UPS News: कई अवसरों पर देखा गया कि केंद्र की मोदी सरकार ने निर्णय लिया नहीं कि उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार उसे सबसे पहले अपने राज्य में फॉलो करने से नहीं चूकती। यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के मामले में तो धामी सरकार ने न केवल देश में लीड ली बल्कि बीजेपी शासित राज्यों ने भी उत्तराखंड को फॉलो करने का दम भरा।
यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार पन्द्रह अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से सेकुलर सिविल कोड की वकालत की। जाहिर है यूसीसी के जरिए उत्तराखंड ने इस दिशा में बढ़त बनाकर दिल्ली तक संदेश दिया जिसे खूब सराहा गया। लेकिन यूपीएस मामले में धामी सरकार पिछड़ गई और बाजी मार ले गई महाराष्ट्र सरकार।
जैसे ही केंद्रीय कैबिनेट ने एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme- UPS) को मंजूरी दी, उसके 24 घंटे के भीतर ही महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे कैबिनेट ने भी इस योजना पर मुहर लगा दी। यानी शिंदे सरकार के त्वरित एक्शन के बाद अब महाराष्ट्र के कर्मचारियों को एनपीएस यानी न्यू पेंशन स्कीम की जगह यूपीएस का फायदा मिलने लगेगा।
इस तरह मोदी कैबिनेट के फैसले के चौबीस घंटे के भीतर एक्शन लेकर शिंदे सरकार ने महाराष्ट्र को पहला राज्य बना दिया है जहां के कार्मिकों को यूपीएस का फायदा मिलने लगेगा। हालांकि यह अलग बात है कि महाराष्ट्र में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने हैं और शिंदे की अगुआई वाली महायुति सरकार वोटर्स को लुभाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देना चाह रही है।
ज्ञात हो कि शनिवार को ही केंद्रीय कैबिनेट ने एकीकृत पेंशन योजना UPS का ऐलान किया था। योजना की खास बात यह है कि इसके तहत पुरानी पेंशन योजना को तरह ही सरकारी कर्मियों को रिटायरमेंट के बाद औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत मिलेगा।
UPS की खास-खास बातें
यूपीएस योजना 1 अप्रैल 2025 से होगी लागू।
- 50 प्रतिशत की सुनिश्चित पेंशन
सरकारी कर्मियों द्वारा यूपीएस अपनाने पर सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। इसकी रकम सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी। हालांकि 25 वर्ष तक की सेवा पूरी पर ही यह राशि मिलेगी। 25 वर्ष से कम और 10 साल से ज्यादा सर्विस पर उसके अनुपात में पेंशन मिलेगी।
- पारिवारिक पेंशन
किसी भी कर्मचारी के निधन से पहले पेंशन की कुल रकम का 60 फीसदी हिस्सा परिवार को मिलेगा।
एकीकृत पेंशन योजना में रिटायरमेंट के बाद औसत मूल वेतन को 50 प्रतिशत राशि गारंटीड मिलेगी। इसके लिए 25 साल सर्विस मेंडेटरी व सरकारी कर्मियों की मिनिमम पेंशन 10 हजार रुपए।
- न्यूनतम पेंशन
कम से कम 10 साल की सेवा के बाद 10 हजार रुपये प्रतिमाह की न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित होगी। महंगाई भत्तों को जोड़कर आज के हिसाब से यह रकम 15 हजार रुपये के आसपास होगी।
- महंगाई दर के साथ इंडेक्सेशन
उपरोक्त तीनों तरह की पेंशन यानी सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन के मामलों में महंगाई राहत यानी DR के आधार पर इनफ्लेशन इंडेक्सेशन मिलेगा।
- रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त भुगतान
छह महीने की सेवा के लिए (वेतन+डीए) की 10 फीसदी रकम का एकमुश्त भुगतान होगा। यानी अगर किसी की 30 साल की सर्विस है तो उसे छह महीने की सेवा के आधार पर एकमुश्त भुगतान (इमॉल्यूमेंट) होगा।
अब अगर केंद्र सरकार को तर्ज पर सभी राज्यों ने UPS लागू किया तो 90 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को इसका फायदा होगा।
- 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को होगा फायदा मिलेगा एनपीएस और यूपीएस का विकल्प
केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। यूपीएस आने के बाद अगर कोई कर्मचारी एनपीएस विकल्प के साथ रहना चाहे तो उसमें रह सकता है। परंतु अगर कोई कार्मिक यूपीएस विकल्प अपनाना चाहे तो वह इसको चुन सकता है।
- 90 लाख कर्मियों को मिलेगा फायदा
राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार द्वारा बनाई इस संरचना को चुन सकती है। अगर राज्य सरकार के कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं तो 90 लाख कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा।
खबरों के मुताबिक महाराष्ट्र कैबिनेट के निर्णय के अनुसार यूपीएस इसी वर्ष मार्च से प्रभावी होगा और इसका लाभ राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को मिलेगा। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल इस साल नवंबर में समाप्त हो रहा है और इसी के अनुरूप विधानसभा चुनाव दस्तक दे रहे हैं।लिहाजा शिंदे सरकार ने केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय को हाथों हाथ लपक लिया।
- उत्तराखंड में UPS कब ?
वैसे उत्तराखंड में भी सरकारी कर्मचारी अरसे से एनपीएस के विकल्प की बजाय ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम दोबारा लागू करने की मांग कर रहे थे। अब राज्य की धामी सरकार केंद्रीय एक फैसले पर एक्शन लेने में कितना समय लगाती है देखना होगा।