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धामी हरदा से मुकाबला भूल जाएँ पहले बलूनी से बचकर दिखाएँ, एक्टिव मंत्री महाराज से घर बैठे जनरल खंडूरी आज भी बेहतर

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दिल्ली/देहरादून: वैसे तो आजकल के सर्वे भी गजब सर्वे रहते हैं। जहां चित भी और पट भी सर्वे एजेंसी अपने पास रखती है।
यहाँ हार में भी जीत छिपी रहती है और जीत में हार नजर आती है। शुक्रवार को आए ABP Cvoters Survey को देखकर कांग्रेस कैपेन कमांडर हरीश रावत और स्लॉग ऑवर्स में बीजेपी सरकार को बाइस बैटल जिताने के लिए उतारे गए युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की स्थिति भी हार में जीत और जीत में हार जैसी ही दिख रही है।


ABP Cvoters का सर्वे जहां सत्ता में फिर बीजेपी को आता दिखा रहा है लेकिन जनता मुख्यमंत्री के रूप में हरीश रावत को देखना चाहती है। हैं न गजब! सर्वे कहता है कि आज उत्तराखंड के चुनाव हो जाएं तो बीजेपी 43.1 फीसदी वोट शेयर के साथ 44-48 सीटें जीत लेगी। जबकि कांग्रेस 32.6 फ़ीसदी वोट शेयर के साथ 19-23 सीटें ही जीत पाएगी। बाकी 14.6 फीसदी वोट के साथ AAP शून्य से 4 सीटें जीत सकती है।करीब 10 फीसदी वोट के साथ दो सीटें अन्य के खाते में गई हैं।
ये तो रही वोट शेयर और सीटों की बात, अब ABP CVOTERS SURVEY के लिहाज से जरा जनता किसे मुख्यमंत्री देखना चाहती है वह भी जान लीजिए।

बकौल एबीपी सी-वोटर्स सर्वे उत्तराखंड की 30.6 फीसदी जनता हरीश रावत को अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है। जबकि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को महज 22.5 फीसदी जनता सीएम देखना चाहती है। सर्वे के अनुसार सीएम धामी से जरा सा पीछे खड़े हैं राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी जिनको 19.4 फीसदी लोग अगला मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। जबकि राजनीतिक से रिटायर खंडूरी को अभी भी 4.8 फीसदी लोग मुख्यमंत्री देखना चाहता हैं लेकिन मुख्यमंत्री बनने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी गए मंत्री सतपाल महाराज को सबसे कम महज 3.8 फीसदी लोग ही मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। जबकि AAP के चुनावी चेहरे कर्नल अजय कोठियाल को 9.6 फीसदी लोग अगला मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं।


इसी सर्वे में उत्तराखंड की भाजपा सरकार के कामकाज से 47 फीसदी लोग असंतुष्ट हैं और 17 फीसदी कम संतुष्ट हैं लेकिन आज चुनाव हो जाएँ तो न बीजेपी का वोट घट रहा और न बहुत सीटों का नुकसान हो रहा। यही कमाल है इस सर्वे का!

बहरहाल इस सर्वे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए खतरे की घंटी जरूर बजा दी है। अगले मुख्यमंत्री की रेस में धामी को बलूनी से कड़ी टक्कर मिल रही है। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी अधिकतर दिल्ली में रहते हैं और राज्य की राजनीति में यदा-कदा किसी बयान या किसी सौगात को लेकर एक्टिव दिखते हैं। जबकि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दो महीनों में तमाम सक्रियता, लोकलुभावन वादे-घोषणाओं का पिटारा तो खोला ही, करोड़ो रुपए खर्च कर प्रदेश में ही नहीं देशभर में इसका ढोल भी खूब पीटा है। बावजूद इसके पॉपुलैरिटी चार्ट में बलूनी धामी ढाई फ़र्लांग भी दूर नहीं। क्या पता अगले माह के सर्वे में बलूनी धामी को बीट कर बीजेपी की तरफ से अगले सीएम चेहरे के तौर पर लीड करते नजर आएँ! वैसे इस सर्वे ने सबसे बुरी गत मंत्री सतपाल महाराज की कर डाली है। कहां तो बीजेपी में मुख्यमंत्री बनने गए थे और कहां अब रेस में सबसे कमजोर घोड़े साबित हो रहे।

ABP CVOTERS SURVRY में सभी 70 विधानसभा सीटों पर 15 हजार 850 लोगों से बात करने का दावा किया गया है।

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