
Uttarakhand: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली से देहरादून तक उड़ती अटकलों को मीडिया की उपज करार दिया है। दिल्ली में बीजेपी की बैठक से नाराज होकर जाने की खबर को ग़लत बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि वे बैठक से दो मिनट नहीं बल्कि एक ही मिनट में निकल गए थे क्योंकि उनको किसी पहले से तय कार्यकर्मानुसार एक दूसरी जगह जाना था। उन्होंने कहा कि इस संबंधी जानकारी पार्टी नेताओं को देकर वे तुरंत निकल गए थे लेकिन इसके पीछे किसी तरह की नाराज़गी की बात नहीं थी।
हरक पर फिर हमलावर हुए टीएसआर: हरिद्वार सांसद रावत ने कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ वरिष्ठ नेता दिन में कई कई बार कपड़े बदलते हैं और पार्टियां बदलने के मामले में हरक सिंह भी ऐसे ही वरिष्ठ नेता हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरक सिंह रावत के बीजेपी पार्टी फण्ड में 30 करोड़ रुपए का चंदा जुटाने के बयान पर कहा कि भाजपा ने पार्टी चलाने के लिए चंदा जुटाया और 30. करोड़ रुपए नहीं बल्कि 27 करोड़ रुपए चेक के माध्यम से पार्टी फंड में जमा कराए गए थे।
टीएसआर ने निशंक-बहुगुणा से मुलाक़ात की वजह बताई: हरिद्वार सांसद रावत की दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा तथा यहाँ पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात को लेकर भी कई बातें कही जा रही थीं जिन पर जवाब देते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विजय बहुगुणा के स्वास्थ्य का हाल चाल जानने था डॉ निशंक के लेखक गाँव को देखने के लिए वह उनसे मिलने पहुंचे थे।
सरकार और मुख्यमंत्री को मिले स्थायित्व: एक सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एक सरकार और मुख्यमंत्री को अपना कार्यकाल पूरा करने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस बात के प्रबल समर्थक हैं कि राजनीतिक स्थायित्व के लिए किसी भी मुख्यमंत्री और सरकार का कार्यकाल पूरा करने का समय मिलना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने बीजेपी युवा मोर्चा नेता रहे हिमांशु चमोली से जुड़े मामले के उजागर होने पर कहा कि ऐसे मामले में सख्त एक्शन कानून व्यव्यथ्स की बेहतरी के लिए जरूरी है। उन्होंने पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के भांजे सहित अन्य आर्थिक धोखाधड़ी के आरोपों पर भी त्वरित एक्शन की वकालत की।