Underworld Don PP Prakash Pandey: आज उत्तराखंड हिमालय की जहरीली होती आबोहवा को बचाने के लिए पूरे जोर शोर के साथ हिमालय दिवस मना रहा है। लेकिन हिमालयी समाज की आबोहवा किस कदर प्रदूषित हो रही इसे लेकर नित नए उदाहरण डरा रहे हैं। तीन तस्वीरें अपने जेहन में देखिए- पहली तस्वीर एक शहर के बाद दूसरे शहर में दिनदहाड़े ज्वैलरी शोरूम में करोड़ों की डकैती पड़ जाना और पुलिस का क्लूलेस नजर आना। दूसरी तस्वीर आपको और बेचैन करेगी कि जंगलात महकमा अपने ही जंगल जमीन पर टिंबर तस्करों की तरफ से होती फायरिंग के मुकाबले बेबस नजर आता है।
तीसरी तस्वीर तो आपको और भी झकझोर देगी कि कई हत्याओं, फिरौती वसूली से लेकर एक से बढ़कर एक आपराधिक मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहा कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का शागिर्द पीपी उर्फ प्रकाश पांडे उर्फ बंटी पांडे जरायम की दुनिया में खून से हाथ रंगाकर अब संन्यासी के भेष में आपको सनातन धर्म, संस्कृति, आध्यात्म का ज्ञान बांटेगा।
अल्मोड़ा जेल में बंद पीपी को पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के संतों ने दीक्षित कर महामंडलेश्वर बना दिया है और अंडरवर्ल्ड माफिया से महामंडलेश्वर बने पीपी उर्फ प्रकाश पांडे और दीक्षा के बाद प्रकाशानंद गिरी बने अपराधी का महा दीक्षा कार्यक्रम अगले साल प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के दौरान पूरे गाजे बाजे के साथ करने का ऐलान किया गया है। लेकिन देर से ही सही प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने अब चौतरफा किरकिरी होते देख जांच बिठा दी है।
जांच के बाद क्या आएगी दीक्षा देने वालों पर आंच ?
अबअल्मोड़ा जेल में आजीवन सजा काट रहे प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को जेल में कुछ संतों द्वारा महंत पद की दीक्षा दिए जाने के प्रकरण में विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने अपर महानिरीक्षक, कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग यशवंत चौहान को जांच अधिकारी नामित किया है। प्रकरण में जेल के अंदर दीक्षा दिए जाने के संबंध में आवश्यक जांच कर एक सप्ताह में जांच आख्या शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
ज्ञात हो कि अल्मोड़ा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुख्यात डॉन प्रकाश पांडे अब संत प्रकाशानंद गिरी महाराज बन गए हैं। गुरुवार को हरिद्वार स्थित जूना अखाड़ा की तरफ से अल्मोड़ा पहुंचे अखाड़ा के थानापतियों ने अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी को जिला जेल में दीक्षा दी गई थी। दीक्षा देने के साथ ही उन्हें कुमाऊं स्थित जूना अखाड़े के कई मठों, आश्रमों का उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया गया था।
चिंताजनक पहलू यह रहा कि जेल प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन और शासन मूकदर्शक बना रहा। जबकि डॉन की दीक्षा के बाद अल्मोड़ा में पत्रकार वार्ता के दौरान श्रीपंचदसनांग जूना अखाड़ा के थानापति राजेंद्र गिरी ने कहा था कि प्रकाशानंद गिरी ऊर्फ प्रकाश पांडे पीपी को जिला जेल में दीक्षा दी गई। उन्होंने बताया कि पीपी की तरफ से धार्मिक क्षेत्र में जाने की इच्छा जताई गई थी।
पहले भी अखाड़ों द्वारा महामंडलेश्वर बनाने पर छिड़ चुका दंगल
दरअसल अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को संत समाज की सदस्यता दिलाने को लेकर उठ रहा विवाद नया नहीं है। इससे पहले भी कई विवादित चेहरों को अखाड़ों में शामिल करने को लेकर विवाद होते रहे हैं। कुछ साल पहले आपने सुना ही था कि विवादित राधे मां को संत समाज द्वारा एक अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाने का विवाद खूब गरमाया था। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद अखाड़े को मजबूरन राधे मां से किनारा करना पड़ा था। फिर हरिद्वार के एक बड़े संत की ओर से गाजियाबाद के शराब माफिया को दीक्षा देकर संत का चोला पहनाने का प्रकरण भी कई दिनों तक मीडिया में छाया रहा था।
भाजपा के ज्वालापुर से विधायक रहे रविदासाचार्य सुरेश राठौर को भी जब निरंजनी अखाड़े की ओर से अपने अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाने की घोषणा की गई थी तो उस पर विवाद हो गया था। बाद में सुरेश राठौर और अखाड़े ने अपने आप को एक दूसरे से अलग कर लिया था।
बोले राजेंद्र गिरि, कोई और भी आना चाहे तो स्वागत
पीपी पांडे को जूना अखाड़े में शामिल करने पर जहां संतों से जवाब देते नहीं बन रहा है वहीं उन्हें दीक्षा देने वाले जूना अखाड़े के थानापति महंत राजेंद्र गिरि अपने निर्णय पर अडिग हैं।
उन्होंने तो अन्य लोगों को भी अपने साथ जुड़ने का खुला ऑफर दिया है। महंत राजेंद्र गिरि ने कहा है कि वे जूना अखाड़े के महंत हैं। पीपी को दीक्षा देकर उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। कोई अगर गलत रास्ता छोड़कर धर्म के मार्ग पर चलना चाहता है तो उसे मौका दिया जाना चाहिए। कहा कि अपराध के शिकंजे में जकड़ा कोई और व्यक्ति भी अगर गलत काम छोड़कर धर्म-कर्म के रास्ते पर चलना चाहता है तो वे उसका भी स्वागत करेंगे।
पीपी मामले को लेकर संत समाज बेचैन
पीपी मामले को लेकर संत समाज में बेचैनी है। अखाड़े के शीर्ष महंतों ने इस मुद्दे से किनारा कर लिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बचते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि यह मामला जूना अखाड़े का अंदरूनी मामला है। उनके संत ही इस बारे में कोई टिप्पणी कर सकते हैं।
परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री और अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि इस मामले का अखाड़े से कोई लेना देना नहीं है। अखाड़े के सचिव महंत महेश पुरी ने भी कहा कि अखाड़े का इस मामले से कोई सरोकार नहीं है।
संतों पर भी हो सकती है कार्रवाई
पीपी को जेल में दीक्षा देने वाले संतों पर भी जूना अखाड़ा कार्रवाई कर सकता है। अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरीगिरी महाराज ने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच कराई जाएगी। सात वरिष्ठ संतो की समिति बनाई गई है। जांच में यह पाया गया कि उन्होंने किसी लालच अथवा पैसा लेकर किसी आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को दीक्षा दी है तो उन्हें अखाड़े से भी बाहर किया जा सकता है।