उत्तराखंड नेताओं की दिल्ली दरबार में दस्तक जारी
Pure Politics: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर पहाड़ पॉलिटिक्स में चर्चाओं को नए सिरे से हवा दे दी है।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र की उत्तराखंड की संस्कृति और सरोकारों से लेकर प्रदेश के तमाम समसामयिक मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई है। जानकर सूत्रों ने खुलासा किया है कि उत्तराखंड के राजनीतिक मुद्दों पर भी प्रधानमंत्री के साथ त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गहराई से बातचीत की है।
पहाड़ पॉलिटिक्स में पहले से ही उत्तराखंड के नेताओं के अचानक तेज हुए दिल्ली दौरों और प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकातों के सिलसिले ने सियासी फिजाओं में गपशप और चर्चाएं तेज कर रखी थी, अब त्रिवेंद्र रावत की ताजा मुलाकात ने इन्हें हवा देने का काम किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुलाकात से पहले धामी कैबिनेट में मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने सबसे पहले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात की। उसके बाद जहां पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी प्रधानमंत्री से मुलाकात कर आए और कहा जा रहा है कि एक और पूर्व सीएम डॉ रमेश पोखरियाल निशंक भी जल्द प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले हैं। राज्यसभा सांसद और बीजेपी के सह कोषाध्यक्ष नरेश बंसल भी प्रधानमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं।
जबकि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और सुबोध उनियाल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। सांसद अनिल बलूनी, त्रिवेंद्र सिंह रावत और अजय भट्ट ने भी शाह से दो दिन पहले मुलाकात की थी।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है,
“आज विश्व के लोकप्रिय नेता और भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय @narendramodi जी से मिलने का सुअवसर प्राप्त हुआ जिसमें उत्तराखंड की संस्कृति व सरोकारों पर बहुत अच्छी चर्चा हुई।
अपनी बड़ी बिटिया कृति की मुहिम हिमालयन थ्रेड्स द्वारा डिजाइन किया श्री बदरी केदार थीम पर बना मफलर व पिरुल से बनी सामग्री माननीय प्रधानमंत्री जी को भेंट की।
पिरूल का ऐसा सुंदर इस्तेमाल देखकर उन्होंने बहुत प्रसन्नता व्यक्त की। इस दौरान इकोफ्रेंडली और पुन: इस्तेमाल हो सकने योग्य कारतूस विषय में भी प्रधानमंत्री जी को विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
बहुत अधिक व्यस्तता होने के बावजूद भी समय देने के लिए मैं माननीय मोदी जी का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं। आपका पुनः धन्यवाद।”
बहरहाल यह महज़ संयोग है या फिर कोई राजनीतिक प्रयोग की पटकथा का पूर्वाभ्यास कि एक तरफ़ बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आये जो कि सत्ताधारी बीजेपी के पक्ष में नहीं रहे, दूसरी तरफ़ उत्तराखण्ड बीजेपी के नेताओं की दिल्ली दौड़ तेज हो गई है। ख़ासकर गढ़वाल क्षेत्र के बीजेपी नेताओं की दिल्ली दरबार में दस्तक का सिलसिला लगातार जारी रहना राजनीतिक पंडितों को दिमाग़ मथने को मजबूर कर दे रहा है।
अब देश में लोकसभा चुनाव नतीजे बीजेपी की उम्मीदों के अनुरूप ना आने के बाद नये सिरे से आरएसएस और मोदी-शाह पेशबंदी करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर कुछ, साफ़ साफ़ कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। लेकिन इतना तय है कि बदरीनाथ से होकर उपचुनाव का जो सियासी रथ अब केदारनाथ की तरफ़ बढ़ चला है, उसके गुजरते – गुजरते कई अनुत्तरित प्रश्न अपने जवाब पा जाएँगे! आपको क्या लगता है, नहीं?