चुनाव आया तो लव जिहाद याद आया! लव जिहाद पर एक ही पार्टी की सरकार में तीन CM के तीन अलग-अलग स्टैंड, जनता को समझ क्या रखा है ‘सरकार’!

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  • चुनाव करीब देख अब सीएम धामी ने भी छेड़ा लव जिहाद के खिलाफ सख्त क़ानून का राग
  • पिछले साढ़े चार साल में एक पार्टी की सरकार और तीन मुख्यमंत्रियों के तीन अलग-अलग स्टैंड

देहरादून: लव जिहाद का मुद्दा फिर जेर ए बहस है क्योंकि गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में अफसरों से चर्चा करने पहुँचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। युवा मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि लव जिहाद रोकने और धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए उत्तराखंड के धर्मांतरण क़ानून को पहले से और अधिक सख्त बनाया जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि इस क़ानून को उत्तरप्रदेश की तर्ज पर सख्त और प्रभावी बनाया जाएगा।


दरअसल उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने ज़बरन अंतरधार्मिक विवाह रोकने को गैर कानूनी धर्मान्तरण क़ानून 2020 बनाया है। यूपी के क़ानून के अनुसार ज़बरन धर्म परिवर्तन कराना संज्ञेय और गैर ज़मानती अपराध है और धर्म छिपाकर शादी करने पर 10 साल तक की सजा, नाबालिग या एससी/एसटी समाज की बालिका का धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा, 25 हजार रु जुर्माना हो सकता है।
जबकि उत्तराखंड में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम-2018 मौजूद है जिसके तहत बिना अनुमति धर्मांतरण अथवा साज़िशकर्ता को पांच साल की सजा हो सकती है। ऐसे धर्मांतरण को सरकार शून्य भी कर सकती है। प्रलोभन देकर या दैवी कृपा बताकर धर्मान्तरण करने वालों पर भी यह कानून प्रभावी होगा। साथ ही अगर कोई धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे एक माह पहले ज़िलाधिकारी को सूचना देनी होगी।

लेकिन धर्मांतरण जैसे गंभीर विषय पर सत्ताधारी पार्टी भाजपा के चौथी विधानसभा में अब तक बने तीन सीएम अलग-अलग स्टैंड लेते नजर आ रहे हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज कह रहे हैं कि यूपी की तर्ज पर और राज्य के धर्मांतरण विरोधी क़ानून को और भी सख्त क़ानून की शक्ल देंगे। अगर ऐसा है तो माना जाए कि इसी भाजपा सरकार में महज दो-तीन साल पहले सीएम रहते त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा बनाया गया क़ानून निष्प्रभावी और कमजोर था?


अब ये भी समझिए कि आज से पांच माह पहले विश्व हिन्दू परिषद के एक कार्यक्रम में शिरकत करने गए तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कहते हैं ‘उत्तराखंड में लव जिहाद की समस्या दूसरे राज्यों जितनी बड़ी नहीं है।’


तीरथ से पहले मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी के लक्सर विधायक संजय गुप्ता के ‘लव जिहाद का जवाब लव क्रांति से देंगे’, बयान का सर्मथन करते कहते हैं कि पूरी सेना तैयार करेंगे। तब विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि लव क्रांति को लेकर उन्होंने 500 युवाओं की सेना भी तैयार कर ली है। उस वक्त संजय गुप्ता के बयान का समर्थन तब विधायक और अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उनके बयान को सही ठहरा कर किया था। सवाल है कि अब सरकार के मुखिया के नाते क्या मुख्यमंत्री धामी विधायक संजय गुप्ता की लव क्रांति सेना को विस्तार देने का अभियान नहीं चलवाएँगे!


सवाल है कि पांच साल के लिए बनी एक पार्टी की सरकार में इतने संवेदनशील मसले को लेकर ऐसी भिन्न राय सरकार के मुखिया के नाते कैसे आ सकती हैं? अगर लव जिहाद की समस्या राज्य में वाकई है तो टीएसआर-एक राज में बना क़ानून कैसे इतना जल्दी आज निष्प्रभावी लग रहा है वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को? दूसरा, टीएसआर टू यानी तीरथ सिंह रावत को अप्रैल में मुख्यमंत्री रहते लव जिहाद और धर्मांतरण राज्य की गंभीर समस्या नहीं लग रही थी। लेकिन सितंबर में तीसरे मुख्यमंत्री धामी को यह लव जिहाद और धर्मांतरण इतनी गंभीर समस्या लग रहे कि त्रिवेंद्र राज में बमुश्किल ढाई-तीन साल पहले बना क़ानून ही निष्प्रभावी लग रहा? आखिर जनता को क्या समझ रहे मेरे ‘सरकार’!


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