसाव की जद में आए भवनों को तोड़ने को अन्यायपूर्ण करार देते हुए मौन उपवास रखा है। रावत ने मांग की है कि जोशीमठ में भू धंसाव संकट के बाद तोड़े जा रहे भवनों का सरकार वन टाइम सेटेलमेंट करे।
वहीं, मुआवजे को लेकर प्रभावितों में बन रही भ्रम की स्थिति को लेकर सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने प्रेस वार्ता करते हुए जोशीमठ आपदा को लेकर स्थिति को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में अभी तक दो होटल जो भू धंसाव के कारण लटक गए hin, उनको डिस्मेंटल करने का आदेश किया गया है क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए है। इसके अलावा अभी किसी का भी भवन नहीं तोड़ा जा रहा है।
भू धंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। असुरक्षित भवनों से लोगों का सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर 1.5 लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है। इसमें 50 हजार रुपये घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रुपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि बाद में समायोजित किया जाएगा।
सीएम सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सरकार लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा दे रही है। जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते है उनको 6 महीने तक 4 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।
इससे पूर्व उन्होंने हितधारकों एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक करते हुए स्पष्ट किया कि भू धंसाव से जो भी यहां पर प्रभावित हुए है उनको मार्केट रेट पर मुआवजा दिया जाएगा। मार्केट रेट हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आयी है। सुरक्षा के दृष्टिगत आजतक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया है।