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आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना दून शहर के लिए मॉडल प्रोजेक्ट होगी: तिवारी 

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तीन नवंबर से आढ़त बाजार कारोबारियों को मिलने लगेगा मुआवजा 

  • आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना पर एमडीडीए की समीक्षा बैठक, 3 नवंबर से भू-खंड आवंटन व नकद प्रतिकर कार्य प्रारंभ
  • उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी बोले- “आधुनिक सुविधाओं से युक्त नया आढ़त बाजार बनेगा देहरादून का मॉडल प्रोजेक्ट”
  • आढ़त बाजार का पुनर्विकास देहरादून शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करेगा- बंशीधर तिवारी

देहरादून।आढ़त बाजार शिफ्टिंग के लिए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) व्यापारियों को तीन नवंबर से मुआवजा और नए स्थान पर प्लॉट आवंटन करना शुरू करेगा। साथ ही, एमडीडीए ने देहराखास पटेलनगर में बन रहे आढ़त बाज़ार में अगले 10 वर्षों तक ज़मीन की ख़रीद-फरोख्त पर पाबंदी लगा दी है। बुधवार को एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी, आढ़त बाजार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक में परियोजना से जुड़े प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में लेखपाल नजीर अहमद ने उपाध्यक्ष तिवारी को निर्माणाधीन आढ़त बाजार की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया। बताया गया कि प्राधिकरण स्तर पर परियोजना का अधिकांश कार्य पूर्व से ही संपन्न किया जा चुका है।

  • 15 दिन के भीतर स्वेच्छा से ध्वस्त करेंगे पुराने निर्माण

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पुराने आढ़त बाजार के मालिक अपनी संपत्तियों को रजिस्ट्री के माध्यम से लोक निर्माण विभाग (PWD) को हस्तांतरित करेंगे। साथ ही, भूखंड आवंटन और नकद प्रतिकर प्रक्रिया 3 नवंबर 2025 से समानांतर रूप से प्रारंभ की जाएगी। निर्णय के अनुसार, रजिस्ट्री करते समय यह स्पष्ट उल्लेख रहेगा कि संबंधित भू-स्वामी रजिस्ट्री के 15 दिन के भीतर पुराने निर्माण को स्वेच्छा से ध्वस्त करेंगे और छह माह के भीतर नए आढ़त बाजार में अपना निर्माण कार्य पूर्ण करेंगे।

  • 10 वर्षों तक भूमि क्रय-विक्रय रहेगा प्रतिबंधित

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बैठक में कहा कि आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना देहरादून शहर के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट साबित होगी। उन्होंने कहा,”हमारा उद्देश्य है कि सभी प्रभावित व्यापारी सम्मानजनक पुनर्वास के साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त व्यावसायिक परिसर में शीघ्रता से स्थानांतरित हों। एमडीडीए की प्राथमिकता पारदर्शी और जनहितकारी कार्यप्रणाली है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि न तो किसी व्यापारी के हितों को क्षति पहुंचे और न ही विकास कार्यों में विलंब हो।”

 उन्होंने आगे कहा कि प्राधिकरण द्वारा निर्माणाधीन आढ़त बाजार में आवंटित भूखंड का 10 वर्षों तक किसी प्रकार का क्रय-विक्रय प्रतिबंधित रहेगा, जिससे पुनर्विकास का उद्देश्य सुरक्षित रहे। साथ ही, पुराने आढ़त बाजार के चौड़ीकरण कार्य हेतु लेफ्ट और राइट साइड के लिए दो अलग-अलग टीमें गठित करने के निर्देश भी दिए गए।

  • शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को करेगा सुव्यवस्थित

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि आढ़त बाजार के शिफ्ट होने और इसके चौड़ीकरण से आम जनमानस को सहारनपुर चौक से प्रिंस चौक तक लगने वाले भीषण जाम से बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल व्यापारिक दृष्टि से बल्कि यातायात और शहरी सौंदर्य के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आढ़त बाजार का पुनर्विकास देहरादून शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करेगा और स्थानीय नागरिकों को सहज एवं सुगम आवागमन का अनुभव देगा।

  • सुनियोजित विकास की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

प्राधिकरण सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना देहरादून शहर के सुनियोजित विकास की दिशा में एमडीडीए की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस परियोजना का उद्देश्य पारंपरिक व्यापारिक ढांचे को आधुनिक रूप देना और सभी व्यापारियों को स्वच्छ, सुरक्षित एवं सुविधाजनक कार्यस्थल उपलब्ध कराना है। हमारा प्रयास है कि भूखंड आवंटन और प्रतिकर वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से संपन्न हो तथा कोई भी व्यापारी पुनर्वास से वंचित न रहे। यह परियोजना देहरादून के शहरी पुनर्निर्माण का उत्कृष्ट उदाहरण बनेगी।

बैठक में प्राधिकरण सचिव मोहन सिंह बर्निया, संयुक्त सचिव गौरव चटवाल, वित्त नियंत्रक संजीव कुमार, एमडीडीए अधिशासी अभियंता सुनील कुमार, अवर अभियंता सुनील उपरेती, पीडब्ल्यूडी

अधिशासी अभियंता राजेश कुमार, सहायक अभियंता मुस्ताक आलम, सीओ जगदीश चंद्र पंत, तथा आढ़त बाजार एसोसिएशन अध्यक्ष राजेंद्र गोयल, सचिव विनोद गोयल और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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