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गजेंद्र रावत के बाद मनमीत पर मुकदमा, पत्रकारों के दमन का विरोध शुरू

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FIR Registered against journalist: उत्तराखंड सरकार द्वारा चारधाम यात्रा की अव्यवस्थाओं पर खबर लिखने के लिए पत्रकार मनमीत पर मुकदमा दर्ज करने से पत्रकारों में रोष है और कई राजनीतिक दलों ने भी इस दमनकारी नीति की कड़ी निंदा की है। दरअसल, उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के प्रदेश कोषाध्यक्ष मनमीन के खिलाफ उत्तरकाशी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इस बारे मे पूछे जाने पर पत्रकार मनमीत ने बताया कि उन्होंने अपने समाचार पत्र दैनिक भास्कर में यह समाचार प्रकाशित किया कि यात्रा सीजन आरंभ होने से लेकर अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह समाचार लगभग सभी समाचार पत्रों में छपा है लेकिन उन पर इसे लेकर एफआईआर दर्ज हो गई है। 

पत्रकार मनमीत पर हुए मुकदमे को सीपीआई (एमएल) ने बेहद निंदनीय कदम करार है। सीपीआई(एमएल) के उत्तराखंड राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि वे इसकी तीव्र भर्त्सना करते हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा व्यवस्था में जिस तरह की अराजकता का आलम है, उसे पूरा प्रदेश देख रहा है. स्वयं गढ़वाल कमिश्नर द्वारा बुधवार को ही की गयी प्रेस वार्ता में कही गयी बातें अराजकता की स्वीकारोक्ति थी। 

इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि गढ़वाल कमिश्नर खुद कह रहे हैं कि यात्रा के लिए जिनका बाद का रजिस्ट्रेशन है, वो पहले ही आ रहे हैं, इसलिए दिक्कत हो रही है। इसका आशय साफ है कि रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था सिर्फ काग़ज़ों पर है।

जिस रिपोर्ट के लिए पत्रकार मनमीत पर मुकदमा किया गया है, उसमें यात्रा में मरने वालों की संख्या दस लिखी गयी है, जबकि कमिश्नर ने खुद मृतकों की संख्या 11 बताई है।

मैखुरी ने कहा कि हकीकत यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देश के अन्य हिस्सों में चुनाव प्रचार में बड़ी बड़ी डींगें हांक रहे हैं और प्रदेश की खबरें, उनके बड़बोलेपन की हवा निकाल रही हैं। इसी की खीज पत्रकारों पर उतारी जा रही है। पत्रकार मनमीत पर मुकदमा करके बाकी पत्रकारों को भी डराने की कोशिश की जा रही है ताकि वे सरकार की नाकामियां न उजागर करें। उन्होंने कहा,”पत्रकारों को धमकाने की जल्दबाजी में धामी जी के अफसर अखबार के पत्रकार पर मुकदमा करने का कायदा भी भूल गए !”

सीपीआई (एमएल) मैखुरी ने आरोप लगाया है कि भाजपा की सरकार और उसकी संस्थाएं निरंतर उत्तराखंड में पत्रकारों को निशाना बना रही हैं। अभी कुछ दिन पहले ही केदारनाथ में सोने के पीतल हो जाने के मामले में स्वतंत्र पत्रकार गजेंद्र रावत के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज किया गया। जबकि उक्त प्रकरण को उठाने वाले गजेंद्र रावत कोई पहले व्यक्ति नहीं थे। लेकिन लिखने-बोलने वालों को धमकाने के लिए ही उन पर मुकदमा दर्ज किया गया।

इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि वे यह मांग करते हैं कि भाजपा सरकार और उसके अफसर इस तरह पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बंद करें। पत्रकार मनमीत और साथ ही स्वतंत्र पत्रकार गजेंद्र रावत के विरुद्ध दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएं।

वहीं, उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के प्रदेश कोषाध्यक्ष मनमीन रावत के खिलाफ उत्तरकाशी पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे के बाद पत्रकारों में गुस्सा है और 16 मई को सुबह 11 बजे पुलिस मुख्यालय पहुंचकर विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है। उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी तथा प्रदेश महामंत्री हरीश जोशी ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह पुलिस की इस कार्रवाई की कड़ी भर्त्सना करती है। साथ ही यूनियन के पत्रकार सदस्यों से आग्रह किया है कि उत्तरकाशी पुलिस की कार्यवाही के विरोध में पुलिस मुख्यालय में डीजीपी को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज कराया जाएगा।  

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