कॉफिडेंशियल रिपोर्ट: मंत्री महाराज का बाउंसर और कमजोर विकेट पर खड़े मुख्यमंत्री धामी

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  • अफसरों की ACR का मुद्दा सीएम, कैबिनेट से लेकर बीएल संतोष और हर मंच पर उठा रहे मुद्दा

देहरादून: टीएसआर राज कहिए या फिर भाजपा सरकार 1.0 मुख्यमंत्री के बाद नंबर दो पर शपथ लेने के बावजूद सतपाल महाराज को कभी टेढ़े सचिव और दूसरे अधिकारियों के जरिए तो कभी उनकी योजनाओं पर गर्मजोशी न दिखाकर उनके रास्ते रोकने की खूब कोशिशें होती रही। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुआई वाली भाजपा सरकार 2.0 में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज पुरानी परिपाटी का दोहराव कतई होने नहीं देना चाहते हैं।

यही वजह है कि महाराज ने धामी सरकार 2.0 में शपथग्रहण के तुरंत बाद विभागीय सचिव और अफसरोें की ACR (एनुअल कॉन्फ़िडेंसियल रिपोर्ट- वार्षिक गोपनीय आख्या) लिखने का अधिकार मंत्रियों को दिलाने की मुहिम छेड़ दी। महाराज ने तमाम राज्यों में मंत्रियों को सचिवों व अफसरोें की एसीआर लिखने का अधिकार होने और सिर्फ उत्तराखंड में ऐसा न होने का मुद्दा पहली ही धामी कैबिनेट बैठक में उठा दिया था।

महाराज ने न केवल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने मंत्रियों को एसीआर लिखने का अधिकार देने की पैरवी की बल्कि इस मुद्दे पर एक्शन होता न देखकर दो दिवसीय देहरादून प्रवास पर पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष के सामने भी उठा दिया। मंत्री महाराज ने बीएल संतोष के सामने अन्य राज्यों की तरह ही उत्तराखंड में भी मंत्रियों को एसीआर लिखने का अधिकार दिए जाने की जमकर वकालत की।

जाहिर इस मुद्दे पर फैसला सरकार को लेना है न कि संगठन को लेकिन हर मंच पर मंत्रियों को अपने अधिकारियों की एसीआर लिखने का अधिकार देने की वकालत कर मंत्री महाराज ने इस मुद्दे को अंजाम तक पहुँचाने के अपने इरादे का अहसास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी करा दिया है। हालाँकि महाराज ने इस मुद्दे को ज़ोरदार ढंग से उठाया और अंक झटके में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से लेकर यंगेस्ट मिनिस्टर सौरभ बहुगुणा समर्थन में उतर आए तो हालात भांपकर मुख्यमंत्री धामी ने भी मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु को कमेटी गठित करने के निर्देश दे दिए।

ऐसा लगता है कि मंत्री सतपाल महाराज के सब्र का प्याला अब छलकने लगा है और शायद उनको मुख्यमंत्री की कमेटी आश्वासन झुनझुना नजर आ रहा। संभवतया तभी वे बीएल संतोष के सामने भी एसीआर का मुद्दा उठाने से नहीं चूके। इतना ही नहीं मंत्री महाराज ने मुख्यमंत्री की कमेटी और फैसले का इंतजार करने में वक्त जाया न करते हुए पंचायती राज मंत्री की हैसियत से बीडीओ की एसीआर लिखने का अधिकार ब्लॉक प्रमुख को दे दिया है।

मंत्री महाराज ने बीकेटीसी और सिंचाई विभाग के अपने नकारा अफसरों की एसीआर में विपरीत आख्या के आदेश दे दिए हैं। साफ है मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड में नासूर बनती नकारा नौकरशाही पर लगाम लगाने को लेकर एसीआर का ऐसा बाउंसर फेंक दिया है, जिसे लेकर तमाम अफसरोें की तिकड़मबाजी के बावजूद मुख्यमंत्री धामी के लिए इससे बहुत देर कर मुँह मोड़े रखना आसान नहीं होगा।

सतपाल महाराज ने गुरुवार को फिर मंत्रियों को सचिवों, अफसरों की एसीआर लिखने का अधिकार देने की वकालत कर मुख्यमंत्री धामी पर नए सिरे से दबाव बना दिया है।


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