न्यूज़ 360

मुख्यमंत्री को मशविरा मंत्री की खिंचाई: ये अचानक हरदा क्यों मंत्री महाराज के पीछे हाथ धोकर पड़ गए!

Share now
  • ‘धामी जी; ‘गड्ढा सरकार’ नहीं बनना तो छीन लें मंत्री महाराज से पीडब्ल्यूडी’
  • पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिया मशविरा
  • लोक निर्माण विभाग (PWD) की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने हाथों में लें: हरीश रावत
  • उत्तराखंड की बदहाल सड़कों को देखकर दुखी: हरीश रावत
  • मुख्यमंत्री धामी खुद इन बदहाल सड़कों को सुधारने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लें: हरीश रावत
  • मुख्यमंत्री धामी जल्द इस जिम्मेदारी को लें वरना आपकी सरकार को ‘गड्ढा सरकार’ कहना पड़ेगा: हरीश रावत
  • हरदा का हमला सीधे मंत्री सतपाल महाराज पर क्योंकि लोक निर्माण विभाग उन्हीं के पास
  • पर्यटन विभाग के मंत्री भी महाराज और वहां भी हरदा को दिख रहा सब चौपट

ADDA In-Depth: धामी सरकार 2.0 के बीते एक साल में ये पहला मौका है जब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने धुर सियासी विरोधी सतपाल महाराज पर तीखा तंज कसा है। हरदा का ये हमला सतपाल महाराज के धामी सरकार 2.0 के पहले साल के PWD में कामकाज पर कटाक्ष तो है ही, पिछले छह साल से टूरिज्म विभाग के कर्ताधर्ता होने के नाते भी उनको आईना दिखाने का दांव है।

अब एक जमाने कांग्रेस की सियासत में हरीश रावत और सतपाल महाराज पक्के वाले प्रतिद्वंद्वी हुआ करते थे, फिर हरदा की सीएम की कुर्सी मिली तो महाराज झोला उठाकर बीजेपी पहुंच गए। आज महाराज धामी सरकार में मंत्री हैं और पर्यटन विभाग 2017 से संभाल रहे हैं, जबकि ठीक 2022 के चुनाव से चंद माह पहले युवा पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया तो कोपभवन में जा बैठे महाराज पीडब्ल्यूडी जैसे भारी भरकम विभाग मिलने की शर्त पर ही दौड़कर शपथ के लिए राजभवन पहुंचे थे। फिर धामी दोबारा मुख्यमंत्री बने तो भी मंत्री महाराज पीडब्लूडी पा गए।

अब हरीश रावत ने मंत्री महाराज पर खास तरीके से हमला बोला है। सोशल मीडिया में हरदा ने लिखा है कि कई लोगों से राज्य को बड़ी अपेक्षाएं होती हैं। लेकिन ऐसे लोगों को जब जिम्मेदारी मिलती हैं तो ये निराश करते हैं। कांग्रेस वेटरन ने सीएम धामी को मशविरा भी दिया और मांग भी कर डाली कि उत्तराखंड की सड़कों की स्थिति देखकर अब इन सड़कों को सुधारने की जिम्मेदारी वे अपने कंधों पर उठा लें। यानी सीधे सीधे हरदा मुख्यमंत्री को मशविरा दे रहे कि लोक निर्माण विभाग से मंत्री महाराज को पैदल कर दिया जाए।

हरदा यहीं नहीं रुकते और मुख्यमंत्री को सचेत करते हैं कि अगर मंत्री महाराज की सरपरस्ती में राज्य की सड़कों की हालत ‘गड्ढों में सड़क या सड़क में गड्ढे’ वाली बनी रही तो फिर मजबूरन धामी सरकार को ही ‘गड्ढा सरकार’ कहना पड़ेगा।

हरदा ने जो कहा हूबहू यहां पढ़िए:

“कई लोगों से राज्य को बड़ी अपेक्षाएं होती हैं। मगर जब जिम्मेदारियां मिलती हैं तो जो निराशा होती है वह कटु आलोचकों को भी दुःखी करती है। उत्तराखंड की सड़कों की स्थिति देखकर मैं, मुख्यमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि अब इन सड़कों को सुधारने की जिम्मेदारी आपको अपने कंधों पर लेनी चाहिए, नहीं तो आपकी सरकार को ही हमको #गड्ढा_सरकार कहना पड़ेगा।”

अब जब आज पूर्व मुख्यमंत्री ने मंत्री महाराज को आईना दिखाने की ठान ही ली तो वे लगे हाथ उनके दूसरे अहम विभाग पर्यटन की भी पीडब्ल्यूडी की जर्जर सड़कों पर चलते चलते कर डालते हैं। रावत मंत्री महाराज पर अटैक करते हुए कहते हैं कि राज्य में टूरिज्म डेवलपमेंट को लेकर बड़ी बड़ी बातें खूब हो रही हैं लेकिन पर्यटन का नाड़ी तंत्र कहीं जाने वाली सड़कों की दुर्दशा इस टूरिज्म सीजन में चिंताजनक है। हरीश रावत ने चिंता जताई है कि कहीं इस साल टूरिज्म सीजन में हमारी सड़कों की पोल पट्टी पूरे देश के सामने ना खुल जाए। यानी सिर पर चारधाम यात्रा है और हरदा PWD और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के विभागों के विकास के दावों का चीरहरण कर उनको असहज कर रहे हैं। ऊपर से मुख्यमंत्री धामी से महाराज से पीडब्ल्यूडी लेकर सड़कों की स्थिति सुधारने की मांग कर महाराज के जले पर नमक छिड़कने का भी काम कर दे रहे।

हरदा ने आगे फिर जो कहा हूबहू यहां पढ़िए

“उत्तराखंड में #पर्यटन विकास की ऊंची छलांग की बात हो रही है, मगर सड़कें जो पर्यटन के नाड़ी तंत्र हैं उनकी दुर्दशा आज इतनी चिंताजनक है कि यदि पर्यटन सीजन इस साल एकाध महीने बाद प्रारंभ हो तो मैं प्रकृति देवी को धन्यवाद दूंगा, नहीं तो हमारी सड़कों की पोल पट्टी पूरे देश के सामने खुल जाएगी। कई जगह तो सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है, यह पहचानना कठिन हो गया है।”

वैसे भी मंत्री महाराज टूरिज्म या पीडब्ल्यूडी, सड़क पर उतरकर हालात जानने की बजाय एकाध बार अफसरों की एसीआर लिखने की अधूरी हसरत का इजहार कर फिर विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों के सवालों से पसीना पसीना होते नजर आते हैं।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!