देहरादून: वैसे ‘बातें कम काम ज़्यादा’ नारा था पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का पर इस पर अमल करते दिख रहे हैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी! कम से कम सोमवार देर शाम ताश के पत्तों की तरह नौकरशाहों को फेंटकर मुख्यमंत्री धामी ने यही संदेश दिया है। अब कहा जा रहा है कि टीएसआर राज में ‘मेरे अधिकारी’ वाले भाव से जमाए गए डीएम और कप्तानों को इशारा हो चुका होगा कि पेकिंग करके रेडी रहें संदेशा अगला-बदली का कभी भी आ सकता है।
सीएम शपथ के बाद धामी ने त्रिवेंद्र रावत के सबसे खास CS ओपी यानी ओमप्रकाश के रूप में नौकरशाही का बरगद हिलाकर अपने तीखे तेवर और बदली सरकार के नए कलेवर का दीदार करा दिया था। ओपी की जगह डॉ एसएस संधू की ताजपोशी कर सीएम धामी ने सबको चौका दिया था। अब दूसरे दौर में सीनियर IAS मनीषा पंवार और आनंद बर्द्धन को नए सिरे से वित्त और गृह जैसे विभाग देकर मैसेज दे दिया है।
कल रात्रि नौकरशाही पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से पहले सीएम धानी ईमानदार छवि की एसीएस राधा रतूड़ी को मुख्यमंत्री कार्यालय से विदा कर कामकाज में और तेज़तर्रार अफ़सरों को तवज्जो देने का संकेत दे चुके थे। सीएम ने आईएएस झा दंपत्ति में नितेश झा को हल्का किया और राधिका झा को मुख्यमंत्री कार्यालय से विदा कर दिया।
अब सोमवार की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ में सीएम धामी ने कई और नौकरशाही के बिगड़ैल बरगद हिला डाले हैं। राधिका से ऊर्जा विभाग लेकर सौजन्या को देकर सीएम धामी ने एक साथ दो दांव चले हैं। TSR के चहेते डॉ नीरज खैरवाल से UPCL लेकर दीपक रावत को एमडी बनाया गया है। ऊर्जा विभाग में सौजन्या और यूपीपीएल में दीपक रावत को बिठाकर ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत को भी मदद पहुँचाने को सीएम ने दो क़ाबिल आईएएस दे दिए हैं। टीएसआर-1 से टीएसआर-2 तक सीएम कार्यालय में नंबर बनाते आए दून डीएम आशीष कुमार श्रीवास्तव का जादू सीएम धामी के आते ही बेअसर हो गया है। अब दून डीएम बनकर आर राजेश नए रिजीम की पसंद बन गए हैं।
सीएम धामी ने बृजेश संत को उपाध्यक्ष MDDA उपाध्यक्ष बनाया है और आर मिनाक्षी सुंदरम से शिक्षा विभाग लेकर राधिका झा के ज़रिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को रिजल्ट दिखाने के लिए काफी मजबूती दे दी है।
वैसे कोई कह रहा था कि नौकरशाही के पत्ते इतना सटीक तरीके से सेट कर फेंटना अकेले सीएम धामी और सीएस संधू का ही कमाल ठहरा या फिर एक्सरसाइज़ में और भी मदद आउटसोर्स हुई होगी! मैंने तो कह दिया कि मुझे यकीन नहीं ऐसी कहानी पर, आपकी आप जानें।
बहरहाल अब इंतजार है जिलों में टीएसआर राज के दौर से मजबूत बने हुए डीएम-कप्तानों के पते बदलने का हो रहा है।