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UKSSSC Paper Leak Mastermind Hakam Singh Rawat’s unwell mother gets helicopter in TSR regime: उत्तराखंड में करप्शन का दीमक किस कदर सिस्टम में घुसपैठ कर पूरी व्यवस्था को ही खोखला कर दे रहा है इसका अंदाज़ा यूकेएसएसएससी के स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कांड होने के बाद साबित हो गया है। उत्तरकाशी के एक डीएम के कुक से जिंदगी का सफर शुरू करने वाला हाकम सिंह रावत कैसे जीरो टॉलरेंस की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में इतना रसूखदार हो जाता है कि उसकी बीमार का देहरादून में इलाज होना होता है तो सूबे की सरकार मददगार बनकर हैलिकॉप्टर लेकर गांव उतर पड़ती है। कल्पना करिए एक पूर्व ग्राम प्रधान का जब किसी सत्ता प्रतिष्ठान में ऐसा रसूख़ बन गया हो तब उसने क्या क्या न गुल खिलाए होंगे!
जरा कल्पना करिए एसटीएफ की गिरफ़्त में आने के बाद जो शख़्स अब मास्क को ढाल बनाकर चेहरा छुपाए डरा सहमा नजर आ रहा है, उसकी चंद दिनों पहले तक पिछले तीन चार पांच सालों में फेसबुक पर मुस्कान बिखेरती मुद्रा के बगलगीर बनकर कायल कौन कौन नजर नहीं आ रहे! हाकम सिंह जिस दौर में भर्ती परीक्षा लीक कराकर बेरोज़गार बच्चों के भविष्य का सौदा कर रहा था तब गौर से देखिए उसकी ऊठ-बैठ किन किरदारों के साथ हो रही थी।
तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आशीर्वाद लेते तो हाकम सिंह रावत बारम्बार नजर आया ही ‘खाकी में इंसान’ फ़ेम प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार भी उनके रिजॉर्ट की बालकनी से खड़े होकर आसमान से गिरती सफ़ेद बर्फ का आनंद लेते रहे। क्या पुलिस महकमे के मुखिया होने के नाते हाकम सिंह रावत के रिजॉर्ट की सफ़ेदी की तह में छिपे उसके स्याह मंसूबे नहीं पढ़ लिए जाने चाहिये थे? क्या फ़ॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में पकड़े गए रूड़की के नकलबाज रैकेट में हाकम सिंह रावत के काले कारनामों को नहीं सूंघ लिया जाना चाहिए था।
हालाँकि पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड हाकम सिंह रावत कई और भाजपा नेताओं और मंत्रियों के साथ भी मुस्कान बिखेरता देखा जा सकता है लेकिन सोशल मीडिया पर उसकी टीएसआर के साथ फोटोज की जो आमद दर्ज है उसके दसवें हिस्से में भी सारी भाजपा नहीं टिक पाएगी। फिर जिस तरह से अब एक सरकारी चिट्ठी सोशल मीडिया में कल से वायरल हो रही है जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत राज में 2018 में पूर्व प्रधान की हैसियत से हाकम सिंह रावत अपनी बीमार माँ के इलाज के लिए उत्तरकाशी डीएम और समूचे आपदा प्रबंधन तंत्र को लगाकर अपने गांव में हैलिकॉप्टर उतरवा लेता है ताकि मां को देहरादून में बेहतर इलाज मिल सके।
वैसे पर्वतीय राज्य के दुर्गम इलाक़ों में गंभीर और आपात बीमारी के हालात में हाकम की ही माँ नहीं बल्कि हर ज़रूरतमंद को बेहतर उपचार के लिए एयर एम्बुलेंस जैसी सुविधा मिलनी ही चाहिए। लेकिन यह जानना तकलीफ़देह तब हो जाता है जब आए दिन तस्वीरें और खबरें आती हैं कि बीमार लाचार बुज़ुर्गों को कई कई किलोमीटर डंडी-कंडी के सहारे ग्रामीण छोटे-छोटे अस्पतालों तक पहुँचते हैं और फिर वहाँ से भी रेफर कर दिए जाते हैं। क्या कोई यह तथ्य भूल सकता है कि हर पखवाड़े टीएसआर जीरो टॉलरेस राज में भी खूब आती रही कि प्रसव पीड़ा में गर्भवती महिला को मीलों पैदल ले जाया गया और एम्बुलेंस न मिलने पर सड़क किनारे डिलिवरी करानी पड़ी। इस दौरान कितनी ही बार महिला और नवजात की जान पर भी बन आई।
माजरा समझिये कि टीएसआर राज में सिस्टम हाकम सिंह रावत के आगे कितना नतमस्तक था कि पूर्व प्रधान की हैसियत से हाकम डीएम को पत्र लिखते हैं और तत्कालीन डीएम चिट्ठी तुरंत आपदा सचिव को फ़ॉरवर्ड कर देते हैं। यानी 9 को चिट्ठी आती है और 10 अगस्त को ही डीएम फ़ॉरवर्ड कर डालते हैं और शुरू हो जाती हाकम की हाज़िरी में हैलिकॉप्टर उतारने की प्रकिया। इस तरह हाकम सिंह की बीमार माँ हेलिकॉप्टर से देहरादून पहुँचती हैं और फिर उनको बेहतर इलाज मिलता है। आनन फ़ानन में त्रिवेंद्र सरकार की इस ज़र्रानवाजी से अभिभूत हाकम सिंह रावत फेसबुक पर आकर टीएसआर के सबसे ताकतवर ओएसडी रहे धीरेंद्र सिंह पंवार, उत्तरकाशी के ज़िलाधिकारी और अपर ज़िलाधिकारी को शुक्रिया कहना नहीं भूलते हैं। जाहिर है सरकार साहब की इतनी मेहरबानी के बाद शुक्रिया अदा करना बनता भी है।
बड़ा सवाल है कि क्या जिस तरह से UKSSSC पेपर लीक के मास्टरमाइंड हाकम सिंह रावत का रसूख़ हर गुज़रते दिन प्रदेश की जनता के सामने उजागर हो रहा, ऐसे हालात में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी क्या हाकिमों की जानिब से पड़ने वाले दबाव को झेल पाएँगे? आख़िर कहीं ऐसा न हो कि जिस हाकम सिंह रावत को पेपर लीक माफ़िया और मास्टरमाइंड समझा जा रहा हो वह आगे जांच बढ़े तो मछली साबित हो जाए और घड़ियाल कोई या कई सफ़ेदपोश निकलें! फ़िलहाल को आप इस सरकारी चिट्ठी को पढ़िए और हाकम की हैसियत का अनुमान लगाते जाइये।