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ACS राधा रतूड़ी सचिवालय संघ के निशाने पर! प्रताड़ना, अनर्गल टीका-टिप्पणी और सार्वजनिक रूप से अपमानित करने का गंभीर आरोप, दीपक जोशी ने कहा- भेड़ बकरी नहीं, रवैया सुधारें सीनियर IAS, CM दरबार पहुंची शिकायत

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Uttarakhand News: उत्तराखंड सचिवालय संघ ने शासन में बैठे आरामतलब सीनियर नौकरशाहों पर प्रताड़ना, अनर्गल टीका टिप्पणी करने तथा पब्लिकली मीटिंगों में अपमानित करने का गंभीर आरोप लगाया है। सचिवालय संघ ने प्रेस बयान जारी कर अपनी नाराजगी दर्ज कराई है कि वरिष्ठ IAS अधिकारियों की प्रताड़ना, सचिवालय सेवा के प्रति अनर्गल टीका टिप्पणी एवं सार्वजनिक रूप से बैठक में अपमानित किया जा रहा है।

सचियालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा है कि विभागीय बैठकों में सचिवालय सेवा के अधिकारियों को अपमानित किया जा रहा है, जोशी ने कहा कि इस अपमान को देखते हुये भविष्य में बैठकों में न बुलाये जाने की मुख्यमंत्री से मांग की गई है। दीपक जोशी ने दो टूक कहा कि सचिवालय सेवा के अधिकारी और कर्मचारी कोई भेड़-बकरी नहीं हैं, जिनको वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अपमानित करें।

दीपक जोशी ने कहा कि राज्यपाल अभिभाषण की तैयारी सम्बन्धी विगत दिनों हुई एक बैठक, जिसकी अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही थी, में सचिवालय सेवा संवर्ग के एक वरिष्ठ अधिकारी को सार्वजनिक रूप से अपमानित और अनावश्यक प्रताड़ित किया गया। इस मामले में सचिवालय संघ ने आज तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बयान जारी कर कहा कि उक्त अधिकारी द्वारा बैठक में सार्वजनिक रूप से सचिवालय सेवा संवर्ग को कुछ काम न आने तथा पत्रावलियों को लम्बित रखने हेतु सचिवालय सेवा संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों को ही केन्द्रित किये जाने का वक्तव्य देते हुये उपहास किया गया था। संघ ने कहा कि द्वेष भावना से अधिकारी जय लाल शर्मा, जो संयुक्त सचिव के पद पर अपनी सेवायें दे रहे हैं, को प्रताड़ित व अपमानित करने का कृत्य किया गया है।

संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया है कि इससे पूर्व भी कई बैठकों में अपर मुख्य सचिव-मुख्यमंत्री व सचिवालय प्रशासन का यही आचरण व व्यवहार विशेषकर सचिवालय सेवा के प्रति रहा है तथा सचिवालय सेवा संवर्ग के प्रति नकारात्मक रूख रखा जाना और अपमानित किये जाने सम्बन्धित कार्य प्रणाली उक्त अधिकारी द्वारा बना ली गयी है। उन्होंने कहा कि यह सचिवालय सेवा संवर्ग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिये अत्यन्त कष्टकारी एवं आक्रोश उत्पन्न होने वाला कृत्य होता जा रहा है।

संघ की ओर से बताया गया है कि सचिवालय राज्य की सर्वोच्च कार्यालय इकाई है, जहाँ पर कार्यरत सचिवालय सेवा के अधिकारी/कर्मचारी सचिवालय कार्य प्रक्रिया तथा मैनुअल की व्यवस्था के अनुरूप राज्य के विकास में राज्य सरकार के सबसे अभिन्न अंग के रूप में अपनी सेवायें देते हैं। उन्होंने कहा कि एक लम्बी सेवावधि व अनुभव के उपरान्त श्रेणी-क के उच्चतर पदों पर कार्यरत होकर सचिवालय कार्य प्रणाली का कुशल निर्वहन करते हुए विशिष्टता के साथ अपना सहयोग, समर्पण व पर्याप्त अनुभव शासकीय कार्यों में देते हैं। वहीं दूसरी ओर अन्य सेवाओं से सचिवालय में कार्य करने वाले फील्ड स्तर से बहुत ही कम समय की सेवाओं के आधार पर सचिवालय में सीधे अपर सचिव तथा उच्चतर पदों पर विराजमान हो रहेे हैं इनके पास शायद ही सचिवालय कार्य प्रणाली का पर्याप्त अनुभव रहता हो। इसी कारण कभी-कभी कई प्रशासनिक विभागों में इसका विपरीत असर भी देखने को मिलता रहता है।

