Uttarakhand News: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र महज दो दिन में सम्पन्न हो गया तो स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण ने मीडिया से रूबरू होते कहा कि जितना सरकार के पास बिजनस रहेगा सत्र उतने ही दिन चलेगा, जब बिजनस नहीं बचा तो टैक्स पेयर्स के पैसे की बर्बादी किसी के राजनीतिक एजेंडे के लिए क्यों की जाए। जाहिर है आमतौर पर विधानसभा अध्यक्षों के ऐसे बयान कम ही देखने को मिलते हैं लेकिन ऋतु खंडूरी की अपनी राह और रणनीति होगी। खैर, महज दो दिन के सत्र में धामी दो बड़े अहम विधेयक पारित कराकर बड़ा मैसेज दे गए।
उत्तराखंड में धर्मांतरण विरोधी सख्त कानून और राज्य की महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का विधेयक पारित कराकर धामी अपना राजनीतिक लक्ष्य भेदने में कामयाब रहे हैं। महिला आरक्षण विधेयक पारित होने से जहां प्रदेश की मातृ शक्ति में अच्छा संदेश गया तो वहीं, धर्मांतरण विरोधी सख्त कानून के चलते सीएम धामी पर देशभर से तमाम बड़े साधु संतों की तारीफ आशीर्वाद बनकर बरस रही है।
अब पतंजलि संस्थान के महामंत्री और योगगुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने धर्मांतरण विरोधी सख्त विधेयक पारित कराने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जमकर तारीफ की है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मतों की परवाह किए बिना मनों को जीतने वाला कार्य किया है। उन्होंने कहा है कि धामी सरकार ने धर्म के नाम पर चल रहे धर्मांतरण के सांप्रदायिक खेल पर कड़ा कानून बनाकर करारी चोट को है लिहाजा मुख्यमंत्री धामी और राज्य सरकार बधाई की पात्र हैं।
यहां पढ़िए आचार्य बालकृष्ण ने क्या क्या कहा
धर्म उसे कहते हैं जिसके धारण से मनुष्य का कल्याण होता है। धर्म के द्वारा हम रक्षित हैं इसलिए धर्म की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। मत, संप्रदाय के चश्मे से दुनिया को देखने वाले संकुचित विचार व स्वार्थ से जुड़कर धर्म के नाम पर पाखंड व समाज को भ्रमित करने वाले, कभी धर्म के मर्म को समझ नहीं सकते। धर्म के नाम पर धर्मांतरण का जो सांप्रदायिक खेल चल रहा था, उसके ऊपर कड़ा कानून बनाकर उत्तराखंड सरकार ने करारी चोट की है। वास्तव में माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी व उत्तराखंड सरकार बधाई के पात्र हैं। मतों को नहीं मनो को बदलकर सेवा करने वाले बने क्योंकि धर्म किसी को बदलता नहीं। धर्म तो सब को बनाने व बसाने की बात करता है। “यतो धर्मः, ततो जयः”
आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि संस्थान
वहीं साध्वी ऋतम्भरा ने भी धर्मांतरण विरोधी सख्त कानून को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी की खूब प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि गंगा भूमि देवभूमि उत्तराखंड में यह सख्त कानून बनाकर सीएम धामी ने संत समाज के साथ साथ सनातन धर्म की रक्षा को लेकर बड़ा पुनीत कार्य किया है। साध्वी ऋतम्भरा ने कहा कि सीएम धामी ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाकर खुद को मां भारती का सच्चा सपूत साबित कर दिया है और अब जरूरत है कि अन्य राज्यों की सरकारें और मुख्यमंत्री भी पुष्कर सिंह धामी को फॉलो करते हुए सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए सख्त कानून बनाएं।
इससे पहले जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज, वासुदेवानंद महाराज, स्वामी परमात्मानंद, शंकराचार्य राज राजेश्वराश्रम महाराज सहित अनेक साधु संत धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाने को लेकर सीएम धामी और राज्य सरकार की तारीफ कर चुके हैं। दरअसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बखूबी जानते हैं कि धर्मांतरण न केवल बीजेपी बल्कि आरएसएस और संत समाज की चिंता का अहम विषय रहा है। लिहाजा इस एजेंडे पर आगे बढ़कर मुख्यमंत्री ने एक तीर के कई निशाने साध लिए हैं। फिर भले सत्र की मियाद दो दिन ही क्यों ना रही हो, सरकार के मुखिया के नाते वे दूरगामी मैसेज देने में कामयाब रहे हैं।