देहरादून: 18 मार्च 2017 को डबल इंजन सरकार के दम पर पहाड़ पॉलिटिक्स में कुलांचे भरने को उतरी बीजेपी बार-बार इंजन बदलने को मजबूर हुई है। शनिवार को बीजेपी ने खटीमा के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नया नेता चुन लिया और रविवार यानी आज शाम 5:30 बजे नए मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी और उनकी मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण होगा। क्या अब कांग्रेस धामी की काट में यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री भुवन कापड़ी को भी बड़ी ज़िम्मेदारी देकर जवाब देगी!
दरअसल धामी के ज़रिए बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधने का दांव खेला है। पहला दांव तो यही कि युवा सीएम बनाकर यूथ में पॉजीटिव मैसेज दे दिया है और बीजेपी काडर्स में भी संदेश गया कि पार्टी सतपाल महाराज से लेकर हरक सिंह रावत और दूसरे हैवीवेट नेताओं के दबाव की कतई परवाह नहीं करती है और चुनाव में व्यूहरचना भी अपने तरीके से बनाएगी और पत्ते भी अपने ही रखेगी।
तीसरा दांव ये कि लगातार साढ़े चार सालों में कुमाऊं की उपेक्षा के आरोपों को भी एक झटके में धो डाला है।सीएम के रूप में त्रिवेंद्र से तीरथ, दोनों गढवाल से रहे और राज्य से इकलौते केन्द्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी गढ़वाल कोटे में गिने जाएंगे। ऐसे में धामी को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने तराई के ऊधमसिंहनगर से लेकर कुमाऊं के सीमांत जिले पिथौरागढ़ तक संदेश दे दिया है।
सवाल है कि क्या अब बदले हुए सियासी हालात में कांग्रेस भी अपनी चुनावी चाल चलेगी! दो हफ्ते से प्रदेश कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष यानी सीएलपी लीडर चुनाव के बहाने हरदा वर्सेस प्रीतम कैंप में तलवारें खिंचीं हुई हैं। कहा जा रहा कि इंदिरा ह्रदयेश की जगह लेने के लिए विधायकों में कोई ब्राह्मण चेहरा नहीं होने से प्रीतम सिंह को ये ज़िम्मेदारी देने का दबाव बनाया जा रहा। यानी नए पीसीसी अध्यक्ष के तौर पर ब्राह्मण चेहरे की तलाश में जोर-आजमाइश चल रही है। इस रेस में गढ़वाल से गणेश गोदियाल, किशोर उपाध्याय जैसे नाम सामने हैं तो कुमाऊं से मनोज तिवाड़ी, प्रकाश जोशी और भुवन कापड़ी के नाम रेस में हैं।
सवाल है कि अब जब खटीमा विधायक धामी को मुख्यमंत्री के ज़रिए आगे कर बीजेपी ने पत्ता खेल दिया है तब क्या खटीमा से युवा कांग्रेसी नेता भुवन कापड़ी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर राहुल गांधी उसी अंदाज़ में जवाब देंगे! क्योंकि अगर गोदियाल या किशोर को पीसीसी चीफ बनाया जाता है तो सीएलपी लीडर यानी नेता प्रतिपक्ष और पीसीसी चीफ गढ़वाल से हो जाएंगे। वैसे भी अब तक कांग्रेसी कॉरिडोर्स में ऊधमसिंहनगर में पार्टी की जीत की संभावनाओं वाली सीटों में खटीमा को टॉप पर समझा जा रहा था लेकिन अब गेम पूरी तरह से चेंज हो गया है। देखना होगा कांग्रेस 2022 की चुनावी बिसात पर अपने पत्ते कैसे फेंकती है।