सचिवालय सेवा के प्रति इस तरह की नकारात्मक मानसिकता के कारण सचिवालय सेवा संवर्ग आक्रोशित है। संघ ने कहा कि ऐसे तथाकथित दूषित मानसिकता रखने वाले अधिकारियों के विरूद्ध लामबन्द होने को आतुर है।

संघ ने यह चेतावनी दी है कि ऐसे अधिकारियों को उनकी सचिवालय सेवा के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण का व्यापक प्रतिउत्तर दिया जाना आवश्यक हो गया है। संघ द्वारा इन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये गये हैं कि इन अधिकारियों को सचिवालय कार्य प्रणाली तथा सचिवालय मैनुअल का कितना ज्ञान व अनुभव है, इस सन्दर्भ में ऐसे अधिकारियों से स्पष्ट कराया जाना भी नितान्त आवश्यक है।

दीपक जोशी ने सवाल पूछा कि ऐसे अधिकारियों द्वारा राज्य के विकास में कितना योगदान दिया जा रहा है? ऐसा कितना कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है? क्या अकेले ही ऐसे अधिकारी सचिवालय में समस्त शासकीय कार्य निष्पादित कर रहे हैं? अगर सचिवालय सेवा के अधिकारी/कर्मचारी कोई शासकीय कार्य नहीं कर रहे है, तो राज्य के नीति/नियम/आदेश कौन बना रहा है? दीपक जोशी ने यह भी पूछा कि कैसे राज्य सचिवालय में उच्च स्तर पर पत्रावलियाँ तैयार होकर आ रही हैं तथा क्या ऐसे तथाकथित अधिकारियों, जो सचिवालय सेवा की पद प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं, द्वारा ही पत्रावलियाँ तैयार करायी जा रही हैं?

सचिवालय संघ की ओर से मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में सचिवालय सेवा संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों का बैठकों तथा यदा कदा प्रबल सार्वजनिक रूप से किये जा रहे उत्पीड़न, सचिवालय सेवा के प्रति अनर्गल टीका टिप्पणी व अपमान करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के ऐसे वरिष्ठ अधिकारियों के आचरण, दुर्व्यवहार व सोच में परिवर्तन हेतु आदेशित करने का अनुरोध मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से किया गया है।तथा ऐसी पुनरावृत्ति न होने के स्पष्ट आदेश सम्बन्धितों को देने का अनुरोध किया है। संघ ने कहा है कि ये वर्तमान परिस्थिति में ऐसे अधिकारियों द्वारा भविष्य में सचिवालय सेवा के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी से इस तरह से किये जाने वाले आचरण, प्रताड़ना किसी भी स्थिति में बर्दाश्त न किये जाने तथा सचिवालय संघ द्वारा ऐसे नकारात्मक मानसिकता व सचिवालय सेवा के प्रति द्वेष भावना रखने वाले अधिकारियों के विरूद्ध बिगुल फूंकने से भी न चूके जाने तथा लामबन्द होकर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ उग्र आन्दोलन अख्तियार किये जाने का आह्वान किय गया है।

संघ की ओर से स्पष्ट रूप से ऐसे अधिकारियों को चेताया गया है कि वर्तमान में उत्पन्न स्थिति के यथावत रहने अथवा पुनरावृत्ति होने पर सचिवालय सेवा संवर्ग का कोई भी अधिकारी/कर्मचारी ऐसी बैठकों में प्रतिभाग नहीं करेगा। न ही भविष्य में ऐसे अधिकारियों की अध्यक्षता वाली बैठक में सचिवालय सेवा संवर्ग के अधिकारियों को बुलाया जाए।

संघ के अध्यक्ष जोशी ने कहा है कि ऐसे कई महत्वपूर्ण व संवेदनशील मामले हैं, जो सचिवालय सेवा संवर्ग पर लगातार कुठाराघाती हो रहे हैं, को लेकर शीघ्र ही सचिवालय संघ मुख्यमंत्री से भेंट कर अपनी पीड़ा व व्यवस्था को दुरूस्त किये जाने की बात प्रमुखता से रखेगा।

